आगरा: पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रीमंडल विस्तार में आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को जगह मिली है. नए मंत्रियों की सूची में प्रो. एसपी सिंह बघेल को राज्यमंत्री बनाया गया है. उन्होंने बुधवार शाम पद और गोपनीयता की शपथ ली. तीन बार सांसद, राजसभा सांसद और यूपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे प्रो. एसपी सिंह बघेल का ' खाकी से खादी' तक का सफर बेहद दिलचस्प है. प्रो. एसपी सिंह बघेल किसी भी पार्टी में रहे. वे संगठन के चहेते रहे. उनका नाम का सिक्का भी चला.
ईटीवी भारत से बात करते हुए एसपी सिंह बघेल ने कहा कि इस नई कैबिनेट में उत्तर प्रदेश में सभी जाति धर्म के लोगों का ख्याल रखा गया है. मंत्रिमंडल में भी अंत्योदय हुआ है. उत्तर भारत में आजादी के बाद में अपने समाज का पहला व्यक्ति हूं, जिसे मंत्री पद मिला है. जब उनसे यह पूछा गया कि उनके लिए यह कितनी बड़ी चुनौती होगी तो उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी चुनौती आसान हो जाती है जब किसी पार्टी में दुनिया के सबसे वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों. एसपी सिंह ने कहा कि हमारा संगठन बूथ लेवल तक है इसलिए हमारे लिए चुनौती और आसान हो जाती है.
पहले पहनी खाकी, फिर बने प्रोफेसर
उप्र के औरैया जिले के गांव भटपुरा के मूलत निवासी सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल के पिता मध्य प्रदेश पुलिस में थे. प्रो. एसपी सिंह बघेल भी खादी से पहले खाकी पहन चुके हैं. प्रो. एसपी सिंह बघेल यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती हुए. वे तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी की सुरक्षा में तैनात रहे.
मुलायम सिंह की सलाह पर राजनीति में आए
प्रो. एसपी सिंह बघेल लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में तैनात रहे. वर्ष 1998 में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा. जहां से वे सांसद बने. जलसेर लोकसभा पर दूसरी बार सासंद बसपा से बने. बसपा ने राज्यसभा सदस्य बनाया. इसके बाद सन 2014 के लोकसभा चुनाव से प्रो. एसपी सिंह बघेल ने भाजपा का दामन थामा. भाजपा ने लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद से प्रो. एसपी सिंह बघेल को उतारा, जहां वे सपा के अक्षय यादव से हार गए.
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यह भी मिली जिम्मेदारी
भाजपा में शामिल होने पर केंद्रीय संगठन ने प्रो. एसपी सिंह बघेल को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रो. एसपी सिंह बघेल को टूंडला विधानसभा सीट से मैदान में उतारा. टूंडला से जीतकर प्रो. एसपी सिंह बघेल इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट का हिस्सा बने. उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया.
आगरा से दिया था टिकट
भाजपा ने सन 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रो. एसपी सिंह बघेल को आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. यहां के तत्कालीन सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया का टिकट काट दिया गया. प्रो. रामशंकर कठेरिया को इटवा से भाजपा ने मैदान में उतारा. जहां से वह सांसद हैं. चुनाव में प्रो. एसपी सिंह बघेल को भी जीत मिली.
पहले मंत्रीमंडल में नहीं मिली थी जगह
आगरा लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी के पहले मंत्रीमंडल में प्रो. एसपी सिंह बघेल को शामिल करने की संभावनाएं थीं. मगर, ऐसा नहीं हो सका. अब नए मंत्रीमंडल विस्तार में प्रो. एसपी सिंह बघेल शामिल किए गए हैं. प्रो. एसपी सिंह बघेल की बघेल समाज में मजबूत पकड़ है. यूपी के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण साधने के लिए उन्हें केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया गाय है. क्योंकि, पहले भी प्रो. एसपी सिंह बघेल को विधानसभा और अन्य चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में उतार चुकी है.
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सभी पार्टियों के चहेते रहे
भले ही प्रो. एसपी सिंह बघेल को खाकी से खादी में पूर्व सीएम मुलायम यादव लेकर आए. सपा में भी उनकी अच्छी धमक रही. मगर, 2010 में प्रो. एसपी सिंह बीएसपी में शामिल हो गए. बसपा में भी मायावती ने प्रो. एसपी सिंह बघेल को 2010 में पहले राज्यसभा भेजा और पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया. मगर, बसपा छोडकर प्रो. एसपी सिंह बघेल ने भाजपा का दामन थाम लिया. सन 2014 में भाजपा की टिकट पर फिरोजाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़े. मगर, लेकिन यहां उन्हें हार मिली.
जाति प्रमाणपत्र को लेकर विवाद
प्रो. एसपी सिंह बघेल के जाति प्रमाण पत्र को लेकर खूब विवाद हुआ. विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया था. वैसे अब प्रो. एसपी सिंह बघेल खुद को धनगर जाति का बताते हैं. इसलिए भाजपा ने उन्हें आगरा सुरक्षित से लोकसभा चुनाव में उतारा था. यूपी सरकार के नोटिफिकेशन में धनगर जाति अनुसूचित जाति में आती है.