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आगरा का इतिहास पढ़ेंगे दृष्टिबाधित, एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक - braille script

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी में 'आगरा के प्रमुख स्मारकों' के नाम से ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार कराई गई है. इस पुस्तक में आगरा के प्रमुख स्मारक जिसमें ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्मादउद्दौला, मेहताब बाग, रामबाग, मरियम टॉम्ब, चीनी का रोजा, हाथीखाना, जामा मस्जिद बुढ़िया का ताल समेत 15 स्मारकों का इतिहास है.

आगरा का इतिहास पढ़ेंगे दृष्टिबाधित, एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
आगरा का इतिहास पढ़ेंगे दृष्टिबाधित, एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
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Published : Sep 15, 2021, 6:48 AM IST

Updated : Sep 15, 2021, 6:56 AM IST

आगरा. ताजनगरी के संरक्षित स्मारक का इतिहास दृष्टिबाधित भी पढ़ सकेंगे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार कराई है.

इससे दृष्टि दिव्यांग भी आगरा के इतिहास, ताजमहल व फतेहपुर सीकरी समेत आगरा के अन्य स्मारकों के बारे में जान सकेंगे. एएसआई इससे पहले राजस्थान के किले, दिल्ली के स्मारक और उत्तराखंड के स्मारक को लेकर ब्रेल लिपि में पुस्तक प्रकाशित कर चुकी है.

आगरा में नवीन जैन ने एएसआई की ब्रेल लिपि में प्रकाशित की गई पुस्तक आगरा के स्मारक का विमोचन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एएसआई ने बहुत अच्छा काम किया है. एएसआई के इस पुस्तक को प्रकाशित करने से उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो दृष्टिबाधित हैं. साथ ही जो लोग ताजमहल सहित अन्य स्मारकों को देख नहीं सकते हैं.

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी में 'आगरा के प्रमुख स्मारकों' के नाम से ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार कराई गई है. इस पुस्तक में आगरा के प्रमुख स्मारक जिसमें ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्मादउद्दौला, मेहताब बाग, रामबाग, मरियम टॉम्ब, चीनी का रोजा, हाथीखाना, जामा मस्जिद बुढ़िया का ताल समेत 15 स्मारकों का इतिहास है.

एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक

य़ह भी पढ़ें : विद्युत जामवाल-नंदिता महतानी ने की सगाई, एक्टर ने कमांडो स्टाइल में RING पहनाई

इससे जुड़ी हुई जानकारियां हैं. इस पुस्तक से दृष्ट दिव्यांग पर्यटक इन स्मारकों के बारे में सही जानकारी जान सकेंगे. उन्हें सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना पड़ेगा. हिंदी भाषी राज्यों के पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए हिंदी और दक्षिण भारतीय राज्यों के पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी भाषा में पुस्तक को तैयार कराया गया है.

देहरादून में बनवाई वेबसाइट

अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार बताया कि इन पुस्तकों को दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाने वाले संस्थानों में भेजा जाएगा ताकि बच्चे आगरा के स्मारकों के साथ के बारे में पढ़ सकें. आगरा के स्मारकों से पूर्व राजस्थान के किले ,दिल्ली के स्मारक, उत्तराखंड के स्मारक के इतिहास को लेकर ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार करा चुके हैं. इसके साथ ही देहरादून सर्किल में दृष्ट दिव्यांग पर्यटकों के लिए स्पीकिंग वेबसाइट भी तैयार कराई थी.

एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
ताजमहल सहित आगरा के प्रमुख स्मारकों पर दृष्टि दिव्यांग पर्यटक के लिए पहले से ही ब्रेल लिपि में शामिल साइनेज लगे हुए हैं. यहां पर दृष्टि दिव्यांग उंगलियों के स्पर्श से स्मारकों का इतिहास पढ़ सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं.

आगरा. ताजनगरी के संरक्षित स्मारक का इतिहास दृष्टिबाधित भी पढ़ सकेंगे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार कराई है.

इससे दृष्टि दिव्यांग भी आगरा के इतिहास, ताजमहल व फतेहपुर सीकरी समेत आगरा के अन्य स्मारकों के बारे में जान सकेंगे. एएसआई इससे पहले राजस्थान के किले, दिल्ली के स्मारक और उत्तराखंड के स्मारक को लेकर ब्रेल लिपि में पुस्तक प्रकाशित कर चुकी है.

आगरा में नवीन जैन ने एएसआई की ब्रेल लिपि में प्रकाशित की गई पुस्तक आगरा के स्मारक का विमोचन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एएसआई ने बहुत अच्छा काम किया है. एएसआई के इस पुस्तक को प्रकाशित करने से उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो दृष्टिबाधित हैं. साथ ही जो लोग ताजमहल सहित अन्य स्मारकों को देख नहीं सकते हैं.

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि हिंदी और अंग्रेजी में 'आगरा के प्रमुख स्मारकों' के नाम से ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार कराई गई है. इस पुस्तक में आगरा के प्रमुख स्मारक जिसमें ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्मादउद्दौला, मेहताब बाग, रामबाग, मरियम टॉम्ब, चीनी का रोजा, हाथीखाना, जामा मस्जिद बुढ़िया का ताल समेत 15 स्मारकों का इतिहास है.

एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक

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इससे जुड़ी हुई जानकारियां हैं. इस पुस्तक से दृष्ट दिव्यांग पर्यटक इन स्मारकों के बारे में सही जानकारी जान सकेंगे. उन्हें सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना पड़ेगा. हिंदी भाषी राज्यों के पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए हिंदी और दक्षिण भारतीय राज्यों के पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजी भाषा में पुस्तक को तैयार कराया गया है.

देहरादून में बनवाई वेबसाइट

अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार बताया कि इन पुस्तकों को दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाने वाले संस्थानों में भेजा जाएगा ताकि बच्चे आगरा के स्मारकों के साथ के बारे में पढ़ सकें. आगरा के स्मारकों से पूर्व राजस्थान के किले ,दिल्ली के स्मारक, उत्तराखंड के स्मारक के इतिहास को लेकर ब्रेल लिपि में पुस्तक तैयार करा चुके हैं. इसके साथ ही देहरादून सर्किल में दृष्ट दिव्यांग पर्यटकों के लिए स्पीकिंग वेबसाइट भी तैयार कराई थी.

एएसआई ने इस विशेष लिपि में तैयार कराई पुस्तक
ताजमहल सहित आगरा के प्रमुख स्मारकों पर दृष्टि दिव्यांग पर्यटक के लिए पहले से ही ब्रेल लिपि में शामिल साइनेज लगे हुए हैं. यहां पर दृष्टि दिव्यांग उंगलियों के स्पर्श से स्मारकों का इतिहास पढ़ सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं.
Last Updated : Sep 15, 2021, 6:56 AM IST
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