आगराः जिले के ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह की दो भट्टियां खराब हो गई हैं. इसकी वजह से लगातार लोगों को अपनो के शवों का अंतिम संस्कार करने में परेशानियां उठानी पड़ रही है. इन भट्टियों को ठीक करने के लिए अहमदाबाद से कारीगर आने थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब आगरा के कारीगर ही भट्टियों को ठीक करने के प्रयास में लगे हैं. वहीं श्मशान में लकड़ियों की कमी हो गई है.
कोरोना की वजह से ताजनगरी की सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं. ऑक्सीजन से लेकर अस्पताल में बेड पाने के लिए अफरा-तफरी मची हुई है. अब ताजगंज स्थित विद्युत चलित शवदाह गृह की दो भट्टियों ने खराब हो गई हैं. ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार का संकट गहराने लगा है.
विद्युत शवदाह गृह की 2 भट्टियां पहले से खराब
ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में 4 भट्टियों का निर्माण कराया गया था. इसमें से 2 भट्टियां काफी समय से खराब पड़ी हैं, लेकिन लगातार शवों के अंतिम संस्कार के कारण चालू 2 भट्टियों ने भी अब खराब हो गई हैं. विद्युत शवदाह गृह के प्रबंधक संजीव कुमार गुप्ता ने फोन पर बताया कि भट्टियों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर चालू है. कारीगर 24 घण्टे काम में जुटे हुए हैं. शुक्रवार तक एक भट्टी के ठीक होने की संभावना है. वही अन्य दो और भट्टियों को ठीक कराया जा रहा है.
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श्मशान पर पहुंच रहे सभी शव
विद्युत शवदाह गृह की भट्टियां खराब होने की वजह से ताजगंज स्थित श्मशान घाट पर शवों की संख्या बढ़ गई है. रोज तकरीबन 70 से 75 शव श्मशान घाट पर पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से लकड़ियों की श्मशान पर भारी किल्लत हो रही है. इस कमी को दूर करने के लिए आस-पास के जिलों से लकड़ियों की आपूर्ति लगातार जारी है.