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ताजमहल की बढे़गी सुरक्षा, यमुना किनारे से कंसेर्टिना वायरिंग की बढ़ेगी ऊंचाई, लगेगा लोहे का जाल

यमुना किनारा की ओर से ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था अब और सख्त होगी. यहां कंसेर्टिना वायरिंग (कंटीले तारों की बाड़) की ऊंचाई तो बढ़ाई ही जा रही है, लोहे का जाल भी लगाया जा रहा है. रात में कम रोशनी की वजह से आने वाली दिक्कत को देखते हुए लाइट्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. सीआईएसएफ जवानों की सुविधा के लिए 2 अस्थायी केबिन भी बनाए जाएंगे.

ताजमहल
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Published : Feb 24, 2022, 1:09 PM IST

आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल की सुरक्षा यमुना किनारा की ओर से सख्त और मजबूत होगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताजमहल की सुरक्षा संभाल रही सीआईएसफ और ताज सुरक्षा पुलिस की मांग पर सुरक्षा और मजबूत करने के लिए बजट का प्रस्ताव बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेज दिया है. मुख्यालय से बजट प्रस्ताव पर मुहर लगते ही यमुना किनारा की तरफ से ताजमहल की सुरक्षा को लगाई गई कंसेर्टिना वायरिंग (कंटीले तारों की बाड़) की ऊंचाई भी 3 फीट बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही लोहे का जाल लगाया जाएगा. रोशनी के लिए हर पोल पर 2-2 एलईडी लगाने के साथ ही जवानों की मुस्तैदी के लिए 2 अस्थाई केबिन भी बनाई जाएंगी. इस बारे में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि ताज की यमुना किनारा से पुख्ता सुरक्षा की मांग पर एक प्रस्ताव बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेजा जा चुका है.

पहले तक ताजमहल की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे थी. फिर साल 2001 में ताजमहल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ मिली थी. तभी से ताजमहल परिसर (रेड जोन) की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ संभाल रही है. ताजमहल के बाहर (यलो जोन) की सुरक्षा पुलिस और पीएसी के कंधों पर है.

8 फीट ऊंचीं लगेंगी कंटीले तारों की बाड़
ताजमहल यमुना नदी के किनारे बना है. एएसआई ने करीब 20 साल पहले ताजमहल के उत्तरी दिशा में स्थित यमुना किनारा के मलबे और कचरे को समतल करके वहां पर गार्डन विकसित किया था. ताजमहल की उत्तरी पूर्वी बुर्जी से लेकर उत्तर पश्चिम बुर्जी तक यमुना किनारा है. जहां सुरक्षा की दृष्टि से 5 फुट ऊंचाई तक कटीले तारों की बाड़ लगी हुई है. जिसकी निगरानी सीआईएसएफ के जवानों के जिम्मे है. अब ताजमहल की नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत कंटीले तारों की बाड़ 5 फीट से बढ़ाकर 8 फीट की जाएगी. इसके साथ ही लोहे का जाल भी लगाया जाएगा. जिससे रात में रोशनी होने पर यमुना की तलहटी में पनपे कीड़े ताजमहल की ओर नहीं आए. इसके साथ ही रोशनी के लिए अब एक पोल पर 2 कम क्षमता की एलईडी लाइट लगाई जाएंगी.

बार-बार ताज सुरक्षा समिति उठाती थी मुद्दा
यमुना किनारे की ओर से ताजमहल की सुरक्षा को लेकर लगातार ताज सुरक्षा समिति मांग कर रही थी. ताज सुरक्षा समिति ने कई बार यमुना किनारा का निरीक्षण करके सुरक्षा और पुख्ता करने के सुझाव दिए. जिस पर एएसआई ने 40 लाख रुपये का बजट बनाकर मुख्यालय दिल्ली भेजा है. इसमें से 20 लाख रुपये कंटीले तारों की बाड़ ऊंचीं होगी और लोहे का जाल लगाया जाएगा. इसके साथ ही 20 लाख रुपये में सीआईएसफ के जवानों के लिए 2 अस्थाई केबिन और अन्य काम होंगे.

इसे भी पढे़ं- नए साल पर ताज के दीदार की दीवानगी, उमड़ी पर्यटकों की भीड़

आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल की सुरक्षा यमुना किनारा की ओर से सख्त और मजबूत होगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ताजमहल की सुरक्षा संभाल रही सीआईएसफ और ताज सुरक्षा पुलिस की मांग पर सुरक्षा और मजबूत करने के लिए बजट का प्रस्ताव बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेज दिया है. मुख्यालय से बजट प्रस्ताव पर मुहर लगते ही यमुना किनारा की तरफ से ताजमहल की सुरक्षा को लगाई गई कंसेर्टिना वायरिंग (कंटीले तारों की बाड़) की ऊंचाई भी 3 फीट बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही लोहे का जाल लगाया जाएगा. रोशनी के लिए हर पोल पर 2-2 एलईडी लगाने के साथ ही जवानों की मुस्तैदी के लिए 2 अस्थाई केबिन भी बनाई जाएंगी. इस बारे में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि ताज की यमुना किनारा से पुख्ता सुरक्षा की मांग पर एक प्रस्ताव बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेजा जा चुका है.

पहले तक ताजमहल की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे थी. फिर साल 2001 में ताजमहल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ मिली थी. तभी से ताजमहल परिसर (रेड जोन) की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ संभाल रही है. ताजमहल के बाहर (यलो जोन) की सुरक्षा पुलिस और पीएसी के कंधों पर है.

8 फीट ऊंचीं लगेंगी कंटीले तारों की बाड़
ताजमहल यमुना नदी के किनारे बना है. एएसआई ने करीब 20 साल पहले ताजमहल के उत्तरी दिशा में स्थित यमुना किनारा के मलबे और कचरे को समतल करके वहां पर गार्डन विकसित किया था. ताजमहल की उत्तरी पूर्वी बुर्जी से लेकर उत्तर पश्चिम बुर्जी तक यमुना किनारा है. जहां सुरक्षा की दृष्टि से 5 फुट ऊंचाई तक कटीले तारों की बाड़ लगी हुई है. जिसकी निगरानी सीआईएसएफ के जवानों के जिम्मे है. अब ताजमहल की नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत कंटीले तारों की बाड़ 5 फीट से बढ़ाकर 8 फीट की जाएगी. इसके साथ ही लोहे का जाल भी लगाया जाएगा. जिससे रात में रोशनी होने पर यमुना की तलहटी में पनपे कीड़े ताजमहल की ओर नहीं आए. इसके साथ ही रोशनी के लिए अब एक पोल पर 2 कम क्षमता की एलईडी लाइट लगाई जाएंगी.

बार-बार ताज सुरक्षा समिति उठाती थी मुद्दा
यमुना किनारे की ओर से ताजमहल की सुरक्षा को लेकर लगातार ताज सुरक्षा समिति मांग कर रही थी. ताज सुरक्षा समिति ने कई बार यमुना किनारा का निरीक्षण करके सुरक्षा और पुख्ता करने के सुझाव दिए. जिस पर एएसआई ने 40 लाख रुपये का बजट बनाकर मुख्यालय दिल्ली भेजा है. इसमें से 20 लाख रुपये कंटीले तारों की बाड़ ऊंचीं होगी और लोहे का जाल लगाया जाएगा. इसके साथ ही 20 लाख रुपये में सीआईएसफ के जवानों के लिए 2 अस्थाई केबिन और अन्य काम होंगे.

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