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आगरा: अकबर ने बनवाया था उत्तर भारत में पहला चर्च - 1599 में हुआ था अकबरी चर्च का निर्माण

उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में एक ऐतिहासिक चर्च है, जिले 1599 में मुगल सल्तनत के शाहंशाह अकबर ने बनवाया था. यह चर्च उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च था.

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उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च.
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Published : Dec 24, 2019, 12:54 PM IST

आगरा: भारत में हर पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. फिर चाहे वो होली हो, ईद हो या फिर क्रिसमस. दिसंबर का महीना लोगों के लिए काफी उत्साह से भरा होता है. 25 दिसंबर के लिए लोग इस समय काफी तैयारी कर रहे हैं.

इस चर्च को अकबर ने बनवाया था
इन सबके बीच उस चर्च का जिक्र न हो जिसे मुगल बादशाह अकबर ने 1599 में स्मारकों के शहर ताजनगरी में बनावाया था तो यह थोड़ा न इंसाफी होगी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे चर्च के बारे में जो उत्तर भारत में सबसे पहले बना था.

उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च.

आगरा के दिल माने जा रहे संजय प्लेस क्षेत्र के निष्कलंक माता के गिरजाघर के पीछे अकबरी चर्च विद्यमान है. बताया जाता है कि इस चर्च को कई बार राजाओं द्वारा तोड़ा गया, लेकिन बाद में इस चर्च का निर्माण फिर से किया गया.

कई बार तोड़कर स्थापित किया गया था यह चर्च
दीन-ए-इलाही धर्म के प्रचार के दौरान गोआ से चार पादरियों को अकबर ने तत्कालीन राजधानी फतेहपुर सीकरी बुलाया और फिर उनके लिए यहां इस चर्च का निर्माण करवाया था. कई बार टूटे जाने के बाद इस चर्च को 1778 में स्थापित किया गया.

आगरा: भारत में हर पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. फिर चाहे वो होली हो, ईद हो या फिर क्रिसमस. दिसंबर का महीना लोगों के लिए काफी उत्साह से भरा होता है. 25 दिसंबर के लिए लोग इस समय काफी तैयारी कर रहे हैं.

इस चर्च को अकबर ने बनवाया था
इन सबके बीच उस चर्च का जिक्र न हो जिसे मुगल बादशाह अकबर ने 1599 में स्मारकों के शहर ताजनगरी में बनावाया था तो यह थोड़ा न इंसाफी होगी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे चर्च के बारे में जो उत्तर भारत में सबसे पहले बना था.

उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च.

आगरा के दिल माने जा रहे संजय प्लेस क्षेत्र के निष्कलंक माता के गिरजाघर के पीछे अकबरी चर्च विद्यमान है. बताया जाता है कि इस चर्च को कई बार राजाओं द्वारा तोड़ा गया, लेकिन बाद में इस चर्च का निर्माण फिर से किया गया.

कई बार तोड़कर स्थापित किया गया था यह चर्च
दीन-ए-इलाही धर्म के प्रचार के दौरान गोआ से चार पादरियों को अकबर ने तत्कालीन राजधानी फतेहपुर सीकरी बुलाया और फिर उनके लिए यहां इस चर्च का निर्माण करवाया था. कई बार टूटे जाने के बाद इस चर्च को 1778 में स्थापित किया गया.

Intro:आगरा।पूरा देश इस समय क्रिसमस पर्व की तैयारियों में डूबा हुआ है।ऐसे में ताजनगरी की बात अगर न कि जाए तो यह बिना नमक के भोजन जैसा ही होगा।स्मारकों के शहर से आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे चर्च के बारे में जिसका निर्माण खुद अजीम ओ शान शहंशाह मुगल बादशाह अकबर ने कराया था।उत्तर भारत मे सबसे पहले इसी चर्च का निर्माण हुआ था और कई बार इस चर्च को राजाओं ने तोड़ा पर यह फिर बनाया गया।

Body:आगरा के दिल माने जा रहे संजय प्लेस क्षेत्र के वजीर पूरा रोड पर निष्कलंक माता के गिरजाघर के पीछे अकबरी चर्च विद्यमान है।यह चर्च 1599ईसवी में मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था।फादर संतोष के मुताबिक अकबर द्वारा शुरू किए गए दीन ए इलाही धर्म के प्रचार के दौरान गोआ से चार पादरियों को अकबर ने तत्कालीन राजधानी फतेहपुरसीकरी बुलाया और फिर उनके लिए यहां इस चर्च का निर्माण करवाया।1599 के बाद यह कई बार बना और कई बार इसे तोड़ा गया 1635,1636,1738 में इसे तोड़ा गया।अंत मे 1778 में यह चर्च बिल्कुल स्थापित हो गया।क्रिसमस पर यहां पुरी तैयारी की जा रही है।

बाईट- संतोष फादर

बाईट- रश्मि घूमने आए छात्राConclusion:
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