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तन्हा हुआ सातवां अजूबा 'ताज'! - tajmahal is closed

दुनिया भर में मोहब्बत की निशानी कहा जाने वाला ताज आज खुद ही तन्हा सा नजर आ रहा है. कभी खुद की चाहत में कद्रदानों से गुलजार रहने वाले ताजमहल का आंगन लॉकडाउन में सूना दिखने लगा है.

tajmahal
वाह ताज
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Published : Jun 6, 2020, 6:01 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 3:41 PM IST

आगरा: सात अजूबों में शुमार ताजमहल में लॉकडाउन के दौरान रौनक गायब सी हो गई. भारत की ऐतिहासिक इमारत में जहां पर्यटकों का मेला लगा रहता था, वहां आज सिवाय सन्नाटे के कुछ नजर नहीं आ रहा है. आगरा का ताजमहल अपने कद्रदानों की मेजबानी के लिये बेकरार है, जिसका जर्रा-जर्रा दीवानों की राह में बांहें फैलाए हुए है.

खास रिपोर्ट.

372 साल में कभी इतने दिनों के लिए ताजमहल कभी बंद नहीं रहा. वहीं लॉकडाउन के कारण बेमिसाल हुस्न की कहानी सुनने वाला कोई नहीं है और न ही बेपनाह मोहब्बत में कसीदे गढ़ने वाला ही कोई है. कोई भी ताजमहल का दीदार करने वाला नहीं है. कद्रदानों और दीवानों की मेजबानी के लिए ताज के आंगन में फूलों की क्यारियां खूब महकीं. पेंजी, डहेलिया, सॉल्विया के रंग-बिरंगे फूल भी खिले. मगर कोरोना का कहर ऐसा कि गुलजार रहने वाले आंगन में 77 दिन से महज खामोशी ही है.

बता दें कि मुगल बादशाह शहंशाह ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था. सन 1632 से 1648 के बीच ताज बनकर तैयार हुआ था. तब से ताज के दरवाजे लगातार कई दिनों के लिए तीन बार बंद हुए हैं.

कोरोना से यूं हुआ घटनाक्रम

  • 13 मार्च 2020 की मध्य रात्रि से सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा स्थगित कर दिए गए.
  • 17 मार्च -2020 की सुबह ताजमहल सहित देश के सभी स्मारक 31मार्च-2020 तक बंद कर दिए गए.
  • 25 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू.
  • फिर लॉक डाउन-1, लॉक डाउन-2, लॉक डाउन-3, लॉक डाउन-4 और लॉकडाउन -5 का कहर

बंद रहने के आंकड़े

  • सन 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान दिसंबर में 15 दिनों के लिए ताजमहल में पर्यटकों का प्रवेश बंद किया गया था.
  • सन 1978 में जब आगरा में बाढ़ आई थी. इस दौरान सितंबर के महीने में सात दिन के लिए ताजमहल को बंद किया था.
  • प्रथम विश्व युद्ध में भी ताज महल को कुछ दिन के लिए बंद किया गया था.
  • द्वितीय विश्व युद्ध में भी ताज महल कुछ दिन के लिए बंद रखा गया था.

और टूट गई रवायत
- 372 साल में पहली बार शाहजहां के 365 वें उर्स में परंपरा टूट गई. ताजमहल में 21 से 23 मार्च के बीच तीन दिवसीय उर्स का आयोजन होना था, लेकिन इससे पहले ही संस्कृति मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ताजमहल समेत स्मारकों को बंद कर दिया. इसके बाद देश में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया.
-372 साल में इस बार ईद पर भी ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा नहीं की गई. जब से ताज महल बना है, तबसे लगातर ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा की जा रही है.

2000 करोड़ का कारोबार, चार लाख लोगों की रोजी-रोटी
ताजमहल देखने देश-विदेश से रोज 25 से 30 हजार पर्यटक आते हैं. टूरिस्ट सीजन में संख्या 35 से 40 हजार पहुंच जाती है. हर साल करीब दो हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है. ताजमहल से एएसआई को टिकटों से सालाना 104 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. लगभग चार लाख लोगों की रोजी रोटी ताज से जुड़ी है.

सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन बनाकर खोला जाएगा ताज
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि पहली बार इतने ज्यादा दिन के लिए ताजमहल के साथ ही कई स्मारक भी बंद रहे हैं. जब तक लॉकडाउन है, तब तक ताज बंद रहेगा. वहीं उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन बनाकर ताजमहल और अन्य स्मारक खोले जाएंगे.

ताज खुद को या लोग ताज को भूल गए हैं!
आगरा टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ गाइड शमशुद्दीन ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में भी ताजमहल को थोड़े दिन बंद किया गया था। सन 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भी ताजमहल को बंद किया गया था. सन 1978 में ताजमहल में एंट्री बंद किया गया था. उन्होंने बताया कि पहले कभी भी ताज इतने ज्यादा लंबे समय के लिए बंद नहीं हुआ. कोरोना के चलते ताजमहल बंद है और ऐसा लग रहा है कि ताज अपने आप को भूल गया है या लोग ताजमहल को भूल गए हैं.


पर्यटकों के आंकड़े

भारतीय पर्यटक

वर्षमार्चअप्रैलमई
2019492380327683387013
2020176290000000000


विदेशी पर्यटक

वर्षमार्चअप्रैलमई
20191083735841831161
202033375000000000

आगरा: सात अजूबों में शुमार ताजमहल में लॉकडाउन के दौरान रौनक गायब सी हो गई. भारत की ऐतिहासिक इमारत में जहां पर्यटकों का मेला लगा रहता था, वहां आज सिवाय सन्नाटे के कुछ नजर नहीं आ रहा है. आगरा का ताजमहल अपने कद्रदानों की मेजबानी के लिये बेकरार है, जिसका जर्रा-जर्रा दीवानों की राह में बांहें फैलाए हुए है.

खास रिपोर्ट.

372 साल में कभी इतने दिनों के लिए ताजमहल कभी बंद नहीं रहा. वहीं लॉकडाउन के कारण बेमिसाल हुस्न की कहानी सुनने वाला कोई नहीं है और न ही बेपनाह मोहब्बत में कसीदे गढ़ने वाला ही कोई है. कोई भी ताजमहल का दीदार करने वाला नहीं है. कद्रदानों और दीवानों की मेजबानी के लिए ताज के आंगन में फूलों की क्यारियां खूब महकीं. पेंजी, डहेलिया, सॉल्विया के रंग-बिरंगे फूल भी खिले. मगर कोरोना का कहर ऐसा कि गुलजार रहने वाले आंगन में 77 दिन से महज खामोशी ही है.

बता दें कि मुगल बादशाह शहंशाह ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था. सन 1632 से 1648 के बीच ताज बनकर तैयार हुआ था. तब से ताज के दरवाजे लगातार कई दिनों के लिए तीन बार बंद हुए हैं.

कोरोना से यूं हुआ घटनाक्रम

  • 13 मार्च 2020 की मध्य रात्रि से सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा स्थगित कर दिए गए.
  • 17 मार्च -2020 की सुबह ताजमहल सहित देश के सभी स्मारक 31मार्च-2020 तक बंद कर दिए गए.
  • 25 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू.
  • फिर लॉक डाउन-1, लॉक डाउन-2, लॉक डाउन-3, लॉक डाउन-4 और लॉकडाउन -5 का कहर

बंद रहने के आंकड़े

  • सन 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान दिसंबर में 15 दिनों के लिए ताजमहल में पर्यटकों का प्रवेश बंद किया गया था.
  • सन 1978 में जब आगरा में बाढ़ आई थी. इस दौरान सितंबर के महीने में सात दिन के लिए ताजमहल को बंद किया था.
  • प्रथम विश्व युद्ध में भी ताज महल को कुछ दिन के लिए बंद किया गया था.
  • द्वितीय विश्व युद्ध में भी ताज महल कुछ दिन के लिए बंद रखा गया था.

और टूट गई रवायत
- 372 साल में पहली बार शाहजहां के 365 वें उर्स में परंपरा टूट गई. ताजमहल में 21 से 23 मार्च के बीच तीन दिवसीय उर्स का आयोजन होना था, लेकिन इससे पहले ही संस्कृति मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ताजमहल समेत स्मारकों को बंद कर दिया. इसके बाद देश में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया.
-372 साल में इस बार ईद पर भी ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा नहीं की गई. जब से ताज महल बना है, तबसे लगातर ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज अदा की जा रही है.

2000 करोड़ का कारोबार, चार लाख लोगों की रोजी-रोटी
ताजमहल देखने देश-विदेश से रोज 25 से 30 हजार पर्यटक आते हैं. टूरिस्ट सीजन में संख्या 35 से 40 हजार पहुंच जाती है. हर साल करीब दो हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है. ताजमहल से एएसआई को टिकटों से सालाना 104 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. लगभग चार लाख लोगों की रोजी रोटी ताज से जुड़ी है.

सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन बनाकर खोला जाएगा ताज
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि पहली बार इतने ज्यादा दिन के लिए ताजमहल के साथ ही कई स्मारक भी बंद रहे हैं. जब तक लॉकडाउन है, तब तक ताज बंद रहेगा. वहीं उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन बनाकर ताजमहल और अन्य स्मारक खोले जाएंगे.

ताज खुद को या लोग ताज को भूल गए हैं!
आगरा टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ गाइड शमशुद्दीन ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में भी ताजमहल को थोड़े दिन बंद किया गया था। सन 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भी ताजमहल को बंद किया गया था. सन 1978 में ताजमहल में एंट्री बंद किया गया था. उन्होंने बताया कि पहले कभी भी ताज इतने ज्यादा लंबे समय के लिए बंद नहीं हुआ. कोरोना के चलते ताजमहल बंद है और ऐसा लग रहा है कि ताज अपने आप को भूल गया है या लोग ताजमहल को भूल गए हैं.


पर्यटकों के आंकड़े

भारतीय पर्यटक

वर्षमार्चअप्रैलमई
2019492380327683387013
2020176290000000000


विदेशी पर्यटक

वर्षमार्चअप्रैलमई
20191083735841831161
202033375000000000
Last Updated : Jun 8, 2020, 3:41 PM IST
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