अलीगढ़: गलवान घाटी पर भारतीय सेना पर हुए हमले को लेकर जिले के पूर्व सैनिकों में आक्रोश है. गुरुवार को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने शहीद जवानों की आत्मा की शांति के लिए सेंटर प्वाइंट पर कैंडल मार्च निकाला. साथ ही शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं पूर्व सैनिकों ने चीनी सामान के बहिष्कार किए जाने की अपील की.
पूर्व सैनिक उल्फत सिंह चौहान ने कहा कि चीन का हर तरीके से बहिष्कार होना चाहिए और शहीद जवानों के लिए बदला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना सिर्फ मरने के लिए नहीं होती है. उनका सम्मान भी होना चाहिए. कैंडल मार्च के बाद पूर्व सैनिकों ने चीन विरोधी नारे भी लगाए.
धोखे से जवानों को मारा
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रदेश महामंत्री वीके गुप्ता ने कहा कि गलवान घाटी में चीन ने धोखे से भारत के 20 जवानों की हत्या की है. उन्होंने बताया कि 1962 में भी ऐसा ही हुआ था. उस समय भी एक तरफ हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे लग रहे थे. दूसरी तरफ धोखे से भारतीय जवानों को मारा गया था. इस बार भी चीन ने कायराना हमला किया है.
चीन ने नहीं निभाई वफादारी
सेवा परिषद के प्रदेश महामंत्री ने बताया कि 1962 से ही चीन से दुश्मनी चल रही है. भारतीय भू-भाग पर चीन ने कब्जा कर रखा है और उसे हम आज तक नहीं ले पाए हैं. चीन ने सिक्किम में भी कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन विफल रहे. उन्होंने कहा कि चीन ने कभी भी वफादारी नहीं निभाई है.