ETV Bharat / state

अलीगढ़: 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का रोका वेतन, फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर ली थी नौकरी - sarary of eight aanganbadi workers is stopped

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है. स्थानीय लोगों द्वारा मिली शिकायत के बाद मामले की जांच में इनके शैक्षिक प्रमाण पत्र गलत पाए गए. इसको लेकर इन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

जीएस प्रियदर्शी
जीएस प्रियदर्शी
author img

By

Published : Aug 29, 2020, 8:01 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी पाने वाली 8 कर्मियों का वेतन रोक दिया है. कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी थी. इसके आधार पर कमिश्नर ने आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि स्थानीय नागरिकों द्वारा इसकी शिकायत की गई थी.

पिछले दिनों कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी को कासगंज के रहने वाले लोकेन्द्र चौहान ने शिकायती पत्र भेजा था. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमांपुर की शीला, वीरपुर की अफसाना बेगम, समसपुर डेंगरी की सुषमा देवी व मधुरानी, बढ़ारी खुर्द की कोमल देवी, बहटा की फलवती, नादरमई की इन्द्रवती देवी थी. ग्राम कैड़ी विकास खण्ड सोरों के ग्रामवासियों द्वारा शिकायत की गई कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुधारानी ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है.

कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी को उक्त प्रकरणों की जांच कर शीघ्र आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. निरीक्षण में पाया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शीला साहू, अफसाना बेगम, सुषमा देवी व मधुरानी, कोमल देवी, फूलवती इन सभी के शैक्षिक प्रमाण पत्र बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री ऐजूकेशन, ग्वालियर, मध्य प्रदेश विधि द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षा परिषद नहीं है. यह मान्यता प्राप्त शिक्षा परिषदों की संस्था नई दिल्ली की भी सदस्य नहीं हैं और न ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इनको प्रदेश में विद्यालय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गयी है. उक्त परिषद से मान्य सभी विद्यालय अवैध हैं और इनके द्वारा दिये जा रहे प्रमाण पत्र मान्य नहीं है. जांच के बाद इन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 जुलाई 2020 को नोटिस जारी कर अपना पक्ष साक्ष्य सहित रखने का अवसर दिया गया. इनके द्वारा कोई उत्तर साक्ष्य सहित लिखित रूप में नहीं दिया गया है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन्द्रवती देवी, नादरमई, ब्लाक अमांपुर के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र, मेरठ से सत्यापन कराया गया. इसके अनुसार, इन्द्रवती की वर्ष 2009 की हाईस्कूल परीक्षा का परीक्षाफल रोका गया. जांच आख्या के क्रम में 4 जुलाई को इन्द्रवती को नोटिस दिया गया. इसके क्रम में उन्होंने स्व-प्रमाणित क्रास लिस्ट की छायाप्रति साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई, जो कि सत्यापन आख्या के विपरीत है. इसी प्रकार सुधारानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्राम कैड़ी विकास खण्ड सोरों के विरूद्ध ग्रामवासियों ने केन्द्र पर नियमित रूप से उपस्थित न रहने, पुष्टाहार वितरण न करने आदि की शिकायत की गयी.

प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, सोरों द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि सुधारानी ग्राम कैड़ी से 15 किलोमीटर दूर गंगेश्वरी कॉलोनी, कासगंज की रहने वाली हैं. आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण में सुधारानी अनुपस्थित पाई गयी. ग्रामवासियों ने पोषाहार वितरण में भी अनियमितता बरतने की बात कही. नियुक्ति आदेश की छाया प्रति में उन्होंने अपने पति के नाम में स्वयं हस्त लिखित हेर-फेर कर ली है. जांचोपरान्त सुधा रानी को 28 जनवरी 2020 को अपना पक्ष रखने के लिये पत्र निर्गत किया गया, परन्तु इनके द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. इससे स्पष्ट होता है कि इनके विरूद्ध की गयी शिकायत सत्य है और इनके द्वारा जांच अधिकारी को प्रस्तुत किये गये अभिलेख पर ओवर राइटिंग की गई है. कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अभिलेखों एवं प्राप्त शिकायतों की जांच में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अग्रिम आदेशों तक मानदेय सेवाओं से पृथक किया गया है.

अलीगढ़: अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी पाने वाली 8 कर्मियों का वेतन रोक दिया है. कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी थी. इसके आधार पर कमिश्नर ने आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि स्थानीय नागरिकों द्वारा इसकी शिकायत की गई थी.

पिछले दिनों कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी को कासगंज के रहने वाले लोकेन्द्र चौहान ने शिकायती पत्र भेजा था. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमांपुर की शीला, वीरपुर की अफसाना बेगम, समसपुर डेंगरी की सुषमा देवी व मधुरानी, बढ़ारी खुर्द की कोमल देवी, बहटा की फलवती, नादरमई की इन्द्रवती देवी थी. ग्राम कैड़ी विकास खण्ड सोरों के ग्रामवासियों द्वारा शिकायत की गई कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुधारानी ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है.

कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी को उक्त प्रकरणों की जांच कर शीघ्र आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. निरीक्षण में पाया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शीला साहू, अफसाना बेगम, सुषमा देवी व मधुरानी, कोमल देवी, फूलवती इन सभी के शैक्षिक प्रमाण पत्र बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री ऐजूकेशन, ग्वालियर, मध्य प्रदेश विधि द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षा परिषद नहीं है. यह मान्यता प्राप्त शिक्षा परिषदों की संस्था नई दिल्ली की भी सदस्य नहीं हैं और न ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इनको प्रदेश में विद्यालय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गयी है. उक्त परिषद से मान्य सभी विद्यालय अवैध हैं और इनके द्वारा दिये जा रहे प्रमाण पत्र मान्य नहीं है. जांच के बाद इन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 जुलाई 2020 को नोटिस जारी कर अपना पक्ष साक्ष्य सहित रखने का अवसर दिया गया. इनके द्वारा कोई उत्तर साक्ष्य सहित लिखित रूप में नहीं दिया गया है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन्द्रवती देवी, नादरमई, ब्लाक अमांपुर के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र, मेरठ से सत्यापन कराया गया. इसके अनुसार, इन्द्रवती की वर्ष 2009 की हाईस्कूल परीक्षा का परीक्षाफल रोका गया. जांच आख्या के क्रम में 4 जुलाई को इन्द्रवती को नोटिस दिया गया. इसके क्रम में उन्होंने स्व-प्रमाणित क्रास लिस्ट की छायाप्रति साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई, जो कि सत्यापन आख्या के विपरीत है. इसी प्रकार सुधारानी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्राम कैड़ी विकास खण्ड सोरों के विरूद्ध ग्रामवासियों ने केन्द्र पर नियमित रूप से उपस्थित न रहने, पुष्टाहार वितरण न करने आदि की शिकायत की गयी.

प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, सोरों द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि सुधारानी ग्राम कैड़ी से 15 किलोमीटर दूर गंगेश्वरी कॉलोनी, कासगंज की रहने वाली हैं. आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण में सुधारानी अनुपस्थित पाई गयी. ग्रामवासियों ने पोषाहार वितरण में भी अनियमितता बरतने की बात कही. नियुक्ति आदेश की छाया प्रति में उन्होंने अपने पति के नाम में स्वयं हस्त लिखित हेर-फेर कर ली है. जांचोपरान्त सुधा रानी को 28 जनवरी 2020 को अपना पक्ष रखने के लिये पत्र निर्गत किया गया, परन्तु इनके द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. इससे स्पष्ट होता है कि इनके विरूद्ध की गयी शिकायत सत्य है और इनके द्वारा जांच अधिकारी को प्रस्तुत किये गये अभिलेख पर ओवर राइटिंग की गई है. कासगंज के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अभिलेखों एवं प्राप्त शिकायतों की जांच में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अग्रिम आदेशों तक मानदेय सेवाओं से पृथक किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.