अलीगढ़: रेलवे पुलिस के डॉग स्क्वाड दस्ते में शामिल लिंनी की शनिवार को मौत हो गई. नर स्वान लिंनी कई दिनों से बीमार था. मथुरा के वेटरनरी मेडिकल कॉलेज में लिंनी का इलाज चल रहा था, लेकिन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने लिंनी की बीमारी को इंक्यूरेबल बता दिया था. वहीं लिंनी की तबीयत अधिक खराब होने पर शनिवार को उसने दम तोड़ दिया. इससे रेलवे सुरक्षा बल शोक में डूबा है.
बता दें कि लिंनी छह साल से आरपीएफ डॉग स्क्वाड में शामिल था. आरपीएफ पोस्ट पर थाने के समस्त स्टाफ ने उसे श्रद्धांजलि दी और पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. आठ साल के लिंनी ने पिछले छह साल में आरपीएफ को कई घटनाओं के राजफाश करने में सहयोगी की भूमिका अदा की थी. लिंनी की मौत से रेलवे सुरक्षा बल शोक में डूबा है.
सम्मान से किया गया अंतिम संस्कार
रेलवे सुरक्षा बल के सहायक सुरक्षा आयुक्त धीरेंद्र कुमार, अलीगढ़ स्टेशन आरपीएफ प्रभारी चमन सिंह तोमर, क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर आरके कौशिक के नेतृत्व में आरपीएफ पोस्ट के कर्मियों ने लिंनी को श्रद्धांजलि दी और पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया. आरपीएफ इंस्पेक्टर चमन सिंह तोमर ने बताया कि 15 अप्रैल 2012 को लिंनी का जन्म हुआ था और पिछले छह साल से रेलवे सुरक्षा बल के डॉग स्क्वाड में वह शामिल था.
लिंनी ने कई संगीन घटनाओं का राजफाश कराने में मदद की थी. रेलवे स्टेशन पर बम की सूचना मिलने पर लिंनी की मदद ली जाती थी. 19 सितंबर से लिंनी बीमार था और उसका मथुरा के वेटरनरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था. वेटरनरी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने लिंनी की बीमारी को देखते हुए 28 अक्टूबर को ही अनफिट करार दे दिया था. तब से उसका उपचार डॉग कैनल पर पशु चिकित्सकों की देखरेख में चल रहा था. शनिवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर लिंनी ने दम तोड़ दिया.