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डॉक्टर ने 106 टीबी ग्रस्त बच्चों को लिया गोद, खुद कर रहे इलाज

अलीगढ़ के डॉक्टर डॉ. विभव वार्ष्णेय ने टीबी ग्रस्त 106 बच्चों को गोद लिया है. वह इन बच्चों का इलाज कर रहे हैं. डॉ. विभव मरीजों के घर तक इलाज के लिए जाते हैं और वह टीबी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता का आह्वान भी करते हैं.

गोद लेकर टीबी ग्रस्त बच्चों का फ्री इलाज
गोद लेकर टीबी ग्रस्त बच्चों का फ्री इलाज
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Published : Feb 24, 2021, 2:10 PM IST

अलीगढ़ : ऐसे बहुत कम ही लोग मिलेंगे जो बीमार बच्चों को गोद लेकर उनका इलाज कर रहे हैं. अलीगढ़ में ही एक ऐसे डॉक्टर समाज सेवा में जुटे हैं, जिन्होंने 106 टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लिया है. ऐसे बच्चों का वह स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं और उनके पोषाहार, शिक्षा, स्वास्थ्य का प्रबंध भी करते हैं. डाक्टर विभव वार्ष्णेय के इस काम को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सराहा है और सम्मानित भी किया है.

गोद लेकर टीबी ग्रस्त बच्चों का फ्री इलाज
106 पीड़ित बच्चों को गोद लेकर कर रहे इलाजसरकार द्वारा टीबी रोगग्रस्त बच्चों के इलाज के लिए समाजसेवियों को आगे आने का आह्वान किया गया था. टीबी मुक्त भारत करने के लिए एक तरफ सरकार जूझ रही है. ऐसे समाजसेवी भी सरकार के काम में सहयोग कर रहे हैं. डॉ. विभव वार्ष्णेय ने टीबी ग्रस्त 106 बच्चों को गोद लिया है. स्वास्थ्य विभाग से उन्होंने टीवी ग्रस्त बच्चों का नाम और पता मालूम किया और उन बच्चों को गोद लेकर वह उनका इलाज कर रहे हैं. इसके साथ ही उनके पौष्टिक आहार का भी ख्याल रखते हैं. बच्चों के लिए दाल, सब्जियां, गेहूं, तेल, बिस्किट आदि उपलब्ध कराते हैं. डॉ. विभव मरीजों के घर तक इलाज के लिए जाते हैं और वह टीबी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता का आह्वान भी करते हैं. उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज बीच में छोड़ना बहुत घातक होता है. बच्चों को पौष्टिक आहार देते हैं, जिससे वह न सिर्फ टीबी से बचते हैं. बल्कि कुपोषण से भी उनका बचाव होता है.टीबी होने पर बच्चों का विकास रुक जाता हैडॉ. विभव ने बताया कि "टीबी देश में बहुत ही आम बीमारी है. खान-पान की कमी, आर्थिक मजबूरियां, साफ सफाई के अभाव से बीमारी फैलती है. घर में किसी परिवार के सदस्य को टीबी होने पर बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इससे बच्चों का विकास रुक जाता है और उन्हें अन्य बीमारियां भी हो जाती है. हर बच्चे के जन्म पर उसे टीबी का टीका लग जाएं. ताकि बच्चे का बचाव जन्म से ही हो जाए और यह पहल सरकार की तरफ से स्वास्थ विभाग कर रहा है.निशुल्क इलाज के साथ पोषण भीउन्होंने बताया कि टीबी की दवा बिल्कुल मुफ्त है. डॉक्टर विभव देश को टीबी मुक्त करना चाहते हैं. यूपी में टीबी के मरीज ज्यादा है और इसके लिए आम आदमी सरकार को दोषी ठहराते हैं, लेकिन आम आदमी का भी कर्तव्य है कि टीबी मुक्त भारत अभियान जैसे सेवा कार्य में आगे आओ. उन्होंने बताया कि हमारे सेंटर पर जो भी व्यक्ति टीबी से पीड़ित आएगा. उसका इलाज, दवा और खाना-पीना बिल्कुल निशुल्क देंगे. डॉ. वैभव ने बताया कि गोद लिए इन बच्चों का उपचार चलने तक ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही इनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी.

अलीगढ़ : ऐसे बहुत कम ही लोग मिलेंगे जो बीमार बच्चों को गोद लेकर उनका इलाज कर रहे हैं. अलीगढ़ में ही एक ऐसे डॉक्टर समाज सेवा में जुटे हैं, जिन्होंने 106 टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लिया है. ऐसे बच्चों का वह स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं और उनके पोषाहार, शिक्षा, स्वास्थ्य का प्रबंध भी करते हैं. डाक्टर विभव वार्ष्णेय के इस काम को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सराहा है और सम्मानित भी किया है.

गोद लेकर टीबी ग्रस्त बच्चों का फ्री इलाज
106 पीड़ित बच्चों को गोद लेकर कर रहे इलाजसरकार द्वारा टीबी रोगग्रस्त बच्चों के इलाज के लिए समाजसेवियों को आगे आने का आह्वान किया गया था. टीबी मुक्त भारत करने के लिए एक तरफ सरकार जूझ रही है. ऐसे समाजसेवी भी सरकार के काम में सहयोग कर रहे हैं. डॉ. विभव वार्ष्णेय ने टीबी ग्रस्त 106 बच्चों को गोद लिया है. स्वास्थ्य विभाग से उन्होंने टीवी ग्रस्त बच्चों का नाम और पता मालूम किया और उन बच्चों को गोद लेकर वह उनका इलाज कर रहे हैं. इसके साथ ही उनके पौष्टिक आहार का भी ख्याल रखते हैं. बच्चों के लिए दाल, सब्जियां, गेहूं, तेल, बिस्किट आदि उपलब्ध कराते हैं. डॉ. विभव मरीजों के घर तक इलाज के लिए जाते हैं और वह टीबी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता का आह्वान भी करते हैं. उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज बीच में छोड़ना बहुत घातक होता है. बच्चों को पौष्टिक आहार देते हैं, जिससे वह न सिर्फ टीबी से बचते हैं. बल्कि कुपोषण से भी उनका बचाव होता है.टीबी होने पर बच्चों का विकास रुक जाता हैडॉ. विभव ने बताया कि "टीबी देश में बहुत ही आम बीमारी है. खान-पान की कमी, आर्थिक मजबूरियां, साफ सफाई के अभाव से बीमारी फैलती है. घर में किसी परिवार के सदस्य को टीबी होने पर बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इससे बच्चों का विकास रुक जाता है और उन्हें अन्य बीमारियां भी हो जाती है. हर बच्चे के जन्म पर उसे टीबी का टीका लग जाएं. ताकि बच्चे का बचाव जन्म से ही हो जाए और यह पहल सरकार की तरफ से स्वास्थ विभाग कर रहा है.निशुल्क इलाज के साथ पोषण भीउन्होंने बताया कि टीबी की दवा बिल्कुल मुफ्त है. डॉक्टर विभव देश को टीबी मुक्त करना चाहते हैं. यूपी में टीबी के मरीज ज्यादा है और इसके लिए आम आदमी सरकार को दोषी ठहराते हैं, लेकिन आम आदमी का भी कर्तव्य है कि टीबी मुक्त भारत अभियान जैसे सेवा कार्य में आगे आओ. उन्होंने बताया कि हमारे सेंटर पर जो भी व्यक्ति टीबी से पीड़ित आएगा. उसका इलाज, दवा और खाना-पीना बिल्कुल निशुल्क देंगे. डॉ. वैभव ने बताया कि गोद लिए इन बच्चों का उपचार चलने तक ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही इनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी.
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