आगरा: कोविड-19 से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) को आगरा परिक्षेत्र में हर दिन 20 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते 180 से ज्यादा बसें डिपो में खड़ी हैं. जो बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं, उनमें सवारियों की संख्या कम है. पहले लॉकडाउन में यूपीएसआरटीसी को करोड़ों का नुकसान हुआ क्योंकि, बसों के पहिए थम गए. अब अनलॉक-4 में भी हालात सही नहीं हैं. इसका असर निगम के खजाने पर पड़ रहा है.
लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाया गया
आगरा परिक्षेत्र डिपो की बसों ने लॉकडाउन में अलग-अलग राज्यों से आए 1.40 लाख प्रवासी मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाया. राजस्थान से स्टूडेंट्स को उनके घरों तक पहुंचाया, साथ ही हरियाणा, दिल्ली, एमपी, राजस्थान और बिहार बॉर्डर के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल बॉर्डर तक प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया. इससे पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को राहत मिली. निगम की स्कैनिया बस के ड्राइवर हाफिज खान ने बताया कि लॉकडाउन में यह बसें बंद कर दी गई थीं और अभी दो बसों का संचालन आगरा से लखनऊ के बीच में शुरू हुआ है. सफर के दौरान बसों में कोविड-19 की गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है.
183 निगम बसें और अनुबंधित बसें खड़ी हैं
यूपीएसआरटीसी आगरा परिक्षेत्र के आरएम मनोज कुमार ने बताया कि निगम की 183 बसें डिपो में खड़ी हैं, जिसमें 80 बसें अनुबंधित हैं. इन बसों के डिपो में खड़े होने से हर दिन निगम को 10.80 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही बाकी की, जो बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं, उनमें सवारियों की संख्या कम है. इस वजह से हर दिन निगम को लगभग 9 लाख रुपए कम आमदनी हो रही है. इस तरह निगम को हर दिन करीब 20 लाख रुपए का घाटा हो रहा है.
ये है हाल
- आगरा परिक्षेत्र में आगरा फोर्ट डिपो, ईदगाह डिपो, ताज डिपो, बाह डिपो, फाउंड्री नगर डिपो और मथुरा डिपो हैं.
- आगरा परिक्षेत्र के 6 डिपो से 683 बसों का संचालन किया जाता है.
- अनलॉक-4 में यात्रियों की संख्या कम होने से 183 बसें डिपो में खड़ी हुई हैं.
- हर माह आगरा क्षेत्र की छह डिपो की बसों के सैनिटाइजेशन, बसों में सैनिटाइजर और अन्य कार्यों का खर्चा करीब 16 लाख रुपए.
- लॉकडाउन से पहले आगरा क्षेत्र में रोडवेज बसों से विभाग की हर दिन की औसत कमाई 75 लाख रुपए थी.
नहीं मिल रही सवारियां
कोरोना संक्रमण से यूपीएसआरटीसी की कमाई पर ग्रहण लग गया है. अनलॉक में जनता की सुविधा के लिए रोडवेज बसों का संचालन शुरू हुआ, मगर कोरोना संक्रमण और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से यात्रियों की संख्या कम है. ऐसे में निगम का खजाना खाली रह रहा है. फिर भी निगम ने ताजनगरी से लखनऊ के बीच अनलॉक-4 में स्कैनिया बसों का संचालन शुरू कर दिया लेकिन इन बसों को भी सवारियां नहीं मिल रही हैं.