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यहां के पुरुषों ने जीवित महिलाओं का कर दिया पिण्डदान

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सेव इंडियन फैमिली की ओर से जीवित महिलाओं का पिंडदान किया गया है. सेव इंडियन फैमिली के सदस्यों का कहना है कि जो महिलाएं अपने पति के जीवित रहते हुए उन्हें छेड़ देती हैं और सभी रस्मों और रिवाजों को नहीं मानती हैं. उनके प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए उनका पिंडदान किया गया है.

जीवित महिलाओं का किया गया पिंडदान
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Published : Sep 22, 2019, 5:28 PM IST

आगरा: ताजनगरी आगरा में एक अनोखा श्राद्ध किया गया है. इसके तहत पितृपक्ष में पुरुषों ने शादी के बाद अपने पति को छोड़ने वाली महिलाओं का जीवित पिंडदान किया. महिलाओं की ओर से पति से अलग होने पर सारे रस्म और रिवाज तोड़ देने के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए पुरुषों ने ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान कया है. इसके साथ ही पुरुषों ने अलग पुरुष आयोग बनाने की मांग भी की है.

जीवित महिलाओं का किया गया पिंडदान.

यमुना नदी की तलहटी में हाथी घाट पर आगरा चैप्टर के सदस्यों की ओर से सेव इंडियन फैमिली अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान सेव इंडियन फैमिली के सदस्यों ने हाथी घाट पर सामूहिक पिंडदान किया है. विधि विधान से पिंडदान करने वाले पुरुषों ने यह पिंडदान किसी मरे हुए व्यक्ति का नहीं, बल्कि जीवित महिलाओं का किया है.

इसे भी पढ़ें- 'वंदे मातरम स्वीकार नहीं तो देश में रहने का हक नहीं'

सेव इंडियन फैमिली की ओर से ब्रजेश ने बताया कि प्रति वर्ष 94 हजार पुरुष घरेलू कलह से आत्महत्या कर रहे हैं. इसके बावजूद महिला सशक्तीकरण के नाम पर पुरुषों की आवाज दबा दी जाती है. उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं पतियों को छोड़ देती हैं और सिंदूर बिछुवे के दम पर खुद को पत्नी बताती हैं. वो अलग होने के बाद भी पुरुष के जीते जी सारी रस्में बन्द कर देती हैं. इसी को लेकर आज ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान किया है.

आगरा: ताजनगरी आगरा में एक अनोखा श्राद्ध किया गया है. इसके तहत पितृपक्ष में पुरुषों ने शादी के बाद अपने पति को छोड़ने वाली महिलाओं का जीवित पिंडदान किया. महिलाओं की ओर से पति से अलग होने पर सारे रस्म और रिवाज तोड़ देने के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए पुरुषों ने ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान कया है. इसके साथ ही पुरुषों ने अलग पुरुष आयोग बनाने की मांग भी की है.

जीवित महिलाओं का किया गया पिंडदान.

यमुना नदी की तलहटी में हाथी घाट पर आगरा चैप्टर के सदस्यों की ओर से सेव इंडियन फैमिली अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान सेव इंडियन फैमिली के सदस्यों ने हाथी घाट पर सामूहिक पिंडदान किया है. विधि विधान से पिंडदान करने वाले पुरुषों ने यह पिंडदान किसी मरे हुए व्यक्ति का नहीं, बल्कि जीवित महिलाओं का किया है.

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सेव इंडियन फैमिली की ओर से ब्रजेश ने बताया कि प्रति वर्ष 94 हजार पुरुष घरेलू कलह से आत्महत्या कर रहे हैं. इसके बावजूद महिला सशक्तीकरण के नाम पर पुरुषों की आवाज दबा दी जाती है. उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं पतियों को छोड़ देती हैं और सिंदूर बिछुवे के दम पर खुद को पत्नी बताती हैं. वो अलग होने के बाद भी पुरुष के जीते जी सारी रस्में बन्द कर देती हैं. इसी को लेकर आज ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान किया है.

Intro:ताजनगरी आगरा में अनोखा श्राद्ध किया गया है।पीटर पक्ष में पुरुषों द्वारा शादी के बाद पति छोड़ने वाली महिलाओं का जीवित पिंडदान हुआ है।महिलाओं द्वारा पति से अलग होने पर सारी रस्म और रिवाज तोड़ देने के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए पुरुषों ने ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान कर दिया है।पुरुषों ने अलग पुरुष आयोग बनाने की भी मांग की है।

Body:आज आगरा के हाथी घाट पर यमुना की तलहटी में सेव इंडियन फैमिली आगरा चैप्टर के सदस्यों ने सामूहिक पिंडदान किया है।विधि विधान से पिंडदान करने वाले पुरुषों ने यह पिंडदान किसी मरे हुए व्यक्ति का नही बल्कि जीवित महिलाओ का किया है।बातचीत में सेव इंडियन फैमिली के ब्रजेश ने बताया कि आज प्रति वर्ष 94 हजार पुरुष घरेलू कलह से आत्महत्या कर रहे हैं पर महिला शशक्तीकरण के नाम पर पुरुषों की आवाज दबा दी गयी है।महिलाएं पतियों को छोड़ देती हैं और जिस सिंदूर बिछुवे के दम पर खुद को पत्नी बताती हैं वो अलग होने पर पुरुष के जीते जी यह सब रस्म बन्द कर देती हैं और इसी को लेकर आज हमने ऐसी महिलाओं का जीवित पिंडदान किया है।

बाईट-ब्रजेश सेव इंडियन फैमिली सदस्य

बाईट-आशीष सदस्यConclusion:
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