अलीगढ़ः एशियन गेम्स के बाद अब रिंकू सिंह का चयन आयरलैंड में होने वाले टी-20 सीरीज दौरे के लिए भी हो गया. 15 दिन पहले ही एशियन गेम्स के लिए रिंकू सिंह का चयन हुआ था. अब लैफ्ट हैंड के इस बल्लेबाज को आयरलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया है. अलीगढ़ में जैसे ही रिंकू सिंह के चुने जाने की खबर आई. उनके प्रशंसक खुशी से झूम उठे. रिंकू के प्रशंसक उनके घर पहुंचकर जश्न मनाने लगे. वहीं, रिंकू के माता-पिता भी इस बात से काफी खुशी हैं. इसके अलावा रिंकू सिंह के संरक्षक अर्जुन सिंह फकीरा भी उनके चयन पर काफी खुश नजर आए.
गौरतलब है कि रिंकू आज क्रिकेट की बुलंदियों की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन, एक समय था जब उनके पास क्रिकेट किट भी नहीं थी. लेकिन, क्रिकेट खेलने की कला उनमें थी. एक दिन रिंकू सिंह क्रिकेट क्लब चलाने वाले अर्जुन सिंह फकीरा के पास पहुंचे. अर्जुन ने मॉडर्न पब्लिक स्कूल से क्रिकेट खेलने के लिए कुछ बच्चों को मांगा था. रिंकू सिंह इसी स्कूल में पढ़ते थे. मॉडर्न पब्लिक स्कूल ने रिंकू सिंह को अर्जुन फकीरा के पास भेजा. उस समय अर्जुन फकीरा, रिंकू सिंह को नहीं जानते थे.
संरक्षक बन रिंकू को बढ़ाया आगेः अर्जुन फकीरा ने बताया कि एक दिन उनके क्लब का मैच हो रहा था, तभी रिंकू चप्पल पहन कर उनके पास पहुंचे थे. उनके पास न तो स्पोर्ट्स ड्रेस थी और न ही स्पोर्ट किट. तब रिंकू ने कहा, 'स्कूल ने आपके पास भेजा है. आप मेरा गेम एक बार देख लिजिए.' फकीरा उस दिन के मैच को याद करते हुए बताया कि उनकी टीम उस दिन हार रही थी. उन्होंने दूसरों बच्चों के किट दिलाकर रिंकू को ग्राउंड पर भेजा दिया. रिंकू मैदान में उतरे और 35 बालों पर 70 रन बनाकर टीम को जिता दिया. इसके बाद दूसरा मैच में भी क्लब की तरफ रिंकू ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. तभी से उन्होंने रिंकू को अपने क्रिकेट क्लब में स्थाई जगह दे दी और संरक्षक की तरह उन्हें आगे बढ़ाया.
रिंकू का परिवार था क्रिकेट के खिलाफः फकीरा ने आगे बताया कि उन्हें ऐसे परिवार के बच्चों के साथ हमदर्दी थी. उन्होंने रिंकू को स्पोर्ट किट दिलायी, जूते दिलाए और फिर उनकी प्रैक्टिस शुरू हो गई. लेकिन, परिवार के लोग रिंकू के क्रिकेट में कैरियर बनाने के खिलाफ थे. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते कोचिंग संस्थान में झाड़ू-पोछा करने तक की स्थिति आ गई थी. घरवालों ने कहा कि कहीं नौकरी कर लो. इसके बाद उन्होंने रिंकू सिंह के घर जाकर परिजनों को समझाया कि रिंकू क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता है. घरवालों ने अपनी गरीबी का जिक्र किया. इसके बाद उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया.
मैन आफ द सीरीज में मिली बाइक पिता को दीः अर्जुन फकीरा बताते हैं कि डीपीएस में स्टेट लेवल का टूर्नामेंट था. इसमें बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला भी आए थे. इस मैच में रिंकू ने अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया और मैन ऑफ द सीरीज रहा. इसमें पुरस्कार के रूप में उसे बाइक मिली. यह बाइक जब रिंकू ने अपने पिता को सौंपी तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. तब जाकर पिता को रिंकू सिंह की काबिलियत पर विश्वास हुआ. इस दौरान राजीव शुक्ला ने भी रिंकू सिंह की तारीफ की थी.
ट्रायल के लिए भरवाया था फार्मः अर्जुन फकीरा ने बताया कि क्रिकेट की ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए रिंकू सिंह के लिए रास्ता आसान नहीं था. कानपुर में ट्रायल के लिए फॉर्म भरना था. रिंकू को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने उसे फॉर्म भरवाया. रिंकू ने कानपुर में जाकर ट्रायल दिया और उसका सेलेक्शन हो गया. उसके बाद रिंकू के कदम नहीं रुके. अंडर 14, अंडर 16 यूपी की टीम में खेला. फिर रणजी टूर्नामेंट में रन बनाए. इसके बाद आईपीएल की लॉटरी खुल गई. और अब टी 20 टीम इंडिया में शामिल हो कर रिंकू अलीगढ़ का नाम रोशन कर रहा है.
छक्के मार कर क्लब को जिताते थेः रिंकू के खेल के बारे में बताते हुए फकीरा ने बताया कि वह जहां भी खेलने जाते थे. अपनी छाप छोड़ कर आते थे. एक बार टूंडला खेलने गये थे, जहां इतने लंबे छक्के मारे कि गेंद लोगों के घरों में चली गई. वहां, मैच देखने आए लोग भी दंग रह गए कि ये घरों में छक्के मार रहा है. इसके बाग सादाबाद में खेलने गया, वहां स्टेडियम के बाहर गेंद जाकर गिरती थी. रिंकू जहां भी जाता था, वह क्रिकेट क्लब को जीता कर आता था .
टीम इंडिया में स्थान मिलने पर हुए भावुकः अर्जुन सिंह फकीरा ने आगे कहा, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि रिंकू सिंह का चयन टी- 20 टीम इंडिया में हो गया. मेरी आंखों में खुशी के आंसू आ रहे हैं. रिंकू सिंह ने मेरा ही नहीं पूरे अलीगढ़ का नाम रोशन किया है. सभी कहते हैं कि अलीगढ़ छोटा शहर है. लेकिन, कोलकाता में रिंकू सिंह के हर जगह पोस्टर लगे हुए हैं, जिसे देख कर बहुत खुशी हुई. अलीगढ़ शहर को लोग कोलकाता में भी जान रहे हैं.'
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