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अलीगढ़: चार साल से फ्लाईओवर का निर्माण कार्य लटका, लोग परेशान

अलीगढ़ में रेलवे फाटक संख्या 85 पर करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से बने फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. अधूरे ओवर ब्रिज के चलते 40 से 50 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है. संबंधित अधिकारियों का कहना है कि धनराशि की स्वीकृति न होने से कार्य अधूरा है.

अधूरा पड़ा फ्लाईओवर का निर्माण कार्य.
अधूरा पड़ा फ्लाईओवर का निर्माण कार्य.
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Published : Oct 31, 2020, 2:04 PM IST

अलीगढ़: सरकार विकास कार्यों की घोषणाएं कर लोगों को नए-नए सपने दिखा रही है. वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ में रेलवे का फाटक संख्या 85 पर करीब साढ़े पांच करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर के एप्रोच की धनराशि स्वीकृति देने में सालों से आनाकानी चल रही है. अधूरे ओवर ब्रिज के चलते 40 से 50 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है. इससे स्थानीय ग्रामीणों, शहरवासियों और एएमयू विद्यार्थियों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सेतु निगम ने शासन को भेजा है एस्टीमेट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से चंद कदमों की दूरी पर दो नेशनल हाईवे को जोड़ने वाला फ्लाईओवर का निर्माण पिछले चार सालों से रुका पड़ा है, जिससे तमाम लोगों को परेशानी हो रही है. शहर के पुरानी चुंगी से व नगला पटवारी के रास्ते पर अलीगढ़-बरेली रेलवे मार्ग के गेट संख्या 85 पर करीब 750 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य रुका पड़ा है. हालांकि रेलवे विभाग ने जून 2017 में साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से रेल पटरी के ऊपर 40 मीटर का फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कराया. 2019 में रेलवे ने अपना काम पूरा कर दिया. अब इस फ्लाईओवर पर एप्रोच बनाना शेष रह गया, जो पिछले चार सालों से रुका पड़ा है. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि सेतु निगम के 19 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को शासन से स्वीकृति नहीं मिल रही है. इस फ्लाईओवर पर एप्रोच बनाने का काम सेतु निगम को करना है.


दो नेशनल हाईवे को जोड़ेगा फ्लाईओवर
दो नेशनल हाईवे को जोड़ने वाले इस फ्लाईओवर के एप्रोच के लिए 19 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेतु निगम ने सन् 2018 में ही शासन को भेजा था. करीब 700 मीटर अप्रोच मार्ग बनाया जाना है, जिसमें दोनों ओर 350-350 मीटर अप्रोच मार्ग बनेगा. यह फ्लाईओवर अलीगढ़ से मुरादाबाद नेशनल हाईवे को जोड़ता है, तो वहीं अलीगढ़ से खुर्जा-बुलंदशहर-गाजियाबाद नेशनल हाईवे को भी जोड़ता है. साथ ही फ्लाईओवर बनने पर अनूपशहर रोड भी जुड़ जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण सालों से इस फ्लाईओवर का निर्माण अधर में लटका है.


कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है
चार साल पहले जब पुरानी चुंगी रेलवे फाटक संख्या 85 पर फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था, तो शहर को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया गया. इसके कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. यह रास्ता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉस्टल सुल्तानजहां, अम्बेडकर हाल, लॉ फैकेल्टी, पटवारी नगला, फिरदौस नगर, रियाज कालोनी, पंजीपुर और किला की ओर जाने वाला प्रमुख मार्ग है. यह शहर से कई गांव को जोड़ने वाला मार्ग है. अब स्थिति यह है कि लोगों को कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है, जबकि कुछ लोग रेल पटरी को ही क्रॉस कर अपने मुकाम को पहुंचते हैं. फ्लाईओवर का एप्रोच न बनने से लोग परेशान हैं. इसमें शासन-प्रशासन की उदासीनता दिखाई पड़ती है.


धनराशि के अभाव में लटका काम
राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे के गेट संख्या 85 पर बनने वाले फ्लाईओवर पर 700 मीटर अप्रोच का निर्माण कार्य कराया जाना है. इसके लिए 2018 में ही स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया, लेकिन अभी तक धनराशि नहीं मिली है. इसके कारण निर्माण कार्य रुका है. रेलवे पटरी को क्रास कर रहे हैं अलाउद्दीन ने बताया कि करीब के चार गांव के लोग इसी मार्ग से निकलते हैं.

चार पहिए की गाड़ी नहीं निकल पाती है. कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है. शासन प्रशासन की लापरवाही के चलते आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है.

आसिफ, फिरदौस नगर निवासी

पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से लोगों को जान जोखिम में डाल कर रेल पटरी क्रॉस करनी पड़ती है. बाइक और साइकिल वाले जुगाड़ से पटरी पार करते हैं. लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

आफाक अहमद, शोध छात्र, एएमयू

चार साल पहले रास्ते को बंद कर फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू हुआ. इसमें रेलवे को पटरी के ऊपर का हिस्सा बना दिया और बाकी एप्रोच का हिस्सा सेतु निगम को बनाना था, लेकिन शासन से अभी तक सेतु निगम के प्रस्ताव को धनराशि नहीं मिली है. इससे हजारों की संख्या में जनता परेशान है. इस मामले में प्रमुख सचिव से मिल चुके हैं, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता साफ उजागर हो रही है.

आगा युसुफ, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस

अलीगढ़: सरकार विकास कार्यों की घोषणाएं कर लोगों को नए-नए सपने दिखा रही है. वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ में रेलवे का फाटक संख्या 85 पर करीब साढ़े पांच करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर के एप्रोच की धनराशि स्वीकृति देने में सालों से आनाकानी चल रही है. अधूरे ओवर ब्रिज के चलते 40 से 50 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है. इससे स्थानीय ग्रामीणों, शहरवासियों और एएमयू विद्यार्थियों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सेतु निगम ने शासन को भेजा है एस्टीमेट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से चंद कदमों की दूरी पर दो नेशनल हाईवे को जोड़ने वाला फ्लाईओवर का निर्माण पिछले चार सालों से रुका पड़ा है, जिससे तमाम लोगों को परेशानी हो रही है. शहर के पुरानी चुंगी से व नगला पटवारी के रास्ते पर अलीगढ़-बरेली रेलवे मार्ग के गेट संख्या 85 पर करीब 750 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य रुका पड़ा है. हालांकि रेलवे विभाग ने जून 2017 में साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से रेल पटरी के ऊपर 40 मीटर का फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कराया. 2019 में रेलवे ने अपना काम पूरा कर दिया. अब इस फ्लाईओवर पर एप्रोच बनाना शेष रह गया, जो पिछले चार सालों से रुका पड़ा है. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि सेतु निगम के 19 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को शासन से स्वीकृति नहीं मिल रही है. इस फ्लाईओवर पर एप्रोच बनाने का काम सेतु निगम को करना है.


दो नेशनल हाईवे को जोड़ेगा फ्लाईओवर
दो नेशनल हाईवे को जोड़ने वाले इस फ्लाईओवर के एप्रोच के लिए 19 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेतु निगम ने सन् 2018 में ही शासन को भेजा था. करीब 700 मीटर अप्रोच मार्ग बनाया जाना है, जिसमें दोनों ओर 350-350 मीटर अप्रोच मार्ग बनेगा. यह फ्लाईओवर अलीगढ़ से मुरादाबाद नेशनल हाईवे को जोड़ता है, तो वहीं अलीगढ़ से खुर्जा-बुलंदशहर-गाजियाबाद नेशनल हाईवे को भी जोड़ता है. साथ ही फ्लाईओवर बनने पर अनूपशहर रोड भी जुड़ जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण सालों से इस फ्लाईओवर का निर्माण अधर में लटका है.


कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है
चार साल पहले जब पुरानी चुंगी रेलवे फाटक संख्या 85 पर फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था, तो शहर को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया गया. इसके कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. यह रास्ता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉस्टल सुल्तानजहां, अम्बेडकर हाल, लॉ फैकेल्टी, पटवारी नगला, फिरदौस नगर, रियाज कालोनी, पंजीपुर और किला की ओर जाने वाला प्रमुख मार्ग है. यह शहर से कई गांव को जोड़ने वाला मार्ग है. अब स्थिति यह है कि लोगों को कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है, जबकि कुछ लोग रेल पटरी को ही क्रॉस कर अपने मुकाम को पहुंचते हैं. फ्लाईओवर का एप्रोच न बनने से लोग परेशान हैं. इसमें शासन-प्रशासन की उदासीनता दिखाई पड़ती है.


धनराशि के अभाव में लटका काम
राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे के गेट संख्या 85 पर बनने वाले फ्लाईओवर पर 700 मीटर अप्रोच का निर्माण कार्य कराया जाना है. इसके लिए 2018 में ही स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया, लेकिन अभी तक धनराशि नहीं मिली है. इसके कारण निर्माण कार्य रुका है. रेलवे पटरी को क्रास कर रहे हैं अलाउद्दीन ने बताया कि करीब के चार गांव के लोग इसी मार्ग से निकलते हैं.

चार पहिए की गाड़ी नहीं निकल पाती है. कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है. शासन प्रशासन की लापरवाही के चलते आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है.

आसिफ, फिरदौस नगर निवासी

पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से लोगों को जान जोखिम में डाल कर रेल पटरी क्रॉस करनी पड़ती है. बाइक और साइकिल वाले जुगाड़ से पटरी पार करते हैं. लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

आफाक अहमद, शोध छात्र, एएमयू

चार साल पहले रास्ते को बंद कर फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू हुआ. इसमें रेलवे को पटरी के ऊपर का हिस्सा बना दिया और बाकी एप्रोच का हिस्सा सेतु निगम को बनाना था, लेकिन शासन से अभी तक सेतु निगम के प्रस्ताव को धनराशि नहीं मिली है. इससे हजारों की संख्या में जनता परेशान है. इस मामले में प्रमुख सचिव से मिल चुके हैं, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता साफ उजागर हो रही है.

आगा युसुफ, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस

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