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कौन हैं प्रशस्ति श्रीवास्तव, जिन्हें मिलेगा रेलवे का सर्वोच्च पुरस्कार, अति विशिष्ट रेल सेवा अवार्ड - अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार

Railway News : प्रशस्ति श्रीवास्तव उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के आगरा मंडल में वाणिज्यिक प्रबंधक के पद पर हैं. आईए जानते हैं उनके परिवार और शिक्षा-दीक्षा के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 9, 2023, 6:20 AM IST

आगरा: उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के आगरा मंडल में तैनात वाणिज्यिक प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव को रेलवे का सर्वोच्च अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार मिलेगा. 2017 बैच की आईआरटीएस अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव को 15 दिसंबर को रेल मंत्री ये पुरस्कार प्रदान करेंगे. जिसकी आगरा रेल मंडल में खूब चर्चा हो रही है. उन्होंने आगरा रेल मंडल का नाम रोशन किया है. जिसकी वजह उन्हें बधाई और शुभकामनाएं भी खूब मिल रही हैं.

प्रशस्ति श्रीवास्तव के पायलट प्रोजेक्ट से मालगाड़ी के संचालन में समय की बचत के साथ ही वैगन से माल लोड करने और उतारने के लिए कन्वेयर बेल्ट पर बेहतरीन कार्य किया गया है. जिसके लिए ही रेलवे की ओर से उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है. गोरखपुर की मूल निवासी प्रशस्ति श्रीवास्तव के पिता प्रमोद कुमार श्रीवास्तव सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उनकी पढ़ाई कई शहर में हुई.

प्रशस्ति श्रीवास्तव ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई एटा के सेंटपॉल स्कूल से की. फिर ग्रेटर नोएडा स्थित विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. प्रशस्ति श्रीवास्तव की पहली च्वाइस आईएएस थी. आईपीएस और इनकम टैक्स के बाद उनकी चौथी पसंद आईआरटीएस थी.

इनोवेटिव आइडिया से शुरू किया था पायलट प्रोजेक्टः आगरा रेल मंडल की वाणिज्यिक प्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे की आमदनी बढ़ाने और मालगाड़ियों की गति बेहतर करने पर काम किया गया था. मैंने इनोवेटिव आइडिया पर काम किया. फिर, अपने सीनियर अधिकारीयों से इस पर चर्चा की, जिसमें कई जरूरी सुझाव के बाद 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यमुना ब्रिज और कुबेरपुर गुड्स शेड से इनोवेटिव आइडिया की शुरुआत की.

आइडिया से आमदनी भी बढ़ी और रिजल्ट बेहतर आएः प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इनोवेटिव आइडिया थर्ड पार्टी के जरिये शुरू हुआ. जिसके तहत थर्ड पार्टी में काम करने वाले को सालाना रेलवे को 5 लाख रुपए का भुगतान करना था. थर्ड पार्टी उस ग्राहक से कन्वेयर सेवा चार्ज के रूप में लेगा, जिसका सामान रेलवे की मालगाड़ी के माध्यम से यमुना ब्रिज गुड्स शेड तक पहुंचा था.

उन्होंने बताया कि, कन्वेयर बेल्ट प्रणाली ने वैगन से माल उतारने और चढ़ाने की गति बढ़ गई. कार्यस्थल पर जोखिम भी कम हुआ और श्रम लागत भी कम हुई. चलती माल ढुलाई रैक एक परिसंपत्ति है. यह लोडिंग और अनलोडिंग के लिए प्रतीक्षा कर रहे स्टैंड स्टील रैक के विपरीत राजस्व उत्पन्न करता है. कन्वेयर बेल्ट सिस्टम के साथ एक वैगन 45 मिनट में और अधिकतम 6 घंटे में अनलोड हो जाता है.

रेलवे बोर्ड कर रहा नेटवर्क में लागूः आगरा रेल मंडल की वाणिज्यिक प्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि, आगरा रेल मंडल में पायलट प्रोजेक्ट बेहतर रहने पर इसे रेलवे बोर्ड भेजा गया. अब इस प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड अपने नेटवर्क के सभी गुड्स शेडों में शुरू करने का निर्णय लिया है. जो प्रशस्ति श्रीवास्तव के नेतृत्व वाले पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को बयां कर रही है.

ये भी पढ़ेंः रेल यात्री ध्यान दें! कई एक्सप्रेस-पैसेंजर और ईएमयू ट्रेन हुईं कैंसिल, देखें पूरी लिस्ट

आगरा: उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के आगरा मंडल में तैनात वाणिज्यिक प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव को रेलवे का सर्वोच्च अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार मिलेगा. 2017 बैच की आईआरटीएस अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव को 15 दिसंबर को रेल मंत्री ये पुरस्कार प्रदान करेंगे. जिसकी आगरा रेल मंडल में खूब चर्चा हो रही है. उन्होंने आगरा रेल मंडल का नाम रोशन किया है. जिसकी वजह उन्हें बधाई और शुभकामनाएं भी खूब मिल रही हैं.

प्रशस्ति श्रीवास्तव के पायलट प्रोजेक्ट से मालगाड़ी के संचालन में समय की बचत के साथ ही वैगन से माल लोड करने और उतारने के लिए कन्वेयर बेल्ट पर बेहतरीन कार्य किया गया है. जिसके लिए ही रेलवे की ओर से उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है. गोरखपुर की मूल निवासी प्रशस्ति श्रीवास्तव के पिता प्रमोद कुमार श्रीवास्तव सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उनकी पढ़ाई कई शहर में हुई.

प्रशस्ति श्रीवास्तव ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई एटा के सेंटपॉल स्कूल से की. फिर ग्रेटर नोएडा स्थित विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. प्रशस्ति श्रीवास्तव की पहली च्वाइस आईएएस थी. आईपीएस और इनकम टैक्स के बाद उनकी चौथी पसंद आईआरटीएस थी.

इनोवेटिव आइडिया से शुरू किया था पायलट प्रोजेक्टः आगरा रेल मंडल की वाणिज्यिक प्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे की आमदनी बढ़ाने और मालगाड़ियों की गति बेहतर करने पर काम किया गया था. मैंने इनोवेटिव आइडिया पर काम किया. फिर, अपने सीनियर अधिकारीयों से इस पर चर्चा की, जिसमें कई जरूरी सुझाव के बाद 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यमुना ब्रिज और कुबेरपुर गुड्स शेड से इनोवेटिव आइडिया की शुरुआत की.

आइडिया से आमदनी भी बढ़ी और रिजल्ट बेहतर आएः प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इनोवेटिव आइडिया थर्ड पार्टी के जरिये शुरू हुआ. जिसके तहत थर्ड पार्टी में काम करने वाले को सालाना रेलवे को 5 लाख रुपए का भुगतान करना था. थर्ड पार्टी उस ग्राहक से कन्वेयर सेवा चार्ज के रूप में लेगा, जिसका सामान रेलवे की मालगाड़ी के माध्यम से यमुना ब्रिज गुड्स शेड तक पहुंचा था.

उन्होंने बताया कि, कन्वेयर बेल्ट प्रणाली ने वैगन से माल उतारने और चढ़ाने की गति बढ़ गई. कार्यस्थल पर जोखिम भी कम हुआ और श्रम लागत भी कम हुई. चलती माल ढुलाई रैक एक परिसंपत्ति है. यह लोडिंग और अनलोडिंग के लिए प्रतीक्षा कर रहे स्टैंड स्टील रैक के विपरीत राजस्व उत्पन्न करता है. कन्वेयर बेल्ट सिस्टम के साथ एक वैगन 45 मिनट में और अधिकतम 6 घंटे में अनलोड हो जाता है.

रेलवे बोर्ड कर रहा नेटवर्क में लागूः आगरा रेल मंडल की वाणिज्यिक प्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि, आगरा रेल मंडल में पायलट प्रोजेक्ट बेहतर रहने पर इसे रेलवे बोर्ड भेजा गया. अब इस प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड अपने नेटवर्क के सभी गुड्स शेडों में शुरू करने का निर्णय लिया है. जो प्रशस्ति श्रीवास्तव के नेतृत्व वाले पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को बयां कर रही है.

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