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प्रधानमंत्री के ऑनलाइन कार्यक्रम का विरोध करेंगे AMU के छात्रनेता - अलीगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी

यूपी के अलीगढ़ में प्रधानमंत्री के ऑनलाइन संबोधन को लेकर एएमयू के छात्रों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है. छात्रसंघ नेताओं का कहना है कि वह ऑनलाइन संबोधन में जगह-जगह काले झंडे लगाएंगे.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
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Published : Dec 17, 2020, 8:31 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑनलाइन संबोधित किए जाने के कार्यक्रम का छात्र नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष और सपा नेता नदीम अंसारी ने प्रधानमंत्री के ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान विरोध का एलान किया है.

संबोधन के दौरान लगाएंगे काले झंडे.

कुलपति ने लिखा पीएम को पत्र
छात्र नेता नदीम अंसारी ने कहा कि एएमयू कुलपति तारिक मंसूर ने पीएम को बुलाने का पत्र लिखा था. प्रधानमंत्री के आने से विश्वविद्यालय का कुछ न कुछ फायदा होगा. लेकिन गुजरात का दंगा, बाबरी मस्जिद का फैसला, ट्रिपल तलाक का कानून, धारा 370, सीएए-एनआरसी, दिल्ली का दंगा, मॉब लिंचिंग और लव जिहाद कानून के जरिए टारगेट किया जा रहा है.

एएमयू के अल्पसंख्यक स्वरूप पर बात करें पीएम
नदीम अंसारी ने कहा कि हम तो पीएम मोदी का इस्तकबाल करने के लिए बाहें खोल कर खड़े हैं. लेकिन दोस्ती का हाथ दोनों तरफ से ही बढ़ाया जाता है. अगर हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है तो पीएम भी दोस्ती का हाथ बढ़ायें. अगर पीएम एएमयू को संबोधित करने जा रहे हैं तो सबसे पहले विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप पर बात करें और इसके लिए हम प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसी इमेज लेकर चलना होगा जिस पर मुसलमान भरोसा कर सकें. नदीम अंसारी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो ऑनलाइन कार्यक्रम जिस स्थान पर होगा. वहां काले झंडे दिखाकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा.

कुलपति के फैसले का किया विरोध
एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव मोहम्मद फहद ने कहा कि वह कुलपति के फैसले पर विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू छात्र कुलपति के फैसले पर खुश नहीं है. नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. उनके दौर में गुजरात के दंगे का दृश्य आज भी दर्द को याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि कुलपति द्वारा प्रधानमंत्री को शताब्दी समारोह में वर्चुअल बुलाने के कार्यक्रम का विरोध जताएंगे. एएमयू कुलपति को इस फैसले के बारे में दोबारा सोचना चाहिए. नहीं तो ऑनलाइन कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा.

माफी मांगे पीएमः फहद
मोहम्मद फहद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कारगुजारियों की माफी मांगे. मुसलमानों को टारगेट करके नए कानून बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले मुसलमानों को विश्वास हासिल करें. सबका साथ सबका विकास के साथ विश्वास दिलायें. वहीं एएमयू के पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि एएमयू के शताब्दी वर्ष में छात्रों की ऊर्जा को देश के निर्माण में लगायेंगे. उन्होंने कहा कि एक खुशगवार टाइम है जब मुल्क को आगे ले जाएंगे.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑनलाइन संबोधित किए जाने के कार्यक्रम का छात्र नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष और सपा नेता नदीम अंसारी ने प्रधानमंत्री के ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान विरोध का एलान किया है.

संबोधन के दौरान लगाएंगे काले झंडे.

कुलपति ने लिखा पीएम को पत्र
छात्र नेता नदीम अंसारी ने कहा कि एएमयू कुलपति तारिक मंसूर ने पीएम को बुलाने का पत्र लिखा था. प्रधानमंत्री के आने से विश्वविद्यालय का कुछ न कुछ फायदा होगा. लेकिन गुजरात का दंगा, बाबरी मस्जिद का फैसला, ट्रिपल तलाक का कानून, धारा 370, सीएए-एनआरसी, दिल्ली का दंगा, मॉब लिंचिंग और लव जिहाद कानून के जरिए टारगेट किया जा रहा है.

एएमयू के अल्पसंख्यक स्वरूप पर बात करें पीएम
नदीम अंसारी ने कहा कि हम तो पीएम मोदी का इस्तकबाल करने के लिए बाहें खोल कर खड़े हैं. लेकिन दोस्ती का हाथ दोनों तरफ से ही बढ़ाया जाता है. अगर हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है तो पीएम भी दोस्ती का हाथ बढ़ायें. अगर पीएम एएमयू को संबोधित करने जा रहे हैं तो सबसे पहले विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप पर बात करें और इसके लिए हम प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसी इमेज लेकर चलना होगा जिस पर मुसलमान भरोसा कर सकें. नदीम अंसारी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो ऑनलाइन कार्यक्रम जिस स्थान पर होगा. वहां काले झंडे दिखाकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा.

कुलपति के फैसले का किया विरोध
एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव मोहम्मद फहद ने कहा कि वह कुलपति के फैसले पर विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू छात्र कुलपति के फैसले पर खुश नहीं है. नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. उनके दौर में गुजरात के दंगे का दृश्य आज भी दर्द को याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि कुलपति द्वारा प्रधानमंत्री को शताब्दी समारोह में वर्चुअल बुलाने के कार्यक्रम का विरोध जताएंगे. एएमयू कुलपति को इस फैसले के बारे में दोबारा सोचना चाहिए. नहीं तो ऑनलाइन कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा.

माफी मांगे पीएमः फहद
मोहम्मद फहद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कारगुजारियों की माफी मांगे. मुसलमानों को टारगेट करके नए कानून बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले मुसलमानों को विश्वास हासिल करें. सबका साथ सबका विकास के साथ विश्वास दिलायें. वहीं एएमयू के पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि एएमयू के शताब्दी वर्ष में छात्रों की ऊर्जा को देश के निर्माण में लगायेंगे. उन्होंने कहा कि एक खुशगवार टाइम है जब मुल्क को आगे ले जाएंगे.

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