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20 दिनों में AMU के करीब 40 शिक्षकों की जान ले चुका है कोरोना

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपनी स्थापना का सौ साल का उत्सव मना रहा है. लेकिन यूनिवर्सिटी के इतिहास में ये पहला मौका है, जब बड़ी संख्या में शिक्षकों की जान चली गई. कोरोना संक्रमण ने एक के बाद एक शिक्षकों को निगल लिया.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
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Published : May 8, 2021, 10:45 PM IST

अलीगढ़ : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक एएमयू के 40 से अधिक शिक्षकों की मौत हो चुकी है. इसमें फैकल्टी में पढ़ा रहे शिक्षक, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, स्कूल टीचर और यूनिवर्सिटी के अन्य कर्मी शामिल हैं. एएमयू जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि इसमें टीचिंग स्टाफ और नॉन टीचिंग स्टाफ को मिलाकर 40 से अधिक लोगों की मौत 20 दिनों के भीतर हुई है. यह विश्वविद्यालय के लिए चिंता का विषय है.

इन शिक्षकों की गई जान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने दुनिया छोड़ चुके शिक्षकों की सूची तैयार की है. इसमें पढ़ा रहे शिक्षकों के साथ सेवानिवृत्त प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ के दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है. इसमें पूर्व प्राक्टर डॉ. प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी, सुन्नी थियोलाजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानुल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बक्स अंसारी, पोस्ट हार्वेस्ट इन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद अली खान, राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी मोहम्मद जमशेद, यूनानी विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस सिद्दीकी, इलमुल अदबिया विभाग के प्रोफेसर गुफरान अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो साजिद अली खान, म्यूजियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. मोहम्मद इरफान, सेंटर फॉर विमेन स्टडीज के डॉ. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के प्रो. मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिब्राइल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर खालिद बिन युसूफ, अंग्रेजी विभाग के डॉक्टर मोहम्मद यूसुफ अंसारी शामिल है.

इसके साथ ही धर्मशास्त्र विभाग के प्रो. फरमान हुसैन,जेएन मेडिकल काॅलेज की रिटायर्ड प्रो. सिफल अफजल, वनस्पति विज्ञान विभाग के रिटाय्रड प्रो. सईद सिद्दीकी, मनोविज्ञान विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर साजिद अली खान शामिल हैं. राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के लिए ये दौर बहुत खराब है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब विश्वविद्यालय से जुड़े इतने लोगों की बड़ी तादाद में मौत हुई हो.

कई शिक्षकों का चल रहा है इलाज

कई शिक्षक ऐसे हैं जिनका इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज और होम आइसोलेशन के तहत चल रहा है. इसमें ओएसडी प्रोफेसर अफसर अली, प्रोफेसर शुएब जहीर, प्रोफेसर शादाब अहमद खान, प्रोफेसर जाहिद, प्रोफेसर अबू कमर, प्रोफेसर एहतिशाम भी शामिल हैं. इसके साथ ही कई लोगों का घर पर ही इलाज चल रहा है और कुछ निजी हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं.

एएमयू कुलपति के भाई की भी कोरोना से हुई मौत

शनिवार को जेएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर शादाब खान का निधन हो गया. वहीं, लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर शकील अहमद समदानी ने भी 60 साल की अवस्था में जेएन मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया. प्रोफेसर समदानी फैमिली लॉ, पब्लिक इंटरनेशनल लॉ, ह्यूमन राइट्स, इस्लामिक लीगल सिस्टम एंड कांस्टीट्यूशनल लॉ ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ थे. उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और मुस्लिम तलाक के लिए निर्वाह भत्ता पर किताबें लिखीं हैं.

यह भी पढ़ें : राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जज धर्मवीर शर्मा नहीं रहे, कोरोना से हुई मौत

इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर रफीकुज्जमां खान का भी निधन हो गया. वहीं, जूलॉजी विभाग के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सेवानिवृत्त डॉ. सैयद इरफान अहमद का भी शनिवार को निधन हो गया. एएमयू कुलपति डॉक्टर तारिक मंसूर ने बताया कि डॉ. इरफान सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक थे. उनकी मृत्यु से एएमयू बिरादरी को बड़ी क्षति पहुंची है. वहीं, जाने-माने न्यायविद और लॉ फैकल्टी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद शब्बीर का शुक्रवार शाम निधन हो गया.

कानून के प्रोफेसर के रूप में प्रोफेसर मोहम्मद शब्बीर ने सैकड़ों छात्रों को प्रशिक्षित किया. उन्होंने दर्जनों किताबें लिखीं और शोध पत्रिकाओं में कई लेख प्रकाशित हुए. भौतिक विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. अरशद अहमद का भी निधन हो गया. डॉक्टर अरशद अहमद ने विभिन्न किताबें लिखीं. इंटरनेशनल शोध पत्रिकाओं में उनके लेख छपे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर के बड़े भाई उमर फारूक का भी कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन हो गया. वह विश्वविद्यालय के कोर्ट के सदस्य रहें. इसके साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल संस्थानों से भी जुड़े रहे.

अलीगढ़ : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक एएमयू के 40 से अधिक शिक्षकों की मौत हो चुकी है. इसमें फैकल्टी में पढ़ा रहे शिक्षक, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, स्कूल टीचर और यूनिवर्सिटी के अन्य कर्मी शामिल हैं. एएमयू जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि इसमें टीचिंग स्टाफ और नॉन टीचिंग स्टाफ को मिलाकर 40 से अधिक लोगों की मौत 20 दिनों के भीतर हुई है. यह विश्वविद्यालय के लिए चिंता का विषय है.

इन शिक्षकों की गई जान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने दुनिया छोड़ चुके शिक्षकों की सूची तैयार की है. इसमें पढ़ा रहे शिक्षकों के साथ सेवानिवृत्त प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ के दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है. इसमें पूर्व प्राक्टर डॉ. प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी, सुन्नी थियोलाजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानुल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बक्स अंसारी, पोस्ट हार्वेस्ट इन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद अली खान, राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी मोहम्मद जमशेद, यूनानी विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस सिद्दीकी, इलमुल अदबिया विभाग के प्रोफेसर गुफरान अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो साजिद अली खान, म्यूजियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. मोहम्मद इरफान, सेंटर फॉर विमेन स्टडीज के डॉ. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के प्रो. मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिब्राइल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर खालिद बिन युसूफ, अंग्रेजी विभाग के डॉक्टर मोहम्मद यूसुफ अंसारी शामिल है.

इसके साथ ही धर्मशास्त्र विभाग के प्रो. फरमान हुसैन,जेएन मेडिकल काॅलेज की रिटायर्ड प्रो. सिफल अफजल, वनस्पति विज्ञान विभाग के रिटाय्रड प्रो. सईद सिद्दीकी, मनोविज्ञान विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर साजिद अली खान शामिल हैं. राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के लिए ये दौर बहुत खराब है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब विश्वविद्यालय से जुड़े इतने लोगों की बड़ी तादाद में मौत हुई हो.

कई शिक्षकों का चल रहा है इलाज

कई शिक्षक ऐसे हैं जिनका इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज और होम आइसोलेशन के तहत चल रहा है. इसमें ओएसडी प्रोफेसर अफसर अली, प्रोफेसर शुएब जहीर, प्रोफेसर शादाब अहमद खान, प्रोफेसर जाहिद, प्रोफेसर अबू कमर, प्रोफेसर एहतिशाम भी शामिल हैं. इसके साथ ही कई लोगों का घर पर ही इलाज चल रहा है और कुछ निजी हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं.

एएमयू कुलपति के भाई की भी कोरोना से हुई मौत

शनिवार को जेएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर शादाब खान का निधन हो गया. वहीं, लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर शकील अहमद समदानी ने भी 60 साल की अवस्था में जेएन मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया. प्रोफेसर समदानी फैमिली लॉ, पब्लिक इंटरनेशनल लॉ, ह्यूमन राइट्स, इस्लामिक लीगल सिस्टम एंड कांस्टीट्यूशनल लॉ ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ थे. उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और मुस्लिम तलाक के लिए निर्वाह भत्ता पर किताबें लिखीं हैं.

यह भी पढ़ें : राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जज धर्मवीर शर्मा नहीं रहे, कोरोना से हुई मौत

इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर रफीकुज्जमां खान का भी निधन हो गया. वहीं, जूलॉजी विभाग के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सेवानिवृत्त डॉ. सैयद इरफान अहमद का भी शनिवार को निधन हो गया. एएमयू कुलपति डॉक्टर तारिक मंसूर ने बताया कि डॉ. इरफान सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक थे. उनकी मृत्यु से एएमयू बिरादरी को बड़ी क्षति पहुंची है. वहीं, जाने-माने न्यायविद और लॉ फैकल्टी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद शब्बीर का शुक्रवार शाम निधन हो गया.

कानून के प्रोफेसर के रूप में प्रोफेसर मोहम्मद शब्बीर ने सैकड़ों छात्रों को प्रशिक्षित किया. उन्होंने दर्जनों किताबें लिखीं और शोध पत्रिकाओं में कई लेख प्रकाशित हुए. भौतिक विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. अरशद अहमद का भी निधन हो गया. डॉक्टर अरशद अहमद ने विभिन्न किताबें लिखीं. इंटरनेशनल शोध पत्रिकाओं में उनके लेख छपे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर के बड़े भाई उमर फारूक का भी कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन हो गया. वह विश्वविद्यालय के कोर्ट के सदस्य रहें. इसके साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल संस्थानों से भी जुड़े रहे.

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