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अलीगढ़: CAB के विरोध में एएमयू छात्रों के साथ उतरे शिक्षक, बोले-बिल की दोबारा हो समीक्षा

यूपी के अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध बढ़ता जा रहा है. पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र ही प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं अब इस विरोध प्रदर्शन में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन भी शामिल हो गया है.

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एएमयू टीचर्स एसोसिएशन प्रदर्शन करते हुए.
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Published : Dec 14, 2019, 3:53 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन भी प्रोटेस्ट मार्च में कूद पड़े हैं. शुक्रवार को एक तरफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के शिक्षक भी छात्रों का समर्थन करते हुए विरोध मार्च में शामिल हुए.

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जारी.

हालांकि, इससे पहले CAB के विरोध में एएमयू टीचर एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. इसमें नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेने की बात कही गई थी. अमूटा सचिव नजमुल इस्लाम ने बताया कि शिक्षकों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश के नाम एसडीएम रंजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश : CAB के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सहारनपुर-अलीगढ़ में इंटरनेट बंद

नजमुल इस्लाम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल धार्मिक आधार पर है. एनआरसी जब लागू होगी तो करोड़ों लोगों के पास न तो जमीन है और न कागजात हैं. उनको डिटेंशन कैंप में डाल दिया जाएगा और वह देश के नागरिक नहीं कहलाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारा देश का कल्चर बहुत अच्छा रहा है, लेकिन इस बिल की दोबारा समीक्षा होनी चाहिए या फिर बिल को वापस लिया जाए.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन भी प्रोटेस्ट मार्च में कूद पड़े हैं. शुक्रवार को एक तरफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के शिक्षक भी छात्रों का समर्थन करते हुए विरोध मार्च में शामिल हुए.

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जारी.

हालांकि, इससे पहले CAB के विरोध में एएमयू टीचर एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. इसमें नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेने की बात कही गई थी. अमूटा सचिव नजमुल इस्लाम ने बताया कि शिक्षकों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश के नाम एसडीएम रंजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश : CAB के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सहारनपुर-अलीगढ़ में इंटरनेट बंद

नजमुल इस्लाम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल धार्मिक आधार पर है. एनआरसी जब लागू होगी तो करोड़ों लोगों के पास न तो जमीन है और न कागजात हैं. उनको डिटेंशन कैंप में डाल दिया जाएगा और वह देश के नागरिक नहीं कहलाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारा देश का कल्चर बहुत अच्छा रहा है, लेकिन इस बिल की दोबारा समीक्षा होनी चाहिए या फिर बिल को वापस लिया जाए.

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन भी प्रोटेस्ट मार्च में कूद पड़े है.  शुक्रवार को एक तरफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी तरफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षक भी छात्रों का समर्थन करते हुए विरोध मार्च में शामिल हुए. हालांकि इससे पहले सीएबी के विरोध में एएमयू टीचर एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. जिसमें नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेने की बात कही गई थी.  अमूटा सचिव नजमुल इस्लाम ने बताया कि शिक्षकों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ज्ञापन एसीएम रंजीत सिंह को सौंपा .  





Body:नजमुल इस्लाम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल धार्मिक आधार पर है. सीएबी व एनआरसी जब लागू होगेंग. तो इससे बहुत नुकसान होंगा. क्योंकि सीएबी में मुस्लिम्स को छोड़कर सब को नागरिकता देने की बात कही गई है. वही एनआरसी जब लागू होगी तो करोड़ों लोगों के पास न तो जमीन है. ना कागजात है. उनको डिटेंशन कैंप में डाल देंगे और वह देश के नागरिक नहीं कहलाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारा देश का कल्चर बहुत अच्छा रहा है. लेकिन इस कानून का दोबारा समीक्षा होना चाहिए या फिर बिल को वापस लिया जायें. 



Conclusion: शिक्षक हामिद अली ने कहा कि पहला गदर मुसलमानों ने किया था. और नागरिकता के नाम पर हमारा टेस्ट लिया जाता है. देश के विभाजन के बाद हम यहीं रहे और देश का अपनाया है. 

बाइट - नजमुल इस्लाम , सचिन , अमूटा
बाइट - हामिद अली. पूर्व अध्यक्ष, अमूटा 

आलोक  सिंह , अलीगढ़
9837830535 


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