आगराः खंदौली थाना क्षेत्र के एक गांव में महिला के अंतिम संस्कार के समय ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया. ग्रामीणों की मांग है कि पहले दारोगा को लाइन हाजिर के बजाय सस्पेंड किया जाए, उसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. पुलिस आयुक्त सत्यजीत गुप्ता से फोन पर वार्ता कराने के बाद पुलिस ने जांच में सस्पेंड करने का आश्वासन दिया, तब परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए.
क्या है पूरा मामला?
खंदौली थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले शख्स ने छेड़छाड़ की थी. 21 तारीख को महिला खंदौली थाना गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई न करने के एवज में जेल भेजने की धमकी देकर भगा दिया. इसके बाद आहत हुई महिला ने शुक्रवार सुबह आत्महत्या कर ली थी. सूचना पर पुलिस आयुक्त सत्यजीत गुप्ता, सहायक पुलिस आयुक्त रवि कुमार गुप्ता सहित सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंच गया. पुलिस ने उस वक्त परिजनों को समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
वहीं, आरोपी धर्मवीर, संदीप, लाल सिंह, सुनील, विशाल, अक्षय, देवेंद्र व दो अज्ञात के खिलाफ ससुर की तहरीर पर छेड़छाड़, मारपीट बलवा, जान से मारने की धमकी देने खुदकुशी के लिए प्रेरित करने की धारा में अभियोग पंजीकृत कर लिया था. शनिवार की सुबह मृतका का पति गुजरात के अहमदाबाद से गांव पहुंचा. वहीं, देर रात पोस्टमार्टम के बाद महिला का शव गांव में पहुंचा, तो तनावपूर्ण शांति के बीच शव के अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही थी. परिजनों का आक्रोश शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय फूट पड़ा और दारोगा को लाइन हाजिर के बजाय सस्पेंड करने की मांग रखी. सूचना पर सहायक पुलिस आयुक्त रवि कुमार गुप्ता मौके पर पहुंच गए, लेकिन ग्रामीण नहीं माने.
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