ETV Bharat / state

ब्लैक फंगस से एक और मरीज की मौत, SNMC में अब तक 25 मरीज भर्ती

आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस से पीड़ित एक और महिला मरीज की मृत्यु हो गई. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार ब्लैक फंगस के संदिग्ध 25 मरीज वार्ड में भर्ती किए गए हैं.

एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा
एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा
author img

By

Published : May 25, 2021, 10:03 AM IST

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) में ब्लैक फंगस से एक और मरीज की जान चली गई. मरीज की गंभीर हालत होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एसएनएमसी में अब तक 25 मरीज भर्ती कराए गए हैं, जिनमें से ब्लैक फंगस के छह संदिग्ध मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है. एसएन मेडिकल कॉलेज में आने वाले दिनों में ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी का अंदेशा है. इसको लेकर प्राचार्य ने सरकार को पत्र लिखा है.

छह संदिग्ध मरीजों का हुआ ऑपरेशन
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ब्लैक फंगस जानलेवा साबित हो रहा है. एसएन मेडिकल कॉलेज में पहले ही ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मरीजों की मौत हो चुकी है. ब्लैक फंगस के लिए गठित कमेटी के नोडल अधिकारी ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि रविवार को गंभीर हालत में ब्लैक फंगस से पीड़ित एक महिला मरीज को भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. एसएनएमसी में ब्लैक फंगस के लिए समर्पित वार्ड में 25 मरीज भर्ती हो चुके हैं. सोमवार को पांच नए संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं. मरीजों का उपचार और ऑपरेशन किया जा रहा है. अब तक ब्लैक फंगस के छह संदिग्ध मरीजों के ऑपरेशन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-मधुमेह और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए ब्लैक फंगस खतरनाक : डॉ. सायमा

आज होंगे पांच ऑपरेशन
नोडल अधिकारी ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ टीम को जांच में कई मरीज अनफिट मिले हैं, जिनका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता. सोमवार को भी एक मरीज अनफिट होने पर उसका ऑपरेशन टालना पड़ा था. मंगलवार को पांच मरीजों के ऑपरेशन किए जाएंगे. इनमें ब्लैक फंगस के तीन और दो मरीज कैंसर के हैं. एसएनएमसी में अभी व्हाइट फंगस और येलो फंगस का पीड़ित कोई मरीज नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें-ब्लैक फंगस से मरीज को बचाने के लिए मजबूरन निकालनी पड़ रही आंख : नेत्र विशेषज्ञ

सरकार को भेजी डिमांड
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि ब्लैक फंगस के उपचार में इंजेक्शन एंफोटेरेसिन, पोसो कोनाजोल (टैबलेट्स और सीरप) और लायको कोनाजोल टैबलेट्स का उपयोग किया जाता है, जिनकी अभी कमी है. इसलिए चिकित्सक दूसरी दवाओं या अन्य विकल्प से ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार कर रहे हैं. दवाएं मंहगी हैं. दवाओं की डिमांड सरकार को भेज दी है. जल्द ही दवाओं की आपूर्ति हो जाएगी.

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) में ब्लैक फंगस से एक और मरीज की जान चली गई. मरीज की गंभीर हालत होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एसएनएमसी में अब तक 25 मरीज भर्ती कराए गए हैं, जिनमें से ब्लैक फंगस के छह संदिग्ध मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है. एसएन मेडिकल कॉलेज में आने वाले दिनों में ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं की कमी का अंदेशा है. इसको लेकर प्राचार्य ने सरकार को पत्र लिखा है.

छह संदिग्ध मरीजों का हुआ ऑपरेशन
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ब्लैक फंगस जानलेवा साबित हो रहा है. एसएन मेडिकल कॉलेज में पहले ही ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मरीजों की मौत हो चुकी है. ब्लैक फंगस के लिए गठित कमेटी के नोडल अधिकारी ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि रविवार को गंभीर हालत में ब्लैक फंगस से पीड़ित एक महिला मरीज को भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. एसएनएमसी में ब्लैक फंगस के लिए समर्पित वार्ड में 25 मरीज भर्ती हो चुके हैं. सोमवार को पांच नए संदिग्ध मरीज भर्ती हुए हैं. मरीजों का उपचार और ऑपरेशन किया जा रहा है. अब तक ब्लैक फंगस के छह संदिग्ध मरीजों के ऑपरेशन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-मधुमेह और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए ब्लैक फंगस खतरनाक : डॉ. सायमा

आज होंगे पांच ऑपरेशन
नोडल अधिकारी ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ टीम को जांच में कई मरीज अनफिट मिले हैं, जिनका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता. सोमवार को भी एक मरीज अनफिट होने पर उसका ऑपरेशन टालना पड़ा था. मंगलवार को पांच मरीजों के ऑपरेशन किए जाएंगे. इनमें ब्लैक फंगस के तीन और दो मरीज कैंसर के हैं. एसएनएमसी में अभी व्हाइट फंगस और येलो फंगस का पीड़ित कोई मरीज नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें-ब्लैक फंगस से मरीज को बचाने के लिए मजबूरन निकालनी पड़ रही आंख : नेत्र विशेषज्ञ

सरकार को भेजी डिमांड
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि ब्लैक फंगस के उपचार में इंजेक्शन एंफोटेरेसिन, पोसो कोनाजोल (टैबलेट्स और सीरप) और लायको कोनाजोल टैबलेट्स का उपयोग किया जाता है, जिनकी अभी कमी है. इसलिए चिकित्सक दूसरी दवाओं या अन्य विकल्प से ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार कर रहे हैं. दवाएं मंहगी हैं. दवाओं की डिमांड सरकार को भेज दी है. जल्द ही दवाओं की आपूर्ति हो जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.