अलीगढ़: जिला कारागार में ऑक्सीजन लेवल कम होने से हालत बिगड़ने पर एक बंदी को जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 76 वर्षीय बंदी हरदयाल को 24 जनवरी को हाथरस से अलीगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया था. दहेज एक्ट की धारा में हरदयाल 4 महीने से जेल में बंद था. उसका डायबिटिज और सांस की बीमारी का इलाज चल रहा था.
डायबिटिज और सांस फूलने की थी बीमारी
मुरसान के रहने वाले 76 वर्षीय विचाराधीन बंदी हरदयाल को दहेज एक्ट की धारा में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि पहले उसे हाथरस के प्रकाश एकेडमी में बने अस्थाई कारागार में रखा गया. इसके बाद हरदयाल को जनवरी माह में अलीगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया था. अलीगढ़ जेल प्रशासन के अनुसार हरदयाल को डायबिटीज और सांस की बीमारी और सामान्य कमजोरी के चलते कारागार चिकित्सालय में ही उपचार कराया जा रहा था. 9 मई को हरदयाल को सांस लेने में समस्या और शारीरिक कमजोरी महसूस होने पर कारागार के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. बुधवार को हरदयाल को सांस लेने में तकलीफ हुई और ऑक्सीजन लेवल कम होने से जेल के चिकित्सालय में उपचार से अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया. आनन-फानन में हरदयाल को जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. इस दौरान हरदयाल का डॉक्टरों ने परीक्षण किया. लेकिन तब तक हालत बिगड़ चुकी थी. जिसके बाद हरदयाल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
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