आगरा: कथा व्यास स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा दिए गए बयान 'मरे मुलायम और कांशीराम, अब जोर से बोलो जय श्री राम' को लेकर विरोध शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कथा व्यास स्वामी रामभद्राचार्य के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया. समाजवादियों का कहना है कि व्यास गद्दी पर बैठकर राजनीति वाले बयान देना अनुचित है.
दरअसल कोठी मीना बाजार मैदान में 3 अप्रैल से राम सेवा समिति के तत्वाधान से श्रीराम कथा हो रही है. रामकथा के दौरान शंकराचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने बुधवार को बसपा के गठबंधन पर चुटकी लेते हुए कहा था कि जब सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती में गठबंधन हुआ तो नारा दिया गया था कि 'मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्री राम'. अब दोनों ही नहीं रहे, ऐसे में अब नारा यह बन गया है कि 'मरे मुलायम और कांशीराम, अब जोर से बोलो जय श्री राम'. इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के छात्रसभा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दीवानी चौराहे पर स्थित भारत माता की मूर्ति के आगे कथा व्यास स्वामी रामभद्राचार्य के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया. समाजवादी पार्टी के छात्रसभा संघठन के कार्यकर्ता अमित यादव ने स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान हमारे नेता मुलायम सिंह यादव और कांशीराम जी को लेकर विवादित बयान दिया है.
कार्यकर्ताओं ने आगे कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य भारतीय जनता पार्टी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. भागवत और राम कथाओं में व्यास गद्दी पर बैठकर ऐसे राजनीतिक बयान नहीं देने चाहिए. एक तरफ तो भाजपा नेताजी मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण देने का काम कर रही है. दूसरी तरफ अपने एजेंटों से विवादित बयान दिलवाकर मुलायम सिंह यादव और कांशीराम का अनादर कर रही है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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