आगरा: ताजनगरी आगरा में एक अनोखा श्राद्ध किया गया है. इसके तहत पितृपक्ष में पुरुषों ने शादी के बाद अपने पति को छोड़ने वाली महिलाओं का जीवित पिंडदान किया. महिलाओं की ओर से पति से अलग होने पर सारे रस्म और रिवाज तोड़ देने के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए पुरुषों ने ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान कया है. इसके साथ ही पुरुषों ने अलग पुरुष आयोग बनाने की मांग भी की है.
यमुना नदी की तलहटी में हाथी घाट पर आगरा चैप्टर के सदस्यों की ओर से सेव इंडियन फैमिली अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान सेव इंडियन फैमिली के सदस्यों ने हाथी घाट पर सामूहिक पिंडदान किया है. विधि विधान से पिंडदान करने वाले पुरुषों ने यह पिंडदान किसी मरे हुए व्यक्ति का नहीं, बल्कि जीवित महिलाओं का किया है.
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सेव इंडियन फैमिली की ओर से ब्रजेश ने बताया कि प्रति वर्ष 94 हजार पुरुष घरेलू कलह से आत्महत्या कर रहे हैं. इसके बावजूद महिला सशक्तीकरण के नाम पर पुरुषों की आवाज दबा दी जाती है. उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं पतियों को छोड़ देती हैं और सिंदूर बिछुवे के दम पर खुद को पत्नी बताती हैं. वो अलग होने के बाद भी पुरुष के जीते जी सारी रस्में बन्द कर देती हैं. इसी को लेकर आज ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान किया है.