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हॉकी के भगवान को भारत रत्न दिलाने के लिए दिल्ली की पदयात्रा पर निकले एमपी के तारक - हॉकी के जादूगर

मध्य प्रदेश के तारक पारकर हांकी के भगवान पूर्व मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए दिल्ली की पदयात्रा पर निकले हैं. यूपी के आगरा जिले में पहुंचने पर उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उनका एक मात्र लक्ष्य है कि ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए.

padyatra to get bharat ratna to major dhyan chand
दिल्ली की पदयात्रा पर निकले एमपी के तारक पारकर.
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Published : Feb 8, 2020, 3:27 AM IST

आगरा: हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व हॉकी खिलाड़ी तारक पारकर दिल्ली का पैदल यात्रा पर निकले हैं. शुक्रवार को तारक पारकर आगरा पहुंचे. तारक रात में आगरा में विश्राम करेंगे.

पूर्व हांकी खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से की बातचीत.

'पीएम मोदी से करेंगे मन की बात'
ईटीवी भारत से बातचीत में तारक पारकर ने कहा है कि उनका एक ही लक्ष्य है कि हॉकी के भगवान स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए. अपने मन की बात करने के लिए वह दिल्ली तक पदयात्रा पर निकले हैं. वह पीएम मोदी से मिलकर मन की बात करेंगे.

कौन हैं तारक पारकर
मध्य प्रदेश के खरगोन निवासी तारक पारकर (63) राष्ट्रीय स्तर के हॉकी के खिलाड़ी रहे हैं. वह 15 दिसंबर 2019 से मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए पदयात्रा पर निकले हैं. उनकी पदयात्रा करीब 1200 किलोमीटर की है. वे रास्ते में लोगों से मिलते हैं और स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए समर्थन जुटाते हैं.

'दादा के घर दो दिन रुका था'
तारक पारकर ने बताया कि, बात सन् 1978 की है. मैं नेपाल की पदयात्रा पर निकला था. उस समय झांसी में हॉकी के भगवान स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद से उनके घर पर मिला. दो दिन उनके घर पर रुका. उन्हें जब पता चला मैं होटल में ठहरा हूं तो उन्होंने कहा कि जब मैं हूं तो आपको होटल में रुकने की जरूरत नहीं है. इसके बाद उन्होंने रास्ते में पड़ रहे स्पोर्ट्स सेंटर पर रुकवाने का संदेश दिया. उनकी खेल के प्रति दीवानगी और खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति की बात मुझे अभी तक याद है. तारक पारकर ने बताया कि जिस व्यक्ति के नाम पर तीन-तीन गोल्ड मेडल हैं. जिसे हॉकी का भगवान कहा जाता है. जिसके नाम पर खेल दिवस मनाया जाता है. पीएम मोदी भी कई बार खेल दिवस पर अपने भाषण में दद्दा ध्यानचंद का नाम ले चुके हैं और उन्हें महान खिलाड़ी बताते हैं. फिर भी अभी तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया. यही बात मुझे कचोटती है. मेरे मन में यह ख्याल आया कि क्यों न मैं अपने मन की बात पदयात्रा के जरिए दिल्ली पहुंचकर पीएम मोदी को बताऊं. देश के इस महान खिलाड़ी को भारत रत्न से नवाजे और देश के खेलृप्रेमियों की भावना का सम्मान करें.

'पैदल चलें और स्वस्थ रहें'
तारक पारकर ने बताया कि स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को प्रेरणा स्रोत मानकर 40 साल से एक मिशन चला रहा रहा हूं. मिशन का नाम है "पैदल चलें और स्वस्थ रहें".

भी पढ़ें: आगरा में यहां रखा है ताजमहल का नक्शा, जो है पर्यटकों की पहली पसंद

आगरा: हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व हॉकी खिलाड़ी तारक पारकर दिल्ली का पैदल यात्रा पर निकले हैं. शुक्रवार को तारक पारकर आगरा पहुंचे. तारक रात में आगरा में विश्राम करेंगे.

पूर्व हांकी खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से की बातचीत.

'पीएम मोदी से करेंगे मन की बात'
ईटीवी भारत से बातचीत में तारक पारकर ने कहा है कि उनका एक ही लक्ष्य है कि हॉकी के भगवान स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए. अपने मन की बात करने के लिए वह दिल्ली तक पदयात्रा पर निकले हैं. वह पीएम मोदी से मिलकर मन की बात करेंगे.

कौन हैं तारक पारकर
मध्य प्रदेश के खरगोन निवासी तारक पारकर (63) राष्ट्रीय स्तर के हॉकी के खिलाड़ी रहे हैं. वह 15 दिसंबर 2019 से मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए पदयात्रा पर निकले हैं. उनकी पदयात्रा करीब 1200 किलोमीटर की है. वे रास्ते में लोगों से मिलते हैं और स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए समर्थन जुटाते हैं.

'दादा के घर दो दिन रुका था'
तारक पारकर ने बताया कि, बात सन् 1978 की है. मैं नेपाल की पदयात्रा पर निकला था. उस समय झांसी में हॉकी के भगवान स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद से उनके घर पर मिला. दो दिन उनके घर पर रुका. उन्हें जब पता चला मैं होटल में ठहरा हूं तो उन्होंने कहा कि जब मैं हूं तो आपको होटल में रुकने की जरूरत नहीं है. इसके बाद उन्होंने रास्ते में पड़ रहे स्पोर्ट्स सेंटर पर रुकवाने का संदेश दिया. उनकी खेल के प्रति दीवानगी और खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति की बात मुझे अभी तक याद है. तारक पारकर ने बताया कि जिस व्यक्ति के नाम पर तीन-तीन गोल्ड मेडल हैं. जिसे हॉकी का भगवान कहा जाता है. जिसके नाम पर खेल दिवस मनाया जाता है. पीएम मोदी भी कई बार खेल दिवस पर अपने भाषण में दद्दा ध्यानचंद का नाम ले चुके हैं और उन्हें महान खिलाड़ी बताते हैं. फिर भी अभी तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया. यही बात मुझे कचोटती है. मेरे मन में यह ख्याल आया कि क्यों न मैं अपने मन की बात पदयात्रा के जरिए दिल्ली पहुंचकर पीएम मोदी को बताऊं. देश के इस महान खिलाड़ी को भारत रत्न से नवाजे और देश के खेलृप्रेमियों की भावना का सम्मान करें.

'पैदल चलें और स्वस्थ रहें'
तारक पारकर ने बताया कि स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को प्रेरणा स्रोत मानकर 40 साल से एक मिशन चला रहा रहा हूं. मिशन का नाम है "पैदल चलें और स्वस्थ रहें".

भी पढ़ें: आगरा में यहां रखा है ताजमहल का नक्शा, जो है पर्यटकों की पहली पसंद

Intro:स्पेशल.... लोगो भी लगा लीजिए।।।
डेस्क ध्यानार्थ.... हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद का फोटो इसमें उपयोग करेंगे तो बेहतरीन रहेगा.

आगरा.
हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व हॉकी खिलाड़ी तारक पारकर पैदल यात्रा पर निकले हैं. शुक्रवार को तारक पारकर आगरा पहुंचे. रात में आगरा में विश्राम करेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में तारक पारकर का कहना है कि उनका एक ही लक्ष्य की हॉकी के भगवान स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए. इसलिए अपने मन की बात करने को दिल्ली तक पदयात्रा पर निकला हूं. जिससे पीएम मोदी से मिलकर मन की बार कर सकूं.


Body:मध्य-प्रदेश के खरगोन निवासी तारक पारकर (63) राष्ट्रीय स्तर हॉकी खिलाड़ी रहे हैं. वह 15 दिसंबर-2019 को हॉकी के जादूगर स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए पदयात्रा पर निकले हैं. उनकी पदयात्रा करीब 1200 किलोमीटर की है. वे रास्ते में लोगों से मिलते हैं. और दद्दा ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के लिए समर्थन जुटाकर हैं.

दादा के घर दो दिन रुका था
तारक पारकर ने बताया कि, बात सन् 1978 की है. तब मैं नेपाल तक की पदयात्रा पर निकला था. उस समय झांसी पहुंचा और हॉकी के भगवान मेजर ध्यानचंद से उनके घर पर मिला. दो दिन उनके घर पर रुका. उन्हें जब पता चला मैं होटल में ठहरा हूं. उन्होंने कहा कि जब मैं हूं तो आपको होटल में रुकने की जरूरत नहीं है. इसके बाद उन्होंने रास्ते में पड़ रहे स्पोर्ट्स सेंटर पर रुकवाने का संदेश दिया. और जहां पर भी तारक रुके. उसकी वहां पर रुकने की व्यवस्था दद्दा ध्यानचंद ने की थी. दद्दा की खेल के प्रति दीवानगी और खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति की बात मुझे अभी तक याद है.

दद्दा को भारत रत्न न मिलने की बात कचोटती है
तारक पारकर ने बताया कि, किस व्यक्ति के नाम पर तीन-तीन गोल्ड मेडल हैं. जिसे हॉकी का भगवान कहा जाता है. जिसके नाम पर खेल दिवस मनाया जाता है. प्रधानमंत्री कई बार खेल दिवस पर अपने भाषण में दद्दा ध्यानचंद का नाम ले चुके हैं और उन्हें महान खिलाड़ी बताते हैं. लेकिन फिर भी अभी तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया. यही बात मुझे कसौटती है. तब मेरे मन में यह ख्याल आया कि क्यों न मैं अपने मन की बात पर यात्रा के जरिए दिल्ली पहुंचकर पीएम मोदी को बताऊं. देश के इस महान खिलाड़ी को भारत रत्न से नवाजे. और देश के खेल प्रेमियों की भावना का सम्मान करें.

पैदल चलें और स्वस्थ रहें मिशन
तारक पारकर ने बताया कि, स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद को प्रेरणा स्रोत मानकर 40 साल से मिशन एक और चला रहा रहा हूं. जिसका नाम' पैदल चलें और स्वस्थ रहें. नशा छोड़ो और खेलों से जुड़े हैं. यह मिशन भी लगातार चला रहा है.



Conclusion:63 साल के तारक उत्पाद हाथ में तिरंगा लिए जोश के साथ कदम बढ़ाते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. अपनी पदयात्रा के इतने दिन बाद वह गुरुवार को आगरा पहुंचे.

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बाइट तारक पारकर, पूर्व हॉकी खिलाड़ी और पदयात्री ।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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