ETV Bharat / state

चंबल नदी में फिर बढ़ा जलस्तर, पैंटून पुल पानी में बहा, जानें कैसे चलाया गया रेस्क्यू अभियान

करीब एक किलोमीटर दूर तक बहे पैंटून पुल पर मौजूद सभी कर्मचारियों को स्टीमर की मदद से सुरक्षित निकाला गया. साथ ही पुल को मजबूत रस्सियों से बांधकर मध्य प्रदेश सीमा में भिंडवा गांव के पास नदी के किनारे की ओर खींच लिया गया.

चंबल नदी में फिर बढ़ा जलस्तर, पेंटून पुल पानी में बहा
चंबल नदी में फिर बढ़ा जलस्तर, पेंटून पुल पानी में बहा
author img

By

Published : Aug 1, 2021, 4:33 PM IST

आगरा : जनपद के पिनाहट कस्बा क्षेत्र से सटी चंबल नदी में एक बार फिर जल स्तर बढ़ने लगा है. इसके चलते नदी किनारे पैंटून पुल की रस्सियां टूटकर पानी में बह गईं. इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. समय रहते स्टीमर से पेंटून पुल को बमुश्किल पकड़ा गया और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया.

जानकारी के अनुसार पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी पिनाहट उसेथ घाट पर हर वर्ष लोक निर्माण विभाग आगरा द्वारा 15 अक्टूबर से 15 जून तक अस्थाई पेंटून पुल बनाया जाता है. इससे दो राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों के आवागमन में सुविधा रहती है.

बरसात के दिनों में चंबल नदी में बाढ़ आने से पूर्व 4 माह के लिए पेंटून चंबल नदी किनारे रख दिया जाता है. इसके रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अलग से लाखों रुपये का ठेका निकाला जाता है. ठेका मिलने के बाद ठेकेदार के कर्मचारी पैंटून पुल पर रहकर इसका रखरखाव करते हैं.

चंबल नदी में फिर बढ़ा जलस्तर, पेंटून पुल पानी में बहा, समय रहते पकड़ा गया हादसा टला

पिछले सप्ताह चंबल में उफान आने के बाद जलस्तर 122 मीटर पहुंच गया था. प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल के जलस्तर का निरीक्षण किया. बीते 5 दिनों में धीरे-धीरे चंबल नदी का जलस्तर कम हो गया. इसे लेकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. मध्य प्रदेश राजस्थान में बारिश के चलते शनिवार रात से एक बार फिर चंबल का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा. नदी का जलस्तर 116 मीटर से बढ़कर एक से 121 मीटर पहुंच गया.

रविवार सुबह चंबल नदी के पानी में अचानक तेज बहाव के कारण वायर रोप व रस्सियां टूट गईं. पैंटून पुल नदी में बह गया. यह देख पुल पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक रखरखाव करने वाले कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए. सूचना पर पीडब्ल्यूडी के स्थानीय ठेकेदारों में हड़कंप मच गया. तत्काल स्टीमर से पानी में बह रहे पुल का पीछा किया गया.

करीब एक किलोमीटर दूर तक बहे पैंटून पुल पर मौजूद सभी कर्मचारियों को स्टीमर की मदद से सुरक्षित निकाला गया. साथ ही पुल को मजबूत रस्सियों से बांधकर मध्य प्रदेश सीमा में भिंडवा गांव के पास पानी से किनारे की ओर खींच लिया गया.

पुल कर्मचारियों ने पेंटून पुल को पकड़कर चंबल नदी किनारे पिनाहट घाट पर रस्सियों से बांधकर रखा है. गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग का बड़ा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता था.

पटियाली की महिला ठेकेदार के नाम से है रखरखाव का ठेका

चंबल पिनाहट घाट पर लोक निर्माण विभाग के पेंटून पुल रखरखाव एवं स्ट्रीमर संचालन की जिम्मेदारी का ठेका वर्तमान में पटियाली की एक महिला किरन देवी के नाम से ठेका है। और उसके पिनाहट स्थानीय ठेकेदार चंदू वर्मा के पास 2 लाख 10 हजार रुपये में रखरखाव की जिम्मेदारी है.

पहले भी बह चुका है पेंटून पुल, पीडब्ल्यूडी विभाग का हुआ था नुकसान

चंबल नदी में कुछ वर्षों पूर्व अचानक आई बाढ़ से पिनाहट घाट स्थित पेंटून पुल टूटकर बह गया था. कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पीपों के कई हिस्से हो गए थे. पेंटून पुल बहकर पचनदा से भी आगे अन्य नदियों में पहुंच गया था. इसके चलते पीडब्ल्यूडी विभाग का भारी नुकसान हुआ था.

साथ ही पैंटून पुल को दोबारा बनने में कई महीनों का समय लग गया था. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई थी. एक बार फिर पैंटून पुल ठेकेदार एवं कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. लाखों के रखरखाव का ठेका होने के बावजूद पुल जर्जर रस्सियों के सहारे नदी किनारे बांध दिया जाता है.

आगरा : जनपद के पिनाहट कस्बा क्षेत्र से सटी चंबल नदी में एक बार फिर जल स्तर बढ़ने लगा है. इसके चलते नदी किनारे पैंटून पुल की रस्सियां टूटकर पानी में बह गईं. इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. समय रहते स्टीमर से पेंटून पुल को बमुश्किल पकड़ा गया और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया.

जानकारी के अनुसार पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी पिनाहट उसेथ घाट पर हर वर्ष लोक निर्माण विभाग आगरा द्वारा 15 अक्टूबर से 15 जून तक अस्थाई पेंटून पुल बनाया जाता है. इससे दो राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों के आवागमन में सुविधा रहती है.

बरसात के दिनों में चंबल नदी में बाढ़ आने से पूर्व 4 माह के लिए पेंटून चंबल नदी किनारे रख दिया जाता है. इसके रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अलग से लाखों रुपये का ठेका निकाला जाता है. ठेका मिलने के बाद ठेकेदार के कर्मचारी पैंटून पुल पर रहकर इसका रखरखाव करते हैं.

चंबल नदी में फिर बढ़ा जलस्तर, पेंटून पुल पानी में बहा, समय रहते पकड़ा गया हादसा टला

पिछले सप्ताह चंबल में उफान आने के बाद जलस्तर 122 मीटर पहुंच गया था. प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल के जलस्तर का निरीक्षण किया. बीते 5 दिनों में धीरे-धीरे चंबल नदी का जलस्तर कम हो गया. इसे लेकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. मध्य प्रदेश राजस्थान में बारिश के चलते शनिवार रात से एक बार फिर चंबल का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा. नदी का जलस्तर 116 मीटर से बढ़कर एक से 121 मीटर पहुंच गया.

रविवार सुबह चंबल नदी के पानी में अचानक तेज बहाव के कारण वायर रोप व रस्सियां टूट गईं. पैंटून पुल नदी में बह गया. यह देख पुल पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक रखरखाव करने वाले कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए. सूचना पर पीडब्ल्यूडी के स्थानीय ठेकेदारों में हड़कंप मच गया. तत्काल स्टीमर से पानी में बह रहे पुल का पीछा किया गया.

करीब एक किलोमीटर दूर तक बहे पैंटून पुल पर मौजूद सभी कर्मचारियों को स्टीमर की मदद से सुरक्षित निकाला गया. साथ ही पुल को मजबूत रस्सियों से बांधकर मध्य प्रदेश सीमा में भिंडवा गांव के पास पानी से किनारे की ओर खींच लिया गया.

पुल कर्मचारियों ने पेंटून पुल को पकड़कर चंबल नदी किनारे पिनाहट घाट पर रस्सियों से बांधकर रखा है. गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग का बड़ा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता था.

पटियाली की महिला ठेकेदार के नाम से है रखरखाव का ठेका

चंबल पिनाहट घाट पर लोक निर्माण विभाग के पेंटून पुल रखरखाव एवं स्ट्रीमर संचालन की जिम्मेदारी का ठेका वर्तमान में पटियाली की एक महिला किरन देवी के नाम से ठेका है। और उसके पिनाहट स्थानीय ठेकेदार चंदू वर्मा के पास 2 लाख 10 हजार रुपये में रखरखाव की जिम्मेदारी है.

पहले भी बह चुका है पेंटून पुल, पीडब्ल्यूडी विभाग का हुआ था नुकसान

चंबल नदी में कुछ वर्षों पूर्व अचानक आई बाढ़ से पिनाहट घाट स्थित पेंटून पुल टूटकर बह गया था. कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पीपों के कई हिस्से हो गए थे. पेंटून पुल बहकर पचनदा से भी आगे अन्य नदियों में पहुंच गया था. इसके चलते पीडब्ल्यूडी विभाग का भारी नुकसान हुआ था.

साथ ही पैंटून पुल को दोबारा बनने में कई महीनों का समय लग गया था. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई थी. एक बार फिर पैंटून पुल ठेकेदार एवं कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. लाखों के रखरखाव का ठेका होने के बावजूद पुल जर्जर रस्सियों के सहारे नदी किनारे बांध दिया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.