आगरा: शरद पूर्णिमा पर शुक्रवार को तमाम पर्यटक ताज की चमकी देखने पहुंचे. पर्यटकों ने टिकट भी लिया, मगर चांद की चांदनी में नहाने से पहले ही पर्यटकों को मायूस लौटना पड़ा. शाम सात बजे के बाद ताज व्यू प्वॉइंट से फुल मून में ताजमहल देखने की व्यवस्था भी एडीए ने नहीं की थी.
हर दिन ताजमहल का दीदार करने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में आगरा आते हैं. कोरोना संक्रमण के चलते ताजमहल और आगरा किला 188 दिन बाद पर्यटकों के लिए खोला गया. जानाकरी होने पर सात समंदर पार से ताज के दीवाने आने लगे. मगर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण विभाग (एएसआई) ने ताज के रात्रि दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं की. इससे देशी-विदेशी पर्यटक फुल मून में ताज का दीदार नहीं कर पाए.
एडीए ने भी लगाई पाबंदी
शरद पूर्णिमा पर ताजमहल का दीदार के लिए एएसआई पांच दिन तक अनुमति देता है. हर दिन 400 पर्यटकों को टिकट दिया जाता है. 50-50 के ग्रुप में पर्यटक ताज महल का रात्रि में दीदार करते हैं. इसबार एएसआई ने कोरोना संक्रमण के चलते रात्रि दर्शन की व्यवस्था नहीं की. इसलिए पर्यटक यमुना किनारे मेहताब बाग पर एडीए के विकसित किए गए ताज व्यू प्वॉइंट पर पहुंचे. मगर वहां पर भी एडीए ने रात्रि दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं की. इसलिए शाम सात बजे के बाद पर्यटकों को निराश लौटना पडा. क्योंकि, ताज व्यू प्वॉइंट शाम 7 बजे तक ही पर्यटकों के लिए खुलाता है.
यह है चमकी
शरद पूर्णिमा के फुल मून के दिन जब चंद्रमा की किरणें ताजमहल के धवल संगमरमर पर पडती हैं, तो ताज में जडें सेमी प्रीशियस और प्रीशियस स्टोन स्पार्कल करते हैं. इसे ही चमकी कहते हैं. यूएस से आए एनआरआई मनमीत ने बताया कि लोगों से सुना था कि ताजमहल चांदनी रात में बहुत खूबसूरत दिखता है. आज हम यहां पहुंचे तो हमें कहने के मुताबिक खूबसूरती ताजमहल में नहीं दिखाई दी. हम निराश होकर लौट रहे हैं.