अलीगढ़: दिवाली पर करीब दो करोड़ रुपये की आतिशबाजी दुकानों में सज गई है. शहर से दूर नुमाइश मैदान में 200 दुकानों को पटाखे बेचने का लाइसेंस दिया गया है. प्रत्येक दुकान पर करीब 25 किलो पटाखे रखे गये हैं. यहां दुकानों का किराया अलग से लिया जा रहा है. दुकानों में चाइनीज पटाखों की बिक्री नहीं की जा रही है. प्रदूषण और कोरोना काल में आतिशबाजी की बिक्री को लेकर दुकानदार भी फिक्रमंद हैं.
200 लाइसेंस हुए जारी
दिवाली पर जिला प्रशासन ने दो सौ लाइसेंस जारी किये हैं. लाइसेंस की फीस पांच सौ रुपये है. पुलिस और अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट के साथ ही मानक के आधार पर पटाखों के लाइसेंस जारी किये गए हैं. 25 किलो के हिसाब से दुकानदार पटाखे रख सकते हैं. सुरक्षा के पूरे मानक यहां तय कर दिए गए हैं. दुकानों के पास पानी, बालू, सिलेंडर और फायर ब्रिगेड की गाड़ी हमेशा मौजूद रहेगी है. नुमाइश मैदान में दुकानों का किराया भी पटाखा दुकानदारों से लिया जा रहा है.
एनसीआर में पटाखों पर रोक
नुमाइश मैदान में पटाखों की दुकान सजी हुई है. करीब दो करोड़ की आतिशबाजी गूंजने को तैयार है. इस बार कोरोना और पराली जलाने के बाद वातावरण में धुंध हो जाने को लेकर सरकार गंभीर है. एनसीआर में सख्ती की गई है तो अलीगढ़ के पड़ोस के जिलों आगरा, बुलन्दशहर में पटाखे जलाने पर रोक है.
चाइना के पटाखों पर रोक
इस बार चाइना के पटाखे नहीं बेचे जा रहे. बाजार में ज्यादातर देसी पटाखे ही हैं. आतिशबाजी एसोसिएशन के प्रदीप गंगा बताते हैं कि इस बार ज्यादा धुंए और आवाज वाले पटाखे नहीं बेचे जा रहे. दिवाली से पहले एनसीआर में आतिशबाजी पर अंकुश है, तो उत्तर प्रदेश के कई शहरों में आतिशबाजी पर बैन है. इसको लेकर दुकानदारों में बेचैनी है. हालांकि दिवाली की आतिशबाजी से वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण होता है जो लोगों की सेहत के लिए हानिकारक है. इसे आंखों और त्वचा को भी नुकसान पहुंचाता है.