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यूपी पुलिस भर्ती मामला : सामान्य वर्ग आयुसीमा 22 से 25 करने की मांग, संशोधित विज्ञापन जारी नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन

जागृति मंच के लोगों ने यूपी पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग की आयुसीमा (Age Limit Issue in UP Police Recruitment) बढ़ाने की मांग की है. इस संबंध में इन लोगों ने विधायक और सांसद को ज्ञापन दिया है. साथ ही कहा कि संशोधित विज्ञापन जारी नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 10:18 PM IST

अलीगढ़: जागृति मंच के लोगों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग की आयुसीमा बढ़ाने की मांग को लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों के आवास पर जाकर ज्ञापन सौंपाा. 23 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश शासन ने 5 वर्ष के लंबे अन्तराल के बाद यूपी पुलिस के 60 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा 18 से 22 वर्ष और इसके विपरीत अन्य वर्गों के लिए अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष निर्धारित की गई है. जोकि, नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है. भाजपा एमएलसी मानवेन्द्र प्रताप सिंह को इस बारे में अवगत कराया गया. एमएलसी मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने आश्वाशन दिया है कि इस बात को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा. वहीं, भाजपा के अन्य विधायक, सांसदों को भी पत्र देकर समान्य वर्ग के लिए आयु सीमा बढ़ाने की मांग की गई.

वहीं, जागृति मंच के अनुज प्रताप सिंह ने कोल विधायक अनिल पराशर को बताया कि वर्ष 2018 में पुलिस विभाग में भर्ती सम्पन्न हुई थी. समान्य वर्ग के अभ्यर्थी वर्ष 2018 के बाद से ही पुलिस भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे. लेकिन, 2020-2021 में देश एवं प्रदेश में कोरोना महमारी के कारण प्रदेश के पुलिस विभाग में कोई भी भर्ती नहीं हो सकी थी. कोरोना काल के चलते प्रदेश के युवाओं को पुलिस भर्ती का अवसर नहीं मिल सका था. अब शासन द्बारा पुलिस विभाग में भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में सवर्ण वर्ग के अभ्यर्थियों की अधिकतम आयुसीमा 22 वर्ष निर्धारित होने से वर्षों से पुलिस भर्ती की तैयारियों में जुटे अभ्यर्थियों के सरकारी नौकरी पाने के सपनों पर कुठाराघात है. कोल विधायक अनिल पाराशर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को अवगत कराया.

जागृति मंच के विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि उप्र. के विपरीत अन्य प्रदेशों जैसे उत्तराखंड में 35 वर्ष, मध्य प्रदेश में 33 वर्ष, पंजाब में 28 वर्ष और बिहार एवं हरियाणा में 25 वर्ष पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा है. विवेक प्रताप ने जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह को ज्ञापन देकर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा बढ़ाने की मांग की है. अखिलेश तोमर ने भाजपा के छर्रा विधायक रवेन्द्र पाल सिंह से आवास पर मिलकर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दो मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएं, जिससे सामान्य वर्ग के ज्यादा अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग ले सके.

उन्होंने बताया कि उप्र पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी की आयुसीमा 22 वर्ष से बढ़ाकर कम से कम 25 वर्ष की जाए. वहीं, उप्र. पुलिस भर्ती में ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों की अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की भांति अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष निर्धारित की जाए. छर्रा विधायक रवेन्द्र पाल सिंह ने आश्वस्त किया है कि पुलिस भर्ती को लेकर सामान्य वर्ग की आयुसीमा बढ़ाने की बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे.

जागृति मंच के सदस्य राजकुमार चौहान अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम से मिले. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी विज्ञापन में सामान्य वर्ग एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग की उपरोक्त दोनों मांगों को सम्मलित कराते हुए संशोधित विज्ञापन जारी कराने की कृपा करें, जिससे सामान्य एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके. न किए जाने की स्थिति में सवर्ण समाज सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. इसका 2024 चुनाव परिणामों पर विपरीत असर पड़ेगा.

यह भी पढ़ें: यूपी पुलिस में आयुसीमा छूट मामला हाईकोर्ट पहुंचा: प्रतियोगी छात्रों ने दाखिल की याचिका, शीत अवकाश बाद होगी सुनवाई

अलीगढ़: जागृति मंच के लोगों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग की आयुसीमा बढ़ाने की मांग को लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों के आवास पर जाकर ज्ञापन सौंपाा. 23 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश शासन ने 5 वर्ष के लंबे अन्तराल के बाद यूपी पुलिस के 60 हजार पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा 18 से 22 वर्ष और इसके विपरीत अन्य वर्गों के लिए अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष निर्धारित की गई है. जोकि, नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है. भाजपा एमएलसी मानवेन्द्र प्रताप सिंह को इस बारे में अवगत कराया गया. एमएलसी मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने आश्वाशन दिया है कि इस बात को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा. वहीं, भाजपा के अन्य विधायक, सांसदों को भी पत्र देकर समान्य वर्ग के लिए आयु सीमा बढ़ाने की मांग की गई.

वहीं, जागृति मंच के अनुज प्रताप सिंह ने कोल विधायक अनिल पराशर को बताया कि वर्ष 2018 में पुलिस विभाग में भर्ती सम्पन्न हुई थी. समान्य वर्ग के अभ्यर्थी वर्ष 2018 के बाद से ही पुलिस भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे. लेकिन, 2020-2021 में देश एवं प्रदेश में कोरोना महमारी के कारण प्रदेश के पुलिस विभाग में कोई भी भर्ती नहीं हो सकी थी. कोरोना काल के चलते प्रदेश के युवाओं को पुलिस भर्ती का अवसर नहीं मिल सका था. अब शासन द्बारा पुलिस विभाग में भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में सवर्ण वर्ग के अभ्यर्थियों की अधिकतम आयुसीमा 22 वर्ष निर्धारित होने से वर्षों से पुलिस भर्ती की तैयारियों में जुटे अभ्यर्थियों के सरकारी नौकरी पाने के सपनों पर कुठाराघात है. कोल विधायक अनिल पाराशर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को अवगत कराया.

जागृति मंच के विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि उप्र. के विपरीत अन्य प्रदेशों जैसे उत्तराखंड में 35 वर्ष, मध्य प्रदेश में 33 वर्ष, पंजाब में 28 वर्ष और बिहार एवं हरियाणा में 25 वर्ष पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा है. विवेक प्रताप ने जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह को ज्ञापन देकर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा बढ़ाने की मांग की है. अखिलेश तोमर ने भाजपा के छर्रा विधायक रवेन्द्र पाल सिंह से आवास पर मिलकर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दो मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएं, जिससे सामान्य वर्ग के ज्यादा अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग ले सके.

उन्होंने बताया कि उप्र पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी की आयुसीमा 22 वर्ष से बढ़ाकर कम से कम 25 वर्ष की जाए. वहीं, उप्र. पुलिस भर्ती में ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों की अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की भांति अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष निर्धारित की जाए. छर्रा विधायक रवेन्द्र पाल सिंह ने आश्वस्त किया है कि पुलिस भर्ती को लेकर सामान्य वर्ग की आयुसीमा बढ़ाने की बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे.

जागृति मंच के सदस्य राजकुमार चौहान अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम से मिले. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया के लिए जारी विज्ञापन में सामान्य वर्ग एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग की उपरोक्त दोनों मांगों को सम्मलित कराते हुए संशोधित विज्ञापन जारी कराने की कृपा करें, जिससे सामान्य एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके. न किए जाने की स्थिति में सवर्ण समाज सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. इसका 2024 चुनाव परिणामों पर विपरीत असर पड़ेगा.

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