अलीगढ़ : धान की फसल खेतों में तैयार हैं. इस साल समय पर बारिश होने और क्षेत्र में सिंचाई के बेहतर संसाधनों के चलते धान की अच्छी पैदावार होने का अनुमान है. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर धान खरीद की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. वैसे धान खरीद होने में अभी डेढ़ माह का समय है, लेकिन शासन द्वारा एजेंसी और क्रय केंद्रों का निर्धारण कर दिया गया है. ताकि समय रहते धान खरीद की तैयारियां पूरी की जा सके. इसके लिए मौजूदा विपणन वर्ष में 4 एजेंसियों को धान खरीद के लिए अधिकृत किया गया है. मण्डल भर में ये चार एजेंसियां 59 सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीदेंगीं.
प्रदेश सरकार द्वारा किसान हित में इस साल धान समर्थन मूल्य में 53 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की गई है. अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि धान की पैदावार करने वाले किसान जो फसल को बेचना चाहते हैं, समय से अपना पंजीकरण वेबसाइट fcs.up.gov.in करा लें. पंजीकरण किसी भी जन सुविधा केन्द्र या साइबर कैफे से कराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष ओटीपी आधारित पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है. किसान पहले से पंजीकरण कराकर अपने धान की बिक्री शीघ्र एवं सुगमतापूर्वक होना सुनिश्चित करा लें. उन्होंने कहा कि पंजीकरण के समय अपना वर्तमान मोबाइल नम्बर डालें, जिस पर प्राप्त ओटीपी को भरकर पंजीयन प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी.
उन्होंने ने बताया कि जो किसान गेंहू खरीद वर्ष 2020-21 में अपना पंजीकरण करा चुके हैं. उन्हें पुनः पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है. धान की बिक्री के लिये यथा अवश्यक संशोधन कर या बिना संशोधन के पुनः लॉक करना होगा. धान के केंद्रों पर उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मण्डल में धान खरीद एक नवम्बर से शुरू होने जा रही है. प्रदेश सरकार द्वारा विगत वर्ष से धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी करते हुए प्रति कुंतल 1868 का मूल्य निर्धारित किया है. जो अब तक का सर्वाधिक समर्थन मूल्य है. उन्होंने बताया कि पिछले विपणन वर्ष 2019-20 में धान समर्थन मूल्य 1815 रुपये प्रति कुंतल के साथ शासन द्वारा आवंटित लक्ष्य 9400 मीट्रिक टन के सापेक्ष 11400 मीट्रिक टन की खरीद की गई थी.
धान खरीद के लिए जो एजेंसियां नामित की गईं हैं, उनमें खाद्य विभाग, पीसीएफ, एफसीआई और आवश्यक वस्तु निगम हैं. शासन द्वारा अभी धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. लेकिन किसान किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए धान खरीद के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि फसल पैदावार में बारिश की भूमिका अहम होती है. परन्तु समय पर हुई बारिश और सिंचाई के बेहतर संसाधनों के चलते धान की पैदावार विगत वर्षों के मुकाबले अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है. उन्होंने बताया कि किसान पंजीकरण के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या जनसेवा केंद्र पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं. चार एजेंसियों के माध्यम से अलीगढ़ में 20, एटा में 11, कासगंज में 15 और हाथरस में 13 धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं.