आगराः आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियां सोच समझकर अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं. सभी ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारने की कोशिश कर रही हैं कि उन्हें किसी भी कीमत पर हार का सामना न करना पड़े. ऐसे में वे वक्त की नजाकत को देखते हुए प्रत्याशी बदल भी रहे हैं. इसी को लेकर एसपी ने फतेहाबाद विधानसभा से अपना प्रत्याशी बदल दिया है. अब बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी रुपाली दीक्षित को एसपी ने टिकट दिया है. जिसके चलते बीजेपी प्रत्याशी छोटेलाल वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
आगामी 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दल जीत दिलाने वाले प्रत्याशी पर विश्वास जता रहे हैं. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी ने आगरा की फतेहाबाद सीट पर अपना प्रत्याशी बदला है. एसपी ने पहले राजेश शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन बीजेपी को आमने-सामने की चुनौती देने के लिए एसपी ने बड़ा दांव खेला है. एसपी ने बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी रुपाली दीक्षित को नया प्रत्याशी घोषित किया है. जिसके चलते इस सीट पर बीजेपी की एकतरफा जीत की रणनीति को बड़ा झटका लगा है.
एसपी और लोकदल गठबंधन ने आगरा को 9 विधानसभा सीटों में से 6 पर प्रत्याशी घोषित किये थे. जिसमें तीन सीट राष्ट्रीय लोकदल और तीन सीट एसपी के खाते में आई थी. लेकिन फतेहाबाद विधानसभा सीट पर बीजेपी ने छोटे लाल वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया था. जिसके सामने पूर्व प्रत्याशी राजेश शर्मा की लोकप्रियता बहुत कम थी. जिसको देखते हुए एसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्षेत्रीय जातिगत मांग को देखते हुए बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी रुपाली दीक्षित पर दांव खेला है. अब बीजेपी की आसान जीत की राह में एसपी ने रुपाली दीक्षित के नाम पर मोहर लगा कर बीजेपी के अरमानों पर पानी फेर दिया है.
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फतेहाबाद विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी छोटेलाल वर्मा मैदान में हैं. 2007 में फतेहाबाद से अशोक दीक्षित ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. तब वो दूसरे नंबर पर रहे थे. अब उनकी बेटी रुपाली चुनाव मैदान में है. ऐसे में दोनों के बीच टक्कर देखी जा रही है. पिछले दिनों छोटेलाल ने अशोक दीक्षित के खिलाफ विवादित बयान भी दिया था. तब भी मामला चर्चा में आया था. रूपाली दीक्षित बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी हैं. अशोक दीक्षित में कई मुकदमे दर्ज हैं. वर्तमान में वो बरेली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. साल 2007 में फिरोजाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव के भाई सुमन यादव की गोली मारकर हत्या के मामले में 11 जुलाई 2015 को न्यायालय ने अशोक दीक्षित और अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.