आगरा: सरकारें भले ही लाख दावे करें, मगर गांवों में बिजली, पानी और सड़क की हालत गम्भीर है. खेरागढ़ विधानसभा में ऐसे तमाम गांव हैं, जहां जल संकट गहराता चला जा रहा है. ऐसा ही एक गांव है- खोरापुरा. यहां आज भी महिलाएं सिर पर मटका रखकर पीने के पानी के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं.
बता दें कि, जगनेर ब्लॉक का खोरापुरा गांव अरावली पर्वतमाला की तलहटी में बसा है, जिसकी करीब 600 की आबादी है. यहां पर आज भी पीने का मीठा पानी डेढ़ किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है. अपना और अपनों का कंठ को तर करने के लिए सुबह और शाम कतार में पनघट जाने वाले दिख जाएंगे. पीने के पानी लाने की जद्दोजहद में सुबह चार बजे पुरुष, महिलाएं, किशोरियां और बच्चे लगते हैं और देर शाम तक लगे रहते हैं.
बाइक से लाते हैं पानी
महिलाएं जहां सिर पर मटका और अन्य बर्तन से पानी भरकर लाती हैं तो युवक और किशोर बाइक के दोनों ओर चार-पांच केन टांगकर पानी लाते हैं. जब हल्की बारिश हो जाए तो कच्चा रास्ता होने से गिरने का डर रहता है. कई बार पानी भरने वाले फिसल कर चोटिल हो गए हैं. कई बार तो बच्चे पानी भरने की वजह से स्कूल भी नहीं गए हैं.
शादियों में खलल डालती है पानी की परेशानी
बरिंगवा खुर्द पंचायत का मजरा खोरपुरा के करीब 20 घरों की 600 के आसपास आबादी है. गांव में मीठा पानी नहीं होने की वजह से खोरपुरा में रहने वाले ग्रामीणों को लड़के-लड़कियों की शादी करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मामला संज्ञान में आया है. जल्द ही गांव में पानी की टंकी लगाई जाएगी, जिससे पानी की समस्या दूर होगी.
-सुमंत कुमार यादव, खंड विकास अधिकारी, जगनेर