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'तीसरी आंख' से ताजनगरी के चप्पे-चप्पे पर नजर, 7.41 करोड़ का ई-चालान

आगरा पुलिस का सबसे बड़ा और सटीक मुखबिर स्मार्ट सिटी का इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम बन गया है. साथ ही ट्रैफिक पुलिस बेफिक्र वाहन चालकों पर ई-चालान का चाबुक चल रही है. ट्रैफिक पुलिस ने एक साल में ऑटोमेटिक 79 हजार 592 ई-चालान करके फोटो के साथ वाहन मालिकों के घर भेजे हैं. जिनकी जुर्माना राशि 7.41 करोड़ रुपए है.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
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Published : Jan 25, 2021, 1:36 PM IST

आगरा : ताजनगरी की निगेहबान 'तीसरी आंख' यानी सीसीटीवी कैमरे हैं. जो शहर के बाजारों, तिराहों और चौराहों पर लगाए गए हैं. शहर की पहरेदार ये 'तीसरी आंख' अब पुलिस की सटीक मुखबिर भी बन गई है. नगर निगम में स्थापित अत्याधुनिक 'इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम' में बैठकर ट्रैफिक पुलिस जहां बेफिक्र वाहन चालकों पर ई-चालान का चाबुक चल रही है. ट्रैफिक पुलिस ने 12 माह में ऑटोमेटिक 79592 ई-चालान करके फोटो के सबूत के साथ वाहन मालिकों के घर भेजे हैं. जिनकी जुर्माना राशि 7.41 करोड़ रुपए है. इनमें से करीब दो लाख के जुर्माने की वसूली भी हो चुकी है. इसके साथ ही कंट्रोल रूम से शहर की निगरानी में लगे सीसीटीवी कैमरों से 140 वारदातों के खुलासे और क्रिमिनल की धरपकड़ में सुराग मिल रहे हैं.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

हर दिन थानों की पुलिस लेती है सीसीटीवी फुटेज
आगरा स्मार्ट सिटी के वाइस प्रेसिडेंट आनंद मेनन ने बताया कि, हर दिन थानों से पुलिसकर्मी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आकर अपने थाना क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज देखते हैं. वारदात से संबंधित फोटो और फुटेज ले जाते हैं. स्मार्ट सिटी के कैमरों से मिले सीसीटीवी फुटेज से कई वारदातों का खुलासा हुआ है. जिसमें हाल में ही सदर क्षेत्र में हुए मर्डर का सीसीटीवी फुटेज और प्रदेश भर में सनसनी फैलाने वाले बस हाईजैक मामले में भी बस के फुटेज भी स्मार्ट सिटी के कैमरोन से ही मिले थे. वाहन चोरों का एक अलग ही हमने डाटा बनाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट...

ऑनलाइन ऑटोमेटिक ई-चालान
आनंद मेनन ने बताया कि शहर में 1216 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. चौराहों और तिराहों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे लगे हैं. इसमें लाल बत्ती पार करने वालों के फोटो के लिए भी कैमरे लगे हैं. इन कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम को गाड़ी के नंबर मिलते हैं. जिससे ऑनलाइन ऑटोमेटिक वाहन का ई-चालान किया जाता है. पुलिसकर्मी भी कंट्रोल रूम में इसी तरह से वाहनों के चालान करते हैं. ई-चालान के साथ ही अब ऑनलाइन ई-चालान भुगतान के लिए भी व्यवस्था शुरू की गई है.

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

पुलिस को कानून व्यवस्था सुधारने में मिली मदद
आगरा स्मार्ट सिटी के सीईओ और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे ने कहा कि, 31 दिसंबर 2020 से स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम 'गो-लाइव' हुआ है. मगर, इससे पहले भी हम कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरे से वाहनों के चालान सहित अन्य तमाम काम कर रहे थे. शहर में कई ऐसी कानून व्यवस्था और क्राइम की घटनाएं हुई हैं. जिनके खुलासे के लिए पुलिस ने स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम का उपयोग किया.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

अपराधियों के धरपकड़ मिलेगी मदद
एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि, आगरा स्मार्ट सिटी में बनाया गया इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम बहुत ही बड़ा है. चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ अन्य तमाम उपकरण भी शहर में लगाए गए हैं. एक जनवरी 2021 से कमांड एंड कंट्रोल रूम का 'गो लाइव' हुआ है. एक अप्रैल के आस-पास यह पूरी तरह से काम करेगा. जब यह पूरी तरह से काम करने लगेगा तो पुलिस को अपराध, अपराधियों के धरपकड़ में और अपराध नियंत्रण में अच्छी मदद मिलेगी.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

140 से ज्यादा वारदात में मिला सुराग
आगरा पुलिस का सबसे बड़ा और सटीक मुखबिर स्मार्ट सिटी का इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम बन गया है. स्मार्ट सिटी के अधिकारी और पुलिस की मानें तो अब तक कंट्रोल रूम के जरिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से हाई प्रोफाइल वारदात के साथ ही वाहन चोरी की घटनाओं में भी कई अहम सुराग मिले हैं. क्योंकि, शहर में 100 से ज्यादा चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.

चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.

एक वाहन का एक दिन में 30 चालान
स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हैं. अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चला रहा है या बिना सीट बेल्ट लगाए चार पहिया वाहन चला रहा है तो उसका एक नहीं कई बार ऑटोमेटिक ई-चालान हो जाता है. जिस-जिस चौराहे से वाहन गुजरता है. उस चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे से उसका ई-चालान हो जाता है. यही वजह है कि, एक वाहन के एक दिन में 30-30 से ज्यादा ई-चालान कटे हैं. शहर में हर दिन 400 ई-चालान कंट्रोल रूम से ऑटोमेटिक होते हैं. सीसीटीवी कैमरे से फोटो के आधार पर ऑटोमेटिक उसका ई-चालान जेनरेट हो जाता है. इस फोटो के आधार पर ही यातायात पुलिस जुर्माना राशि के साथ वाहन स्वामियों को ई-चालान भेजती है.

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
7.41 करोड़ का ई-चालान.
7.41 करोड़ का ई-चालान.

आगरा : ताजनगरी की निगेहबान 'तीसरी आंख' यानी सीसीटीवी कैमरे हैं. जो शहर के बाजारों, तिराहों और चौराहों पर लगाए गए हैं. शहर की पहरेदार ये 'तीसरी आंख' अब पुलिस की सटीक मुखबिर भी बन गई है. नगर निगम में स्थापित अत्याधुनिक 'इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम' में बैठकर ट्रैफिक पुलिस जहां बेफिक्र वाहन चालकों पर ई-चालान का चाबुक चल रही है. ट्रैफिक पुलिस ने 12 माह में ऑटोमेटिक 79592 ई-चालान करके फोटो के सबूत के साथ वाहन मालिकों के घर भेजे हैं. जिनकी जुर्माना राशि 7.41 करोड़ रुपए है. इनमें से करीब दो लाख के जुर्माने की वसूली भी हो चुकी है. इसके साथ ही कंट्रोल रूम से शहर की निगरानी में लगे सीसीटीवी कैमरों से 140 वारदातों के खुलासे और क्रिमिनल की धरपकड़ में सुराग मिल रहे हैं.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

हर दिन थानों की पुलिस लेती है सीसीटीवी फुटेज
आगरा स्मार्ट सिटी के वाइस प्रेसिडेंट आनंद मेनन ने बताया कि, हर दिन थानों से पुलिसकर्मी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आकर अपने थाना क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज देखते हैं. वारदात से संबंधित फोटो और फुटेज ले जाते हैं. स्मार्ट सिटी के कैमरों से मिले सीसीटीवी फुटेज से कई वारदातों का खुलासा हुआ है. जिसमें हाल में ही सदर क्षेत्र में हुए मर्डर का सीसीटीवी फुटेज और प्रदेश भर में सनसनी फैलाने वाले बस हाईजैक मामले में भी बस के फुटेज भी स्मार्ट सिटी के कैमरोन से ही मिले थे. वाहन चोरों का एक अलग ही हमने डाटा बनाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट...

ऑनलाइन ऑटोमेटिक ई-चालान
आनंद मेनन ने बताया कि शहर में 1216 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. चौराहों और तिराहों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे लगे हैं. इसमें लाल बत्ती पार करने वालों के फोटो के लिए भी कैमरे लगे हैं. इन कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम को गाड़ी के नंबर मिलते हैं. जिससे ऑनलाइन ऑटोमेटिक वाहन का ई-चालान किया जाता है. पुलिसकर्मी भी कंट्रोल रूम में इसी तरह से वाहनों के चालान करते हैं. ई-चालान के साथ ही अब ऑनलाइन ई-चालान भुगतान के लिए भी व्यवस्था शुरू की गई है.

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

पुलिस को कानून व्यवस्था सुधारने में मिली मदद
आगरा स्मार्ट सिटी के सीईओ और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे ने कहा कि, 31 दिसंबर 2020 से स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम 'गो-लाइव' हुआ है. मगर, इससे पहले भी हम कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरे से वाहनों के चालान सहित अन्य तमाम काम कर रहे थे. शहर में कई ऐसी कानून व्यवस्था और क्राइम की घटनाएं हुई हैं. जिनके खुलासे के लिए पुलिस ने स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम का उपयोग किया.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

अपराधियों के धरपकड़ मिलेगी मदद
एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि, आगरा स्मार्ट सिटी में बनाया गया इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम बहुत ही बड़ा है. चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ अन्य तमाम उपकरण भी शहर में लगाए गए हैं. एक जनवरी 2021 से कमांड एंड कंट्रोल रूम का 'गो लाइव' हुआ है. एक अप्रैल के आस-पास यह पूरी तरह से काम करेगा. जब यह पूरी तरह से काम करने लगेगा तो पुलिस को अपराध, अपराधियों के धरपकड़ में और अपराध नियंत्रण में अच्छी मदद मिलेगी.

ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.

140 से ज्यादा वारदात में मिला सुराग
आगरा पुलिस का सबसे बड़ा और सटीक मुखबिर स्मार्ट सिटी का इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम बन गया है. स्मार्ट सिटी के अधिकारी और पुलिस की मानें तो अब तक कंट्रोल रूम के जरिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से हाई प्रोफाइल वारदात के साथ ही वाहन चोरी की घटनाओं में भी कई अहम सुराग मिले हैं. क्योंकि, शहर में 100 से ज्यादा चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.

चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.

एक वाहन का एक दिन में 30 चालान
स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से सीसीटीवी कैमरे कनेक्ट हैं. अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चला रहा है या बिना सीट बेल्ट लगाए चार पहिया वाहन चला रहा है तो उसका एक नहीं कई बार ऑटोमेटिक ई-चालान हो जाता है. जिस-जिस चौराहे से वाहन गुजरता है. उस चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे से उसका ई-चालान हो जाता है. यही वजह है कि, एक वाहन के एक दिन में 30-30 से ज्यादा ई-चालान कटे हैं. शहर में हर दिन 400 ई-चालान कंट्रोल रूम से ऑटोमेटिक होते हैं. सीसीटीवी कैमरे से फोटो के आधार पर ऑटोमेटिक उसका ई-चालान जेनरेट हो जाता है. इस फोटो के आधार पर ही यातायात पुलिस जुर्माना राशि के साथ वाहन स्वामियों को ई-चालान भेजती है.

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
चप्पे-चप्पे पर नजर.
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ताजनगरी की 'तीसरी आंख'.
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7.41 करोड़ का ई-चालान.
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