आगरा: जिले में एक रजिस्ट्रेशन पर दो डॉक्टर काम कर रहे हैं. इनमें एक डॉक्टर बुलंदशहर का है तो दूसरा आगरा में प्रैक्टिस कर रहा है. इन दोनों में काम से लेकर नाम सहित कई समानताएं हैं. दोनों के नाम समान हैं. पेशा समान है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल से जारी किया गया रजिस्ट्रेशन नंबर भी एक है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब एक डॉक्टर का एक ही रजिस्ट्रेशन हो सकता है तो फिर दो डॉक्टर का एक रजिस्ट्रेशन नंबर कैसे होगा.
- जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स को एक भारतीय नागरिक की ओर से गुप्त शिकायत की गई है.
- इसमें लिखा है कि आगरा में प्रैक्टिस करने वाला धर्मेंद्र कुमार पुत्र कमल प्रसाद मूल रूप से बिहार के सिवान जिले का रहने वाला है.
- वर्तमान में एनएच-2 स्थित राज नगर कॉलोनी, शाहदरा ( एत्मादद्दौला) में रहता है.
- वह करीब चार साल से जनरल फिजिशियन के तौर पर मरीजों का उपचार कर रहा है.
- वहीं दूसरा धर्मेंद्र कुमार पुत्र श्रीराम बुलंदशहर के गांव सेंदा पोस्ट फरीदपुर का निवासी है.
- धर्मेंद्र कुमार दूसरे शहर में चिकित्सा सेवाएं दे रहा है.
कई अस्पतालों में करते हैं प्रैक्टिस
बुलंदशहर के धर्मेंद्र ने साल 2011 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ के एमएलएन मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद से एमबीबीएस किया और साल 2017 में उसने एमएस की डिग्री हासिल की. यूपी मेडिकल काउंसिल उसे 1 जनवरी 2013 को रजिस्ट्रेशन संख्या-64345 जारी है. वहीं आगरा में अपनी सेवाएं देने वाले धर्मेंद्र कुमार कई अस्पतालों में प्रैक्टिस करता है. धर्मेंद्र भी अपने आप को एमबीबीएस बताता है. इन दोनों चिकित्सकों की बात की जाए तो दोनों ने साल 2011 में एमबीबीएस किया है.
दोनों का दावा है कि यूपी मेडिकल काउंसिल 2013 में प्रमाण पत्र की रजिस्ट्रेशन संख्या 64345 है. आगरा के धर्मेंद्र कुमार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से मधुमेह देखभाल में प्रशिक्षण 2013 में लिया और और 2011 में केजीएमसी लखनऊ से एमबीबीएस पूरा किया है. जिलाधिकारी को की गई शिकायत में यह भी अंकित किया गया है कि आगरा का धर्मेंद्र कुमार ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस-वन रामबाग आगरा में क्लीनिक चलाता है.
स्थानीय मरीजों से लेकर के विदेशी मरीजों तक का इलाज किया जाता है. वह सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव है. उसका यूट्यूब पर डॉ. धर्मेंद्र कुमार के नाम चैनल भी है. इस चैनल पर मरीजों से बीमारी और उपचार के बारे में बातचीत की वीडियो अपलोड की जाती है.
तीन दिन पहले शिकायत मिली थी. इस शिकायत की जांच एक कमेटी ने शुरू करा दी है. जांच रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि इनमें कौन असली है और कौन फर्जी डाक्टर है. एक रजिस्ट्रेशन नंबर पर सिर्फ एक ही चिकित्सक प्रैक्टिस कर सकता है.
-डॉ. मुकेश कुमार वत्स, मुख्य चिकित्सा अधिकारी