आगरा : आगरा में पुलिस हिरासत में 25 लाख रुपये की चोरी के आरोपी सफाई कर्मचारी अरूण की मौत के बाद पांच पुलिसकर्मी और निलंबित कर दिए गए हैं. अब तक इस मामले में कुल 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं. इससे पहले 6 पुलिसकर्मी थाने की सुरक्षा में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित किए गए थे. मृतक सफाईकर्मी का पोस्टमार्टम पैनल से होगा. वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी. उधर, मृतक अरुण के परिजनों को दस लाख रुपए की आर्थिक मदद सरकार की ओर से दी गई है.
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि जगदीशपुरा थाना की जीडी की रवानगी के दौरान मौजूद क्रिमनल इंटेलीजेंस विंग के इंस्पेक्टर आनंद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही महेंद्र, रूपेश और सत्यम को सस्पेंड कर दिया है. मामले की जांच को एक टीम गठित कर दी गई है. उन्होंने मृतक के परिवार को निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया है. एनएचआरसी की गाइडलाइन के अनुसार जांच करने की बात कही है. उधर, जगदीशपुरा पुलिस ने सफाई कर्मी की मौत के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. वहीं, इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर कड़ी नाराजगी जताई है.
डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि यूपी सरकार की ओर से मृतक अरुण के परिजनों को दस लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई है. इसके साथ ही सफाई कर्मचारी के पद पर पत्नी सोनम को नौकरी का आश्वासन दिया गया है. अरुण का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार है. पुलिस और प्रशासन अधिकारियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है. उन्होंने शासन को पूरे मामले में रिपोर्ट भेजी है. उनका कहना है कि सफाई कर्मचारी की मौत के बाद से हालात तेजी से बदल रहे हैं. किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और पीएसी मुस्तैद है. पार्टियों के नेताओं को आगरा में फिलहाल प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है. लखनऊ, नोएडा समेत कई जिलों के डीएम को बता दिया गया है. आगरा में धारा 144 लागू है.
बता दें कि 16 अक्टूबर 2021 की रात जगदीशपुरा थाना परिसर में पिछले दरवाजा और खिड़की को तोड़कर मालखाने में सेंध लगाई गई थी. मालखाने से 25 लाख रुपए चोरी हुए हैं, जिसकी जानकारी 17 अक्टूबर की सुबह हुई थी. मंगलवार को पुलिस ने आरोपी सफाईकर्मी अरुण को दबोच लिया और उससे पूछताछ की गई. मंगलवार देर रात पुलिस ने अरुण की निशानदेही पर उसके घर से 15 लाख रुपये बरामद किए. मगर, तभी पुलिस हिरासत में अरुण की मौत हो गई. इस मामले में एडीजी राजीव कृष्ण ने थाना की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए. उधर, बुधवार को सफाई कर्मी की मौत के मामले में लापरवाही बरतने पर थाने के पांच पुलिसकर्मी और निलंबित कर दिए गए. कुल 11 पुलिसकर्मी अभी तक निलंबित हो चुके हैं.
ये भी पढ़ेंः पुलिस हिरासत में सफाई कर्मचारी की मौत पर घमासान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष की जमकर हुई पिटाई
इस मामले को लेकर सपा के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पुलिस को घेर लिया. वहीं, कांग्रेसी और सपाई भी पोस्टमार्टम गृह पहुंच गए. जहां पर सफाई कर्मचारियों और कांग्रेसियों में तकरार हो गई. धक्का मुक्की के बाद मारपीट शुरू हो गई. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू और उनकी टीम को दौड़ा लिया और जमकर पीट दिया गया था. उधर. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के आगरा आने की सूचना पर उन्हें एक्सप्रेस-वे पर रोक लिया गया.
अखिलेश यादव ने ये ट्वीट किया
सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके पुलिस पर सवाल उठाए हैं जिससे राजनीति गरमा गई है. क्योंकि, मृतक अरुण समाजवादी पार्टी से जुडा था. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लिखा है कि, 'भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है, तो अपराध कैसे रुकेगा. आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए की चोरी कराई गई. फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है. हत्यारे पुलिसकर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई.'
प्रियंका गांधी ने भी किया ये ट्वीट
पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा कि, 'किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है. आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है. भगवान वाल्मीकि की जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है. उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो. पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले.' इसके अलावा, इस मामले को लेकर मायावती ने भी ट्वीट किया है.
इस पूरे मामले में एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. जो भी दोषी पुलिसकर्मी हैं, उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा. लगातार पुलिस अधिकारी मृतक सफाई कर्मचारी अरुण के परिजनों के संपर्क में हैं. कानून व्यवस्था को देखते हुए जिले में पर्याप्त पुलिस तैनात की गई है.