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UP board Exam certificate 2021: बिना अंकों के प्रमोट लिखकर सौंपा दिया प्रमाण पत्र, राज्य बाल संरक्षण आयोग ने शिक्षाधिकारियों को किया तलब

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Published : Jun 9, 2022, 4:36 PM IST

यूपी बोर्ड परीक्षा के अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड और आंतरिक अंकों के आधार पर सत्र 2021 का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. बिना अंकों के पत्रों में सिर्फ प्रमोट लिखा गया है. इससे जिले के छात्रों में आक्रोश है. राज्य बाल संरक्षण (state child protection commission) आयोग ने छात्रों की शिकायत पर एक्शन लेते हुए तीन शिक्षा अधिकारियों को तलब किया है.

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यूपी बोर्ड परीक्षा में बिना अंको के रिजल्ट आने पर छात्रों में आक्रोश

आगरा: यूपी बोर्ड परीक्षा में (UP board exam certificate 2021) प्रमाण पत्र सौंपे जाने के मामले में राज्य बाल आयोग (state child protection commission) ने संज्ञान लिया है. सत्र 2021 की बोर्ड परीक्षाओं के अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड और आंतरिक अंकों के आधार पर विद्यार्थियों का परिणाम जारी कर दिया. अंक पत्र में छात्रों के अंतिम परिणाम के आगे सिर्फ प्रमोट लिखा गया है. प्रमाण पत्र में अंक नहीं लिखे गए हैं. इससे छात्रों में नाराजगी है. वहीं, कोशिश फाउंडेशन के फाउंडर नरेश पारस ने छात्रों की इस समस्या के लिए राज्य बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखा था. इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राज्य बाल आयोग ने शिक्षा अधिकारियों को तलब किया है.

यूपी बोर्ड परीक्षा (UP board exam certificate 2021) अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड और आंतरिक अंकों के आधार पर सत्र 2021 का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. बिना अंकों पत्रों में सिर्फ प्रमोट लिखा गया है. इससे छात्रों में आक्रोश है और इसकी वजह से उन्हें कोई भी संस्थान या विश्वविद्यालय प्रवेश नहीं दे रहा है. वहीं, छात्रों को मेरिट नहीं बनने और मेरिट सूची से बाहर होने का डर सता रहा है. कोशिश फाउंडेशन के फाउंडर और बाल संरक्षण के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट नरेश पारस ने छात्रों के लिए आवाज उठाई.

एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बुधवार (8 जून) को कई छात्रों के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय पर धरना दिया. साथ ही उन्होंने छात्रों की इस समस्या को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग एक शिकायती पत्र भी भेजा था. इस मामले में बाल आयोग की सदस्य सुचित्रा चतुर्वेदी ने माध्यमिक शिक्षा सचिव और आगरा, लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक को तलब किया है.

यह भी पढ़ें: lucknow Pubg Case: मां की लाश ठिकाने लगाने के लिए बेटे ने तय किए थे रेट, 5 हजार में हुई थी डील

इस मामले में स्थानीय शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई. लेकिन अभी तक छात्रों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. बोर्ड ने छात्रों को उल्टा दोबारा परीक्षा देने के लिए बोल दिया है और ऐसे में छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा. वहीं, शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य ने संज्ञान लेते हुए तीन अधिकारियों को तलब किया है. कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई पहले ही बर्बाद हो गई. ऑनलाइन क्लास की वजह से न जाने कितने बच्चे पढ़ने से वंचित रह गए. लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अंक पत्रों में मनमानी कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.

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आगरा: यूपी बोर्ड परीक्षा में (UP board exam certificate 2021) प्रमाण पत्र सौंपे जाने के मामले में राज्य बाल आयोग (state child protection commission) ने संज्ञान लिया है. सत्र 2021 की बोर्ड परीक्षाओं के अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड और आंतरिक अंकों के आधार पर विद्यार्थियों का परिणाम जारी कर दिया. अंक पत्र में छात्रों के अंतिम परिणाम के आगे सिर्फ प्रमोट लिखा गया है. प्रमाण पत्र में अंक नहीं लिखे गए हैं. इससे छात्रों में नाराजगी है. वहीं, कोशिश फाउंडेशन के फाउंडर नरेश पारस ने छात्रों की इस समस्या के लिए राज्य बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखा था. इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राज्य बाल आयोग ने शिक्षा अधिकारियों को तलब किया है.

यूपी बोर्ड परीक्षा (UP board exam certificate 2021) अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड और आंतरिक अंकों के आधार पर सत्र 2021 का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. बिना अंकों पत्रों में सिर्फ प्रमोट लिखा गया है. इससे छात्रों में आक्रोश है और इसकी वजह से उन्हें कोई भी संस्थान या विश्वविद्यालय प्रवेश नहीं दे रहा है. वहीं, छात्रों को मेरिट नहीं बनने और मेरिट सूची से बाहर होने का डर सता रहा है. कोशिश फाउंडेशन के फाउंडर और बाल संरक्षण के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट नरेश पारस ने छात्रों के लिए आवाज उठाई.

एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बुधवार (8 जून) को कई छात्रों के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय पर धरना दिया. साथ ही उन्होंने छात्रों की इस समस्या को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग एक शिकायती पत्र भी भेजा था. इस मामले में बाल आयोग की सदस्य सुचित्रा चतुर्वेदी ने माध्यमिक शिक्षा सचिव और आगरा, लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक को तलब किया है.

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इस मामले में स्थानीय शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई. लेकिन अभी तक छात्रों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. बोर्ड ने छात्रों को उल्टा दोबारा परीक्षा देने के लिए बोल दिया है और ऐसे में छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा. वहीं, शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य ने संज्ञान लेते हुए तीन अधिकारियों को तलब किया है. कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई पहले ही बर्बाद हो गई. ऑनलाइन क्लास की वजह से न जाने कितने बच्चे पढ़ने से वंचित रह गए. लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अंक पत्रों में मनमानी कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.

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