आगरा: जिले में किसान विकास पत्र में रुपये जमा करने के नाम पर डाकघर के एजेंट ने तीन लाख रुपये की धोखाधड़ी की. पीड़ित की शिकायत पर न्यू आगरा थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा में रविवार को मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. दयालबाग के कैलाश विहार निवासी मनोज प्रसाद ने बताया है कि उन्होंने वर्ष 2018 में दयालबाग डाकघर में खाता खुलवाया था. यह उनका और पत्नी सुलेखा देवी का संयुक्त बचत खाता है.
डाकघर एजेंट सीमा शर्मा ने यह खाता खुलवाया था. डाकघर एजेंट ही खाता से लेनदेन करती थी. सन् 2021 में डाकघर एजेंट सीमा ने किसान विकास पत्र खरीदने की जानकारी दी. डाकघर एजेंट उनकी कई बार एफडी करा चुकी थी. इसलिए, उस पर विश्वास हो गया था. डाकघर एजेंट ही उनकी पासबुक पर एंट्री करती थी.
छह लाख रुपए की पर्ची दी थी: पीड़ित मनोज प्रसाद ने न्यू आगरा थाना में दर्ज मुकदमे में लिखा है कि, किसान विकास पत्र के लिए तीन लाख रुपये चेक से और तीन लाख रुपये नकद लेकर उन्होंने किसान विकास पत्र बनवाने को सीमा शर्मा से संपर्क किया. सीमा ने छह लाख रुपये लेकर एक फार्म भरवा कर हस्ताक्षर करा लिए और एक पर्ची दी. इस पर छह लाख रुपये लिख दिए. फिर, चार दिन बाद पर्ची लेकर किसान विकास पत्र दे दिया. तब मैंने किसान विकास पत्र नहीं देखा था कि, कितने रुपये का था.
बस उसे अपने पास रख लिया था. जब डेढ़ साल बाद रुपए की जरूरत हुई, तो दिसंबर-2022 में किसान विकास पत्र निकाला, तो वो केवल तीन लाख रुपये का निकाला. जब डाकघर गए तो बताया गया कि छह नहीं, तीन लाख रुपये का ही किसान विकास पत्र लिया गया है. जब डाकघर एजेंट सीमा से मिला, तो उसने भी तीन लाख रुपये का चेक देने की बात कही.
मिली भगत का आरोप: पीड़ित मनोज प्रसाद का आरोप है कि, डाकघर एजेंट सीमा और डाकघर के कर्मचारियों ने मिलीभगत से तीन लाख रुपये की ठगी की गई है. इस बारे में न्यू आगरा थाना प्रभारी निरीक्षक विजय विक्रम सिंह ने कहा कि एफआईआर दर्ज करके साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.
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