आगरा: 2008 में चौथ वसूली(रिश्वत) न देने वाले ऑटो चालक पर दर्ज कराए गए फर्जी मुकदमों के मामले में रेलवे आगरा कोर्ट ने आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत अन्य को तलब किया है. सभी आरोपियों को 25 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का समन जारी किया गया है.
फर्जी कबूलनामा के जरिए फंसाने की कोशिश
दरअसल, 2008 में चौथ वसूली (रिश्वत) न देने से नाराज आरपीएफ इंस्पेक्टर ने ऑटो चालक अनिल शर्मा पर फर्जी तरीके से कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कराए थे. इतना ही नहीं आरपीएफ के जवानों ने अनिल शर्मा की जगह एक अन्य व्यक्ति को रेलवे मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश कर फर्जी हस्ताक्षर के जरिए जुर्म का कबूलनामा करा लिया. हालांकि ऑटो चालक अनिल शर्मा आरपीएफ की ओर से दर्ज कराए गए सभी फर्जी मुकदमों की सुनवाई में दोषमुक्त हुआ. अब पीड़ित की शिकायत का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आरपीएफ इंस्पेक्टर केसी सुयाल, आरके ओझा, नवल किशोर, सत्येंद्र सिंह, आरके शर्मा, आरपी मीना और आर के सोनी को तलब कर लिया है.
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रंगदारी न देने पर दर्ज कराए फर्जी मुकदमे
मामला 2008 का है. आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के आसपास ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले अनिल शर्मा से आरपीएफ इंस्पेक्टर ने रंगदारी की मांग की, लेकिन अपनी ईमानदारी आगे संकल्पित अनिल शर्मा ने पैसे देने से मना कर दिया. पैसा न पहुंचाने पर उन पर मुकदमे करवा दिए गए. पीड़ित अनिल शर्मा को हर तरीके से अपराधी घोषित करने की कोशिश की गई. लेकिन कोर्ट में आरपीएफ की दलीलें फीकी पड़ गईं और अनिल शर्मा हर मुकदमें में दोषमुक्त पाया गया. बाद में पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ हर्जाने (compensation) की मांग कर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट ने पीड़ित की शिकायत पर सभी आरोपी आरपीएफ जवानों को तलब किया है.
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RPF के दो इंस्पेक्टर, चार सिपाहियों को न्यायालय में पेश होने का आदेश
आगरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अनिल शर्मा का उत्पीड़न करने के मामले में में धारा 465 ,466, 419, 420, 468 471, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था. सभी आरोपी केसी सुयाल, आरके ओझा, नवल किशोर, सत्येंद्र सिंह, आरके शर्मा, आरपी मीना और आरके सोनी को 25 अप्रैल को न्यायालय में पेश होने का समन जारी किया गया है.