आगरा: जिले में कोरोना कहर के चलते दूसरी गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों का उपचार नहीं मिलने से इनकी जिंदगी की डोर टूट रही है. ताजनगरी में एक कपड़ा कारोबारी की सांस उखड़ने और पेट फूलने पर मंगलवार को परिजन निजी अस्पताल, फिर एसएन मेडिकल कॉलेज के बाद जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. परिजन मेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों से ऑक्सीजन लगाने के लिए कहते रहे. सिफारिश लगाने के बाद डॉक्टर ने एक पर्चे पर इंजेक्शन और दवा लिखकर घर भेज दिया. कपड़ा कारोबारी के परिजनों का आरोप है कि घर पहुंचने के कुछ देर बाद ही मौत हो गई. इलाज ना मिलने के कारण मौत हुई है. अब तक जिले में छह लोगों की उपचार नहीं होने के कारण मौत हो चुकी है.
मृतक के बेटे ने लगाया आरोप
बेटे निखिल गोयल ने बताया कि निजी अस्पताल ले गए. वहां से एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर जिला अस्पताल में जांच कराने के लिए कह दिया, यहां उनके सैंपल लिए गए. सांस उखड़ने पर परिजनों ने आक्सीजन लगाने के लिए कहा. मगर, कोई देखने तक नहीं आया. जब सिफारिश लगाई तो एक डॉक्टर ने इंजेक्शन और दवाएं लिखकर दे दी और घर भेज दिया. घर पहुंचने के बाद परिजन मेडिकल स्टोर से दवा लेने गए. दवा लेकर आए तब तक मौत हो चुकी थी. मृतक कपड़ा कारोबारी के बेटे निखिल गोयल का आरोप है कि निजी अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में इलाज मिल जाता, ऑक्सीजन लगा दी जाती तो जान बच सकती थी.
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नोडल अधिकारी आलोक कुमार ने एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार के अभाव में दम तोड़ने वाली ममता शर्मा के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. ऐसे में अब एसएन मेडिकल कॉलेज के साथ ही अन्य निजी हॉस्पिटलों में भी मरीजों की ओपीडी के लिए निर्देश दिए गए हैं.
सीएमओ ने बताया कि निजी अस्पतालों में भी धीरे-धीरे इलाज की सुविधा शुरू की जा रही है. टेलीमेडिसिन के साथ ही एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं, जिससे मरीजों को समस्या न हो.
अब तक 6 लोगों की उपचार के अभाव में हो चुकी है मौत
लॉकडाउन के चलते निजी हॉस्पिटल बंद कर दिए गए हैं. इसका खामियाजा गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. जिले में अब तक 6 लोगों की उपचार के अभाव में मौत हो चुकी है. ऐसे में नोडल अधिकारी ने अब सख्त निर्देश दिए हैं कि एसएन मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन की व्यवस्था नियमित की जाए. जिससे हालात सुधरें और लोगों को उपचार मिल सके.