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सांसद ने सीएम को लिखा पत्र, कहा- परिजनों को बंदियों से मिलने की दें अनुमति - उत्तर प्रदेश समाचार

अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिला कारागार के बंदियों को उनके परिजनों से सप्ताह में एक बार मिलने देने की इजाजत मांगी.

अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम
अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम
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Published : Dec 13, 2020, 1:29 AM IST

अलीगढ़: कोविड-19 के चलते जिला कारागार के बंदी पिछले 9 महीनों से तनाव ग्रस्त हैं. बंदियों की परेशानी को देखते हुए अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. अलीगढ़ सांसद ने मांग की है कि जेल में बंद बंदियों को उनके परिवार से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि कारागार में जाली का प्रयोग कर मुलाकात करने दिया जाए. इस दौरान कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन कराने की बात कही है. कोविड-19 के चलते यूपी की सभी जेलों में कैदियों से मिलने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.

सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा
सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा.
कोरोना से पहले छह दिन बंदियों से होती थी मुलाकात

अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने मांग की कि जिला कारागार में सजा काट रहे बंदियों से सप्ताह में परिवार के एक सदस्य को मिलने की अनुमति प्रदान करें. अलीगढ़ कारागार में इस समय 3,400 बंदी हैं. कोरोना काल से पहले शनिवार को छोड़कर बाकी 6 दिन बंदियों के परिजन जेल में आकर मुलाकात करते थे. कोरोना के चलते लॉकडाउन में इसे रोक दिया गया था, जिसके चलते कारागार में बंदियों की मुलाकात बंद हो गई थी. रक्षाबंधन और भाई दूज पर भी कारागार के बंदी अपने परिजनों से नहीं मिल सके थे.

बंदी टेलीफोन से कर रहे बात

नए बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाई गई थी. जिला कारागार में क्वारंटाइन बैरक भी अलग से बनाई गई. यह व्यवस्था अब भी लागू है. बंदी अपने घर पर टेलीफोन की मदद से बात कर रहे हैं. जिला कारागार में बंदियों को यह सुविधा दी गई है. करीब 10 टेलीफोन बंदियों के बात करने के लिए लगाया गए हैं. करीब एक हजार बंदी रोजाना टेलीफोन के जरिए अपने परिजनों से बात करते हैं, लेकिन मुलाकात नहीं होने से बंदी तनाव ग्रस्त हो रहे हैं.

अलीगढ़: कोविड-19 के चलते जिला कारागार के बंदी पिछले 9 महीनों से तनाव ग्रस्त हैं. बंदियों की परेशानी को देखते हुए अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. अलीगढ़ सांसद ने मांग की है कि जेल में बंद बंदियों को उनके परिवार से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि कारागार में जाली का प्रयोग कर मुलाकात करने दिया जाए. इस दौरान कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन कराने की बात कही है. कोविड-19 के चलते यूपी की सभी जेलों में कैदियों से मिलने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.

सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा
सांसद सतीश गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा.
कोरोना से पहले छह दिन बंदियों से होती थी मुलाकात

अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने मांग की कि जिला कारागार में सजा काट रहे बंदियों से सप्ताह में परिवार के एक सदस्य को मिलने की अनुमति प्रदान करें. अलीगढ़ कारागार में इस समय 3,400 बंदी हैं. कोरोना काल से पहले शनिवार को छोड़कर बाकी 6 दिन बंदियों के परिजन जेल में आकर मुलाकात करते थे. कोरोना के चलते लॉकडाउन में इसे रोक दिया गया था, जिसके चलते कारागार में बंदियों की मुलाकात बंद हो गई थी. रक्षाबंधन और भाई दूज पर भी कारागार के बंदी अपने परिजनों से नहीं मिल सके थे.

बंदी टेलीफोन से कर रहे बात

नए बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाई गई थी. जिला कारागार में क्वारंटाइन बैरक भी अलग से बनाई गई. यह व्यवस्था अब भी लागू है. बंदी अपने घर पर टेलीफोन की मदद से बात कर रहे हैं. जिला कारागार में बंदियों को यह सुविधा दी गई है. करीब 10 टेलीफोन बंदियों के बात करने के लिए लगाया गए हैं. करीब एक हजार बंदी रोजाना टेलीफोन के जरिए अपने परिजनों से बात करते हैं, लेकिन मुलाकात नहीं होने से बंदी तनाव ग्रस्त हो रहे हैं.

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