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अलीगढ़: एएमयू की तूबा जुनैद ने राइफल से लिखी सफलता की इबारत

मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अनीश भनवाल जैसे युवाओं ने शूटिंग की दुनिया में भारत का लोहा मनवाया है. इनसे प्रेरणा लेकर अलीगढ़ जैसे छोटे शहरों के युवा भी शूटिंग में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. तूबा जुनैद एक ऐसा ही नाम है जिसने बेहद ही कम समय में शूटिंग रेंज में अपने नाम की चमक बिखेर दी है.

अलीगढ़ की शूटिंग गर्ल तूबा जुनैद
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Published : May 10, 2019, 5:38 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्नातक छात्रा तूबा जुनैद ने 62 वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है. तूबा ने 300 मीटर राइफल प्रो जूनियर वर्ग में बेहतर खेल दिखाते हुए व्यक्तिगत ईवेंट में 535 का स्कोर किया. उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राइफल एशोसिएशन ने उन्हें प्रसिद्ध शूटरों की सूची में जगह दी है.

अलीगढ़ की शूटिंग गर्ल तूबा जुनैद.
तूबा जुनैद: एक परिचय
  • एएमयू में बीए (अंग्रेजी ऑनर्स) द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं तूबा जुनैद
  • शूटिंग में राइफल श्रेणी की खिलाड़ी हैं तूबा
  • जीबी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में हासिल की आठवीं रैंक
  • ऑल इंडिया नेशनल में 12 वें स्थान पर रहीं काबिज
  • राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 535 का शानदार स्कोर
  • ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीतना चाहती हैं शूटर तूबा
  • राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन के प्रसिद्ध निशानेबाजों की सूची में मिली जगह

शूटिंग थोड़ा मुश्किल खेल होता है. इसके लिए काफी धैर्य, एकाग्रता और नियमित अभ्यास की जरुरत रहती है. साथ ही यह बाकी खेलों की तुलना में मंहगा खेल है. मुझे एएमयू और मेरे मां-पापा से हमेशा सपोर्ट मिला. तभी मैं यहां तक पहुंचने में कामयाब रही हूं. इस खेल में लड़कियों के लिए काफी अवसर हैं इसलिए उन्हें आगे आने की जरुरत है. मैं चाहती हूं कि मेरे खेल में लगातार सुधार होता रहे और एक दिन देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड ला सकूं.
- तूबा जुनैद, शूटर

तूबा के प्रदर्शन से हम बेहद खुश हैं. उसने अलीगढ़ और एएमयू का नाम रोशन किया है. अलीगढ़ में शूटिंग रेंज नहीं थी इसलिए उसे अभ्यास के लिए कर्णी सिंह शूटिंग रेंज जाना पड़ता था. नेशनल चैंपियनशिप से पहले उसने तीन महीने प्रैक्टिस की थी और 12 वीं रैंक हासिल की. उसकी काबिलियत देखकर लगता है कि वह एक दिन देश के लिए जरुर गोल्ड जीतेगी.
- सबा, तूबा की मां

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्नातक छात्रा तूबा जुनैद ने 62 वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है. तूबा ने 300 मीटर राइफल प्रो जूनियर वर्ग में बेहतर खेल दिखाते हुए व्यक्तिगत ईवेंट में 535 का स्कोर किया. उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राइफल एशोसिएशन ने उन्हें प्रसिद्ध शूटरों की सूची में जगह दी है.

अलीगढ़ की शूटिंग गर्ल तूबा जुनैद.
तूबा जुनैद: एक परिचय
  • एएमयू में बीए (अंग्रेजी ऑनर्स) द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं तूबा जुनैद
  • शूटिंग में राइफल श्रेणी की खिलाड़ी हैं तूबा
  • जीबी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में हासिल की आठवीं रैंक
  • ऑल इंडिया नेशनल में 12 वें स्थान पर रहीं काबिज
  • राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 535 का शानदार स्कोर
  • ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीतना चाहती हैं शूटर तूबा
  • राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन के प्रसिद्ध निशानेबाजों की सूची में मिली जगह

शूटिंग थोड़ा मुश्किल खेल होता है. इसके लिए काफी धैर्य, एकाग्रता और नियमित अभ्यास की जरुरत रहती है. साथ ही यह बाकी खेलों की तुलना में मंहगा खेल है. मुझे एएमयू और मेरे मां-पापा से हमेशा सपोर्ट मिला. तभी मैं यहां तक पहुंचने में कामयाब रही हूं. इस खेल में लड़कियों के लिए काफी अवसर हैं इसलिए उन्हें आगे आने की जरुरत है. मैं चाहती हूं कि मेरे खेल में लगातार सुधार होता रहे और एक दिन देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड ला सकूं.
- तूबा जुनैद, शूटर

तूबा के प्रदर्शन से हम बेहद खुश हैं. उसने अलीगढ़ और एएमयू का नाम रोशन किया है. अलीगढ़ में शूटिंग रेंज नहीं थी इसलिए उसे अभ्यास के लिए कर्णी सिंह शूटिंग रेंज जाना पड़ता था. नेशनल चैंपियनशिप से पहले उसने तीन महीने प्रैक्टिस की थी और 12 वीं रैंक हासिल की. उसकी काबिलियत देखकर लगता है कि वह एक दिन देश के लिए जरुर गोल्ड जीतेगी.
- सबा, तूबा की मां

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की बीए द्वितीय वर्ष अंग्रेजी की छात्रा तूबा जुनैद ने मध्य प्रदेश के महू इंदौर में आयोजित 62 वी राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता के 300 मीटर राइफल प्रोन जूनियर में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. तूबा को भारत में राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन द्वारा एक प्रसिद्ध शूटर के रूप में अधिसूचित किया गया है. आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्तिगत इवेंट में तूबा ने 535 का स्कोर किया. एक शूटर के रूप में तूबा का कैरियर अनुकरणीय है. उन्होंने मध्य प्रदेश प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए एएमयू के पूर्व छात्र और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज यासिर खान से मात्र 3 महीने का प्रशिक्षण हासिल किया है.


Body:तूबा के लिए यह मुकाम पाना आसान नहीं था. क्योंकि शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए अलीगढ़ में कोई रेंज नहीं है . और प्रैक्टिस के लिए इन्हें दिल्ली स्थित डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में जाना पड़ता था. छोटी जगहों से लड़कियों को शूटिंग प्रतियोगिता तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ता है . अलीगढ़ में मुस्लिम छात्राएं घुड़सवारी, हाकी और क्रिकेट में जलवे बिखेर रही है. वहीं राइफल शूटिंग में एएमयू की छात्रा तूबा जुनैद ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. उन्होंने बताया कि जीबी मांगवॉल्कर चैंपियनशिप में 8वीं रैंक थी और ऑल इंडिया नेशनल में 12 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने बताया कि इसे हासिल करना बड़ा मुश्किल होता है .बहुत धैर्य और इच्छाशक्ति इसके लिए चाहिए . तूबा ने बताया कि शूटिंग गेम हर किसी के लिए अफॉर्डेबल नहीं है. यह महंगा गेम है. लेकिन घरवालों के सहयोग से वह इस स्पोर्ट्स में है . तूबा ने बताया कि रैंक को और बेहतर बनाना चाहती है.


Conclusion:तूबा का कहना है कि वह एएमयू के अन्य छात्र छात्राओं को शूटिंग के लिए प्रेरित करना चाहती हैं. उनका कहना है कि वर्तमान में भारतीय शूटिंग में सौरभ चौधरी, मनुभाकर और अनीश भनवाल अपने प्रदर्शन के कारण घरेलू नाम बन गए हैं . तूबा का कहना है कि एएमयू के छात्र भी स्पोर्ट्स में अपना कैरियर बना कर एएमयू का नाम ऊंचा कर देश के लिए भी ख्याति ला सकते हैं. तूबा की इच्छा ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का है. तूबा की माँ सबा ने बताया कि यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मुश्किलात आई है. क्योंकि शूटिंग के लिए अलीगढ़ में कोई रेंज नहीं है . कड़ी मेहनत से ही पहली बार यह उपलब्धि हासिल किया है.

बाईट - तूबा, राइफल शूटर
बाईट- सबा,माँ

आलोक सिंह,अलीगढ़
9837830535
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