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अलीगढ़: क्वारंटाइन सेंटर में 84 डॉक्टरों ने 28 दिन में खाया 50 लाख का खाना - अलीगढ़ कोरोना वायरस न्यूज

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में लॉकडाउन के दौरान शहर के होटलों में 84 डाक्टरों को क्वारंटाइन किया गया था. इनका 28 दिनों का खाने का बिल करीब 50 लाख रुपये का है. वहीं इसका भुगतान करने को लेकर योगी सरकार ने हाथ खड़े कर दिए है.

भुगतान अटका .
भुगतान अटका .
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Published : Jul 30, 2020, 8:22 AM IST

अलीगढ़: जिले में लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले डाक्टरों के भोजन का बिल अटक गया है. मार्च माह में शहर के होटलों में 84 डाक्टरों के 28 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया था. इस अवधि का खाने का बिल करीब 50 लाख रुपये का है. योगी सरकार ने इन बिलों का भुगतान करने से इनकार कर दिया है. दरअसल कमिश्नरी में कोरोना मामले की मंडलीय समीक्षा बैठक में यह मुद्दा उठा था, जिसमें अपर मुख्य सचिव चिकित्सा रजनीश दुबे हैरान रह गए. शासनादेश का हवाला देकर उन्होंने भुगतान से पल्ला झाड़ लिया. अब 50 रुपये के भोजन के हिसाब से भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया है.

84 डॉक्टरों का बिल आया करीब 50 लाख.
दरअसल, कोविड-19 का प्रकोप शुरु होने पर मेडिकल व जिला अस्पताल में लखनऊ व बाहर जिलों की डॉक्टर की टीम बुलाई गई थी. डॉक्टरों को होटलों में क्वारंटाइन किया गया था. 42 डॉक्टरों के पहले बैच को विकास होटल व होटल पाम ट्री में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया था. वहीं 42 डॉक्टरों के दूसरे बैच को होटल गैलेक्टी व होटल इन में ठहराया गया था.डॉक्टरों के खाने पीने व ठहरने के 28 दिन की अवधि का बिल करीब 50 लाख रुपये बना है. इस हिसाब से प्रतिदिन हर डॉक्टर पर करीब 2126 रुपये खर्च किये गए. इस बिल के भुगतान को लेकर जेएन मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में ठन गई. कमिश्नरी में समीक्षा के दौरान कोरोना के नोडल अधिकारी बिल को लेकर हैरान थे. नोडल अधिकारी रजनीश दुबे व मनोज सिंह की तरह से कहा गया कि बजट में इस तरह के खर्च का उल्लेख नहीं है.

उन्होंने शासनदेश का भी हवाला दिया. ये भी कहा गया कि जेएन मेडिकल कॉलेज केन्द्र के अधीन है. इसलिए भुगतान राज्य सरकार की तरफ से नहीं किया जाएगा. इसको लेकर एएमयू प्रशासन सकते में आ गया है, क्योंकि कुछ डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े थे. इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने कहा है कि प्रमुख सचिव के सामने मामला उठा था. उन्होंने कहा है कि खाने का भुगतान राज्य सरकार नहीं करेगी.

अलीगढ़: जिले में लॉकडाउन के दौरान काम करने वाले डाक्टरों के भोजन का बिल अटक गया है. मार्च माह में शहर के होटलों में 84 डाक्टरों के 28 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया था. इस अवधि का खाने का बिल करीब 50 लाख रुपये का है. योगी सरकार ने इन बिलों का भुगतान करने से इनकार कर दिया है. दरअसल कमिश्नरी में कोरोना मामले की मंडलीय समीक्षा बैठक में यह मुद्दा उठा था, जिसमें अपर मुख्य सचिव चिकित्सा रजनीश दुबे हैरान रह गए. शासनादेश का हवाला देकर उन्होंने भुगतान से पल्ला झाड़ लिया. अब 50 रुपये के भोजन के हिसाब से भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया है.

84 डॉक्टरों का बिल आया करीब 50 लाख.
दरअसल, कोविड-19 का प्रकोप शुरु होने पर मेडिकल व जिला अस्पताल में लखनऊ व बाहर जिलों की डॉक्टर की टीम बुलाई गई थी. डॉक्टरों को होटलों में क्वारंटाइन किया गया था. 42 डॉक्टरों के पहले बैच को विकास होटल व होटल पाम ट्री में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया था. वहीं 42 डॉक्टरों के दूसरे बैच को होटल गैलेक्टी व होटल इन में ठहराया गया था.डॉक्टरों के खाने पीने व ठहरने के 28 दिन की अवधि का बिल करीब 50 लाख रुपये बना है. इस हिसाब से प्रतिदिन हर डॉक्टर पर करीब 2126 रुपये खर्च किये गए. इस बिल के भुगतान को लेकर जेएन मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में ठन गई. कमिश्नरी में समीक्षा के दौरान कोरोना के नोडल अधिकारी बिल को लेकर हैरान थे. नोडल अधिकारी रजनीश दुबे व मनोज सिंह की तरह से कहा गया कि बजट में इस तरह के खर्च का उल्लेख नहीं है.

उन्होंने शासनदेश का भी हवाला दिया. ये भी कहा गया कि जेएन मेडिकल कॉलेज केन्द्र के अधीन है. इसलिए भुगतान राज्य सरकार की तरफ से नहीं किया जाएगा. इसको लेकर एएमयू प्रशासन सकते में आ गया है, क्योंकि कुछ डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े थे. इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने कहा है कि प्रमुख सचिव के सामने मामला उठा था. उन्होंने कहा है कि खाने का भुगतान राज्य सरकार नहीं करेगी.

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