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Illegal Detention And Extortion Case: दारोगा के लिए दलाली करने वाले शख्स के खिलाफ FIR दर्ज - Chowki Incharge Devvrat Pandey

आगरा में वारंट के नाम पर निर्दोष युवक को अवैध हिरासत में रखकर निलंबित दारोगा के लिए वसूली करने वाले दलाल के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी फरार दलाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस उसके ठिकानो पर लगातार दबिश दे रही हैं.

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आजाद कुरैशी उर्फ हाजी भोलू
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Published : Jan 16, 2023, 12:01 PM IST

आगराः सिकंदरा थाना क्षेत्र की पदम प्राइड चौकी पर तैनात दारोगा ने चंद रुपयों के लिए निर्दोष युवक को हिरासत में रखकर वसूली का ताना-बाना बुन पूरी पुलिस फोर्स की साख पर कालिक पोत दी है. अब डीसीपी नगर जोन की जांच में निलंबित तत्कालीन पदम प्राइड चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय का खासम-खास दलाल आजाद कुरैशी उर्फ हाजी भोलू भी फंस गया है. आरोपी फरार दलाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित जमील ने आरोपी दारोगा और दलाल के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से वसूली की शिकायत की थी. इसके बाद डीसीपी नगर ने पूरे मामले की जांचकर पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी थी. तत्काल प्रभाव से कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी नगर वसूलीबाज दारोगा को निलंबित कर दिया था, लेकिन दलाल की हकीकत सामने नही आई थी. अब डीसीपी नगर ने जांचकर आरोपी दलाल आजाद कुरैशी उर्फ हाजी भोलू के खिलाफ धारा 386( मृत्यु का भय दिखाकर वसूली करना) सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है.

जानकारी के अनुसार पदम प्राइड चौकी इंचार्ज के पास लोहामंडी बिल्लोचपुरा हाल निवास आवास-विकास सेक्टर 16 निवासी जमील पुत्र रशीद खां का वारंट आया था. लेकिन पुलिस सोंठ की मंडी निवासी जमील को उठा ले गयी, जिस युवक को पुलिस ने उठाया था वारंट उसकी जगह आवास-विकास सेक्टर 16 निवासी जमील का था. इस बात की खबर चौकी इंचार्ज के खास दलाल हाजी भोलू ने पुलिस को फि थी. इसके बाद चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय जमील को उठा लाया था. निर्दोष युवक जमील ने चौकी इंचार्ज से उसे छोड़ने की कई बार गुहार लगायी, लेकिन चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय नहीं माना.

मौके पर युवक के परिजन भी पहुंच गए. उन्हें चौकी इंचार्ज के खास-दलाल ने पैसा देकर छोड़ने का विश्वास दिलाया. चौकी इंचार्ज ने दलाल के माध्यम से 50 हजार की मांग की. मानसिक स्वास्थ केंद्र के सामने रहने वाले दलाल ने निर्दोष जमील के परिजनों से 50 हजार में बेटा छुड़वा देने गारंटी दी थी. जमील गरीब है और उसके परिजनों ने जैसे-तैसे 20 हजार का इंतजाम किया. 10 हजार रुपये देकर रात 1 बजे जमील को छोड़ दिया गया. पीड़ित के अनुसार दलाल शेष 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था. पैसे न देने पर पुनः जमील को उठवाने की धमकी दे रहा था.

पुलिस का मुखबिर और दलाल हाजी भोलू अपने कारनामों की वजह से पहले भी सुर्खियों में रहा है. लोहामंडी क्षेत्र के मालवीयकुंज में आरएसएस के सेवा भारती कार्यलय पर रहने वाले विद्यार्थियों के साथ बस्ती के मुलस्लिम समाज के लोगों ने जमकर मारपीट की थी. इसमें तीन विद्यार्थी गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस मामलें में बीजेपी विधायक और वर्तमान कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय सहित पुरषोत्तम खंडेलवाल ने थाना लोहामंडी का घेराव किया था. इस मामले की जांच आलमगंज चौकी इंचार्ज दारोगा गौरव सिंह के पास थी, लेकिन दलाल हाजी भोलू का क्षेत्र में वो दबदबा था कि एफआईआर में नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती थी.

मामले में तत्कालीन एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने दारोगा गौरव को लाइन हाजिर किया था. इन सभी बड़े मामलों में दलाल हाजी भोलू की संधिग्ध भूमिका होने के बाबजूद पुलिस उसे जेल नहीं भेज सकी. वहीं, अब डीसीपी सिटी विकास कुमार की जांच में आरोपी हाजी भोलू फंस गया है. आरोपी का बिल्लोचपुरा मानसिक स्वास्थ केंद्र के सामने गाड़ियों का गेराज है. सिकंदरा थाना प्रभारी आंनद कुमार शाही ने बताया कि आरोपी दलाल के खिलाफ थाना सिकंदरा में धारा 386( मृत्यु का भय दिखाकर वसूली करना ) सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके बाद से आरोपी हाजी भोलू फरार है. उसकी तलाश में पुलिस टीम लगातार उसके ठिकानों पर दबिश मार रही हैं.

पढ़ेंः illegal detention and extortion case: आगरा में अवैध हिरासत और वसूली कांड में दारोगा निलंबित

आगराः सिकंदरा थाना क्षेत्र की पदम प्राइड चौकी पर तैनात दारोगा ने चंद रुपयों के लिए निर्दोष युवक को हिरासत में रखकर वसूली का ताना-बाना बुन पूरी पुलिस फोर्स की साख पर कालिक पोत दी है. अब डीसीपी नगर जोन की जांच में निलंबित तत्कालीन पदम प्राइड चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय का खासम-खास दलाल आजाद कुरैशी उर्फ हाजी भोलू भी फंस गया है. आरोपी फरार दलाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित जमील ने आरोपी दारोगा और दलाल के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से वसूली की शिकायत की थी. इसके बाद डीसीपी नगर ने पूरे मामले की जांचकर पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी थी. तत्काल प्रभाव से कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी नगर वसूलीबाज दारोगा को निलंबित कर दिया था, लेकिन दलाल की हकीकत सामने नही आई थी. अब डीसीपी नगर ने जांचकर आरोपी दलाल आजाद कुरैशी उर्फ हाजी भोलू के खिलाफ धारा 386( मृत्यु का भय दिखाकर वसूली करना) सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है.

जानकारी के अनुसार पदम प्राइड चौकी इंचार्ज के पास लोहामंडी बिल्लोचपुरा हाल निवास आवास-विकास सेक्टर 16 निवासी जमील पुत्र रशीद खां का वारंट आया था. लेकिन पुलिस सोंठ की मंडी निवासी जमील को उठा ले गयी, जिस युवक को पुलिस ने उठाया था वारंट उसकी जगह आवास-विकास सेक्टर 16 निवासी जमील का था. इस बात की खबर चौकी इंचार्ज के खास दलाल हाजी भोलू ने पुलिस को फि थी. इसके बाद चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय जमील को उठा लाया था. निर्दोष युवक जमील ने चौकी इंचार्ज से उसे छोड़ने की कई बार गुहार लगायी, लेकिन चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडेय नहीं माना.

मौके पर युवक के परिजन भी पहुंच गए. उन्हें चौकी इंचार्ज के खास-दलाल ने पैसा देकर छोड़ने का विश्वास दिलाया. चौकी इंचार्ज ने दलाल के माध्यम से 50 हजार की मांग की. मानसिक स्वास्थ केंद्र के सामने रहने वाले दलाल ने निर्दोष जमील के परिजनों से 50 हजार में बेटा छुड़वा देने गारंटी दी थी. जमील गरीब है और उसके परिजनों ने जैसे-तैसे 20 हजार का इंतजाम किया. 10 हजार रुपये देकर रात 1 बजे जमील को छोड़ दिया गया. पीड़ित के अनुसार दलाल शेष 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था. पैसे न देने पर पुनः जमील को उठवाने की धमकी दे रहा था.

पुलिस का मुखबिर और दलाल हाजी भोलू अपने कारनामों की वजह से पहले भी सुर्खियों में रहा है. लोहामंडी क्षेत्र के मालवीयकुंज में आरएसएस के सेवा भारती कार्यलय पर रहने वाले विद्यार्थियों के साथ बस्ती के मुलस्लिम समाज के लोगों ने जमकर मारपीट की थी. इसमें तीन विद्यार्थी गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस मामलें में बीजेपी विधायक और वर्तमान कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय सहित पुरषोत्तम खंडेलवाल ने थाना लोहामंडी का घेराव किया था. इस मामले की जांच आलमगंज चौकी इंचार्ज दारोगा गौरव सिंह के पास थी, लेकिन दलाल हाजी भोलू का क्षेत्र में वो दबदबा था कि एफआईआर में नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती थी.

मामले में तत्कालीन एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने दारोगा गौरव को लाइन हाजिर किया था. इन सभी बड़े मामलों में दलाल हाजी भोलू की संधिग्ध भूमिका होने के बाबजूद पुलिस उसे जेल नहीं भेज सकी. वहीं, अब डीसीपी सिटी विकास कुमार की जांच में आरोपी हाजी भोलू फंस गया है. आरोपी का बिल्लोचपुरा मानसिक स्वास्थ केंद्र के सामने गाड़ियों का गेराज है. सिकंदरा थाना प्रभारी आंनद कुमार शाही ने बताया कि आरोपी दलाल के खिलाफ थाना सिकंदरा में धारा 386( मृत्यु का भय दिखाकर वसूली करना ) सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके बाद से आरोपी हाजी भोलू फरार है. उसकी तलाश में पुलिस टीम लगातार उसके ठिकानों पर दबिश मार रही हैं.

पढ़ेंः illegal detention and extortion case: आगरा में अवैध हिरासत और वसूली कांड में दारोगा निलंबित

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