अलीगढ़: जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों में छात्रों को हाथ साफ करने के लिए सुझाया जा रहे हैंड सैनिटाइजर को बेहद खतरनाक बताया है. स्वास्थ्य विभाग अब सभी स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी करने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि छात्रों को हैंड सैनिटाइजर लेने के लिए स्कूल बाध्य न करें.
दरअसल स्वास्थ्य विभाग में अर्बन मलेरिया अधिकारी डॉ. देवेंद्र वार्ष्णेय ने कलेक्ट्रेट में संचारी रोग नियंत्रण की बैठक में हैंड सैनिटाइजर के मुद्दे को उठाया था. स्वयं डॉक्टर अमेरिका में ट्रेनिंग लेकर आए हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि हैंड सैनिटाइजर से बच्चों के हाथों की सबसे ऊपरी त्वचा छिल जाती है. इससे नई त्वचा संक्रमण के लिए अनुकूल हो जाती है और छात्र त्वचा संबंधी रोग का शिकार हो जाते हैं.
हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करने की स्वास्थ्य विभाग ने की अपील
- हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथ के हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं.
- साथ ही हमारी त्वचा के लिए लाभदायक कीटाणु भी डेड हो जाते हैं.
- इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने हैंड सैनिटाइजर का उपयोग न करने की अपील की है.
- स्वास्थ्य विभाग ने साबुन का उपयोग करने का ही सुझाव दिया है.
- हैंड सैनिटाइजर में जो सब्सटेंस होते हैं वे अल्कोहल बेस्ड हैं.
- अल्कोहल बेस सैनिटाइजर कुछ हानिकारक कीटाणुओं को ही मारते हैं, हैवी मेटल्स जैसे लैड को नहीं हटा पाते.
- हैड सैनिटाइजर न ही हाथों से पेस्टिसाइड्स को और न ही मड या ग्रीजी मैटेरियल को दूर कर पाते हैं.
डॉ. देवेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि साबुन से हाथ धोना ज्यादा अच्छा होता है. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे हैंड सैनिटाइजर को सूंघने लगते हैं, जो कि अच्छी आदत नहीं होती. बच्चों के मस्तिष्क पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि स्कूल किसी भी बच्चे को हैंड सैनिटाइजर लाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है, इसलिये स्कूल अपने शौचालय में छात्रों के लिए साबुन उपलब्ध कराए.