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AMU के छात्र CAA-NRC कानून की वापसी के लिए फिर से करेंगे आंदोलन

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Published : Nov 20, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 6:43 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र सीएए-एनआरसी कानून की वापसी को लेकर फिर से करेंगे आंदोलन. समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश मोहम्मद फहद ने दी जानकारी. कहा- कृषि कानून की तरह सीएए-एनआरसी कानून की वापसी को लेकर सरकार पर बनाया जाएगा दबाव.

मोहम्मद फहद
मोहम्मद फहद

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र सीएए-एनआरसी कानून (CAA-NRC Act) की वापसी के लिए फिर से सड़कों पर उतरेंगे. कोरोना के चलते एएमयू छात्रों को आंदोलन बंद करना पड़ा था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व सेक्रेटरी मोहम्मद फहद ने कहा कि जिस तरीके से मोदी सरकार ने काले कृषि कानून को वापस लिया है उसी तरह से सीएए, एनआरसी कानून (CAA-NRC Act) को भी वापस लेने के लिए आंदोलन कर सरकार पर दबाव बनाएंगे.

बता दें, मोहम्मद फहद समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. शनिवार को कैंपस में एएमयू ओल्ड बॉयज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मोहम्मद फहद अलीगढ़ आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब हुकूमत अंधी हो जाती है, तब जरूरत इंकलाब की पड़ती है. किसानों के साथ छात्रों और हिंदुस्तान की जनता ने साथ दिया, जिसके चलते मोदी सरकार ने घुटने टेके हैं. यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है.

मोहम्मद फहद, समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश
मोहम्मद फहद ने कहा कि जब हुकूमत इस तरह के नाजायज फैसले करती है, तो ऐसे ही इंकलाब और आंदोलन की जरूरत होती है. पिछले बहुत सारे कानून जनता के खिलाफ बनाए गये. अब जरूरत है कि इनके खिलाफ भी आवाज को बुलंद की जाए, जिससे सरकार कानून वापस लेने के लिए मजबूर हो. एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सेक्रेटरी मोहम्मद फहद ने बताया कि सीएए, एनआरसी (CAA-NRC Act) भी काला कानून है, जो मुल्क और आवाम के पक्ष का कानून नहीं है.

उनका कहना था, इस कानून के विरोध में एएमयू छात्रों और कई अन्य जगहों पर भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था. सीएए, एनआरसी (CAA-NRC Act) को लेकर कई महीनों तक सड़कों पर आंदोलन किया गया था, लेकिन केन्द्र सरकार बहरी और अंधी हो गई थी. कोरोना की वजह से आंदोलन को बंद करना पड़ा था. लेकिन अब फिर से सीएए, एनआरसी की वापसी को लेकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री योगी की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी ने गोली मारकर किया सुसाइड

दूसरी तरफ सीएए-एनआरसी कानून को खत्म करने की मांग लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट किया. उनका कहना था, चुनाव नजदीक होने के कारण कानून (कृषि कानून) निरस्त कर दिए गए. हमें लगता है कि वह (सीएए-एनआरसी) राष्ट्रीयता से संबंधित है और इसका खामियाजा मुसलमानों को भुगतना पड़ेगा. जनता की ताकत सबसे मजबूत, इसलिए यह (सीएए) भी निरस्त हो.

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र सीएए-एनआरसी कानून (CAA-NRC Act) की वापसी के लिए फिर से सड़कों पर उतरेंगे. कोरोना के चलते एएमयू छात्रों को आंदोलन बंद करना पड़ा था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व सेक्रेटरी मोहम्मद फहद ने कहा कि जिस तरीके से मोदी सरकार ने काले कृषि कानून को वापस लिया है उसी तरह से सीएए, एनआरसी कानून (CAA-NRC Act) को भी वापस लेने के लिए आंदोलन कर सरकार पर दबाव बनाएंगे.

बता दें, मोहम्मद फहद समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. शनिवार को कैंपस में एएमयू ओल्ड बॉयज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मोहम्मद फहद अलीगढ़ आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब हुकूमत अंधी हो जाती है, तब जरूरत इंकलाब की पड़ती है. किसानों के साथ छात्रों और हिंदुस्तान की जनता ने साथ दिया, जिसके चलते मोदी सरकार ने घुटने टेके हैं. यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है.

मोहम्मद फहद, समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश
मोहम्मद फहद ने कहा कि जब हुकूमत इस तरह के नाजायज फैसले करती है, तो ऐसे ही इंकलाब और आंदोलन की जरूरत होती है. पिछले बहुत सारे कानून जनता के खिलाफ बनाए गये. अब जरूरत है कि इनके खिलाफ भी आवाज को बुलंद की जाए, जिससे सरकार कानून वापस लेने के लिए मजबूर हो. एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सेक्रेटरी मोहम्मद फहद ने बताया कि सीएए, एनआरसी (CAA-NRC Act) भी काला कानून है, जो मुल्क और आवाम के पक्ष का कानून नहीं है.

उनका कहना था, इस कानून के विरोध में एएमयू छात्रों और कई अन्य जगहों पर भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था. सीएए, एनआरसी (CAA-NRC Act) को लेकर कई महीनों तक सड़कों पर आंदोलन किया गया था, लेकिन केन्द्र सरकार बहरी और अंधी हो गई थी. कोरोना की वजह से आंदोलन को बंद करना पड़ा था. लेकिन अब फिर से सीएए, एनआरसी की वापसी को लेकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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दूसरी तरफ सीएए-एनआरसी कानून को खत्म करने की मांग लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट किया. उनका कहना था, चुनाव नजदीक होने के कारण कानून (कृषि कानून) निरस्त कर दिए गए. हमें लगता है कि वह (सीएए-एनआरसी) राष्ट्रीयता से संबंधित है और इसका खामियाजा मुसलमानों को भुगतना पड़ेगा. जनता की ताकत सबसे मजबूत, इसलिए यह (सीएए) भी निरस्त हो.

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Last Updated : Nov 20, 2021, 6:43 PM IST
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