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सनातन धर्म की शिक्षा के लिए एक अलग विभाग खोल देना चाहिए: डॉ. मसूद अहमद - सनातन धर्म की शिक्षा को लेकर बयान

एएमयू (AMU - Aligarh Muslim University) में सनातन धर्म की शिक्षा को लेकर तरह-तरह की राजनीतिक बयानबाजियां हो रही हैं. इस मामले में आरएलडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. आइये खबर में जानते हैं कि उन्होंने इस मामले पर क्या कहा है?

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डॉ. मसूद अहमद
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Published : Aug 7, 2022, 3:13 PM IST

अलीगढ़: एएमयू (AMU - Aligarh Muslim University) में सनातन धर्म की शिक्षा को लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है. राष्ट्रीय लोकदल से नाता तोड़ने के बाद डॉ. मसूद अहमद अलग संगठन बनाकर प्रदेश भर में घूम रहे हैं. शनिवार को अलीगढ़ पहुंचे डॉ. मसूद अहमद ने कहा है कि वो इसके खिलाफ नहीं हैं. भाजपा हर जगह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है. सनातन धर्म की शिक्षा के लिए एक अलग विभाग खोल देना चाहिए.

गौरतलब है कि डॉ. मसूद अहमद ने भारतीय क्रांति मोर्चा के नाम से गैर राजनीतिक संगठन बनाया है. इस मोर्चा के जरिए वो यूपी में जन-जागरण कर रहे हैं. इसके चलते शनिवार को अलीगढ़ पहुंचे डॉ. मसूद ने कहा कि वो किसी पॉलिटिकल पार्टी में नहीं हैं, वो आजाद हैं. लेकिन देश की बात करें तो आज संविधान खतरे में है. महंगाई, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. सरकार पूंजीपतियों की जेब भरने का काम कर रही है. कांग्रेस पार्टी इससे लड़ने का काम कर रही है. बाकी पार्टियां इस लड़ाई में शामिल नहीं हैं.

मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मसूद अहमद

यह भी पढ़ें- AMU के इस्लामिलक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई पर मचा बवाल, अब विद्यार्थियों ने उठाई ये मांग

एएमयू में सनातन धर्म की पढ़ाई को लेकर डॉ. मसूद ने कहा कि मैं इसके खिलाफ नहीं हूं. भाजपा हर जगह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने का काम करती है. सनातन धर्म की शिक्षा के लिए एक अलग विभाग खोल देना चाहिए. लेकिन इस्लामिक स्टडी में ही दोनों की पढ़ाई कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा कि बीएचयू में संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम प्रोफेसर को अपॉइंट नहीं होने दिया गया. भाजपा के लोगों ने इसका विरोध किया. इसलिए सनातन धर्म के लिए AMU में अलग विभाग खोल देना चाहिए. इसको विवाद का मुद्दा न बनाया जाए.

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अलीगढ़: एएमयू (AMU - Aligarh Muslim University) में सनातन धर्म की शिक्षा को लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है. राष्ट्रीय लोकदल से नाता तोड़ने के बाद डॉ. मसूद अहमद अलग संगठन बनाकर प्रदेश भर में घूम रहे हैं. शनिवार को अलीगढ़ पहुंचे डॉ. मसूद अहमद ने कहा है कि वो इसके खिलाफ नहीं हैं. भाजपा हर जगह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है. सनातन धर्म की शिक्षा के लिए एक अलग विभाग खोल देना चाहिए.

गौरतलब है कि डॉ. मसूद अहमद ने भारतीय क्रांति मोर्चा के नाम से गैर राजनीतिक संगठन बनाया है. इस मोर्चा के जरिए वो यूपी में जन-जागरण कर रहे हैं. इसके चलते शनिवार को अलीगढ़ पहुंचे डॉ. मसूद ने कहा कि वो किसी पॉलिटिकल पार्टी में नहीं हैं, वो आजाद हैं. लेकिन देश की बात करें तो आज संविधान खतरे में है. महंगाई, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. सरकार पूंजीपतियों की जेब भरने का काम कर रही है. कांग्रेस पार्टी इससे लड़ने का काम कर रही है. बाकी पार्टियां इस लड़ाई में शामिल नहीं हैं.

मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मसूद अहमद

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एएमयू में सनातन धर्म की पढ़ाई को लेकर डॉ. मसूद ने कहा कि मैं इसके खिलाफ नहीं हूं. भाजपा हर जगह हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने का काम करती है. सनातन धर्म की शिक्षा के लिए एक अलग विभाग खोल देना चाहिए. लेकिन इस्लामिक स्टडी में ही दोनों की पढ़ाई कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा कि बीएचयू में संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम प्रोफेसर को अपॉइंट नहीं होने दिया गया. भाजपा के लोगों ने इसका विरोध किया. इसलिए सनातन धर्म के लिए AMU में अलग विभाग खोल देना चाहिए. इसको विवाद का मुद्दा न बनाया जाए.

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