आगरा: ताजनगरी के हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर को थाना सदर पुलिस ने कानपुर जाने से पहले घर में नजरबंद कर दिया. वह बिकरू पुलिस हत्याकांड (Bikru Police Hatyakand) मामले में आरोपी खुशी दुबे की रिहाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के नाम एक वीडियो वायरल किया था. जिसमें बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को लेकर सवाल किए थे.
'दूसरों के किये की सजा भोग रही खुशी'
गोविंद पाराशर का कहना है कि बिकरू हत्याकांड की सीबीसीआईडी जांच होनी चाहिए. अगर खुशी दुबे आरोपी है तो उसे सजा दी जानी चाहिए, लेकिन अगर वह निर्दोष है तो उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए. विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को भी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. तब तक खुशी दुबे के हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी थी. अमर दुबे की मौत के बाद खुशी दुबे को जेल भेज दिया गया था. आज 9 महीने से भी अधिक समय हो गया, आरोपों में घिरी खुशी दुबे आज तक दूसरों के किये की सजा भोग रही है.
3 दिनों का दिया था अल्टीमेटम
खुशी दुबे की रिहाई के लिए हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर ने सरकार को 3 दिन का वक़्त दिया था. उन्होंने पूरे मामले की सीबीसीआईडी जांच कराने की मांग की थी. मांग पूरी न होने पर गोविंद पाराशर ने कानपुर जिला मुख्यालय पर आत्मदाह करने की धमकी दी थी. जिसके लिए मंगलवार तड़के सुबह वह घर से निकलने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही थाना सदर पुलिस ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया.
'खुशी के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे लड़ाई'
बिकरू कांड में 9 महीने से जेल में बंद खुशी दुबे के लिए हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर ने अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रखने की बात कही है. पूरे मामले की बड़े स्तर पर जांच कराने के लिए वह मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखेंगे.
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