अलीगढ़: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर करीब 10 लाख बैंक अधिकारी व कर्मचारी विवश होकर कई हड़तालें करने जा रहे हैं, क्योकि वेतन पुनरीक्षण जो कि 01 नवम्बर 2017 से देय है. वह आज तक लम्बित है. वहीं 13 जनवरी 2020 को भारतीय बैंक संघ ने वार्ता के दौरान वांछित वेतनवृद्धि देने से इनकार कर दिया है. इसलिए करीब 10 लाख बैंक अधिकारी और कर्मचारी 31 जनवरी व 01 फरवरी को दो दिवसीय बैंक हड़ताल पर जा रहे हैं. वहीं 11 मार्च 2020 से 13 मार्च 2020 तक बैंककर्मी तीन दिवसीय हड़ताल पर भी रहेंगे.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक वीके शर्मा बताते है कि बैंकिंग क्षेत्र देश के अर्थतंत्र की रीढ़ है. हड़ताल से पहले भारतीय बैंक संघ को यूनियनों के साथ वार्ता करके समस्या का निदान करना चाहिए, जिससे कि हड़ताल को टाला जा सके. वहीं इंडियन बैंक एसोसिएशन ने अड़ियल और नकारात्मक रुख दिखाया है. इससे कोई सहमति नहीं बन सकी, इसलिए बैंक अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल के लिए विवश हैं.
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वीके शर्मा ने बताया कि बैंक अधिकारी और कर्मचारी मजबूरी में हड़ताल करते हैं, क्योंकि इसके लिए उनके वेतन से कटौती की जाती है. उन्होंने कहा कि धैर्यपूर्वक पिछले 30 महीनों से भारतीय बैंक संघ के साथ वेतन वृद्धि के लिए 39 बार वार्ताएं कर चुके हैं, लेकिन संघ ने वेतन वृद्धि से इनकार कर दिया.