अलीगढ़: जिले में कुछ दिनों पूर्व बीच सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ करने का मामला सामने आया था. हिन्दूवादी संगठनों को जिलाधिकारी ने इस नई परम्परा को चालू करने पर रोक लगा दी है. प्रशासन की इजाजत के बिना अब वे सड़क पर महाआरती या हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकेंगे.
क्या है पूरा मामला
- हाथरस अड्डे पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर व सासनी गेट पर स्थित मंदिर पर हिन्दूवादी संगठन द्वारा आरती का आयोजन किया गया था.
- इस आरती व हनुमान चालीसा के पाठ में भाजपा नेता भी शामिल हुए थे.
- भाजपा नेताओं ने कहा कि हिन्दू धर्म के आयोजनों से किसी को भी कोई असुविधा नहीं होती है.
- भाजपा नेताओं ने कहा कि बीच सड़क पर नमाज पढ़ने का जो मुद्दा उठाया गया है, वह सही मुद्दा है.
- उन्होंने कहा कि इससे जनमानस को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
- इस दौरान मंदिर परिसर पर पुलिस बल की तैनाती रही.
- एलआईयू की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने हिन्दूवादी संगठनों से बातकर नई परम्परा चालू करने पर रोक लगाने की अपील की है.
- पूर्व मेयर शकुन्तला भारती ने बताया कि पूजा-पाठ रोड पर नहीं, बल्कि गली में की गई थी.
धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी सभी व्यक्ति को है. सड़क पर पूजा करने का कोई मतलब नहीं है. अलीगढ़ साम्प्रदायिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील शहर है और बिना प्रशासन की अनुमति के सड़क पर पूजा पाठ नहीं किया जा सकता. अगर ये पूजा-पाठ परम्परागत हो रही होती तो कोई बात नहीं थी. कोई भी विषय जो कानून-व्यवस्था को प्रभावित करें, उससे दिक्कतें आ सकती हैं. इसी के तहत मामले को संज्ञान में लेकर अलर्ट है.
चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी, अलीगढ़