अलीगढ़: जिले में अखिल भारत क्षत्रिय महासभा ने हाथरस गैगरेप कांड में निर्दोष युवकों को फंसाये जाने पर हाथरस सांसद का पुतला फूंका. इस दौरान महाराणा प्रताप पार्क में बैठक आयोजित की गई और गैंगरेप पीड़िता को न्याय मिलने के साथ ही आरोपी युवकों को निर्दोंष फंसाये जाने की बात भी उठी. क्षत्रिय महासभा ने सीबीआई जांच का समर्थन किया और नार्कों और पॉलीग्राफिक टेस्ट कराए जाने पर सहमति जताई. थाना गांधी पार्क के सुरेन्द्र नगर में हाथरस के भाजपा सांसद राजवीर दिलेर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया.
आईजी को सौंपेंगे ज्ञापन
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने बैठक कर हाथरस गैंगरेप कांड में निर्दोष युवकों को फंसाने की बात कही है. हाथरस कांड की निंदा करते हुए क्षत्रिय महासभा ने इसे गंदी राजनीति का हिस्सा बताया. इस मामले को लेकर सोमवार को अलीगढ़ के आईजी को ज्ञापन मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए दिया जाएगा. इसमें मांग की गई है कि गलत धाराओं में युवकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इसकी निष्पक्ष जांच की जाए और जो दोषी हैं, उनको सजा दी जाए. इससे पीड़ित बिटिया को न्याय मिल सकेगा.
क्षत्रिय समाज के लोगों ने सीबीआई जांच का स्वागत किया है. नारको टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट कराए जाने को सही ठहराया है. इस बैठक में गंदी राजनीति करने वालों को सबक सिखाने का फैसला लिया गया है. इस दौरान हाथरस के भाजपा सांसद राजवीर दिलेर का पुतला फूंका गया. वही क्षत्रिय महासभा के लोगों ने कहा कि आरोपी परिवार के लोगों से मिलेंगे, क्योंकि उनको सुनने को कोई तैयार नहीं है.
जान-बूझकर फंसाने का लगाया आरोप
बैठक में शामिल कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने हाथरस गैंगरेप कांड की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि जो निर्दोष युवकों को फंसाया गया है. उनको न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज के लोगों को जान-बूझकर फंसाया गया और इसमें भाजपा सांसद राजवीर दिलेर ने युवकों को फंसाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर दबाव बनाकर युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. उन्होंने कहा कि पूरा क्षत्रिय समाज इस मुद्दे पर एक है और इस घटना में किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. अमरपाल सिंह ने कहा कि यह घटना क्षत्रिय समाज को बदनाम करने की नियत से की गई है. इससे जातिगत राजनीति को और बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर क्षत्रिय समाज के युवक गलत हैं, तो उन्हें फांसी होनी चाहिए, लेकिन अगर निर्दोष हैं तो उन्हें छोड़ा जाएं.