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राम नाम प्रदान करता है जीव को शक्ति

आगरा के शमसाबाद जिले में चल रहे रामचरित मानस के आठवें दिन लोकेशानंद महाराज ने मानस के आध्यात्मिक से लेकर वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला. राम नाम को ध्वनि तरंगों के माध्यम से प्राण वायु का संवाहक बताया.

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Published : Jan 22, 2021, 11:52 AM IST

रामचरित मानस
रामचरित मानस

आगरा : जिले के शमसाबाद क्षेत्र में जारौली टीला पर चल रहे रामचरित मानस के आठवें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. इस दौरान लोकेशानंद महाराज ने मानस के आध्यात्मिक से लेकर वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने राम नाम को ध्वनि तरंगों के माध्यम से प्राण वायु का संवाहक बताया. वहीं आध्यात्मिक पहलू के क्रम में धर्म को समाज के समन्वय का मूल आधार कहा.

हवन व सुंदरकांड से शुभारंभ
आठवें दिन का कार्यक्रम मां कैला देवी मंदिर में हवन और संगीतमय सुंदर काण्ड पाठ से शुरू हुआ. लोकेशानंद महाराज ने राम नाम के विभिन्न गुणों का वर्णन किया. उन्होंने राम नाम के वैज्ञानिक पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राम शब्द के उच्चारण में रा शब्द वातावरण से आक्सीजन को खींचता है जबकि म शब्द शरीर के अंदर गई आक्सीजन को बाहर निकलने से रोक देता है. यही आक्सीजन प्राण वायु के रूप में जीव को शक्ति प्रदान करती है. साथ ही कहा कि सत्य के प्रति राग एवं असत्य के प्रति वैराग पैदा करना ही सत्संग का मूल उद्देश्य है. साथ ही कहा कि सत्य के साथ जिस असत्य की कल्पना की गई है, वह भी पूर्ण रूपेण असत नहीं है, क्योंकि इसी के माध्यम से सत को परिलक्षित किया जा सकता है. कार्यक्रम में पहुंचे समाजसेवी शिशुपाल सिंह धाकरे ने लोकेशानंद महाराज का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत सम्मान किया. इस अवसर पर कुंज बिहारी अग्रवाल, शिशुपाल सिंह धाकरे, सुभाष चंद्र शर्मा, आशु पंडित, अजय दीक्षित, पवन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

आगरा : जिले के शमसाबाद क्षेत्र में जारौली टीला पर चल रहे रामचरित मानस के आठवें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. इस दौरान लोकेशानंद महाराज ने मानस के आध्यात्मिक से लेकर वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने राम नाम को ध्वनि तरंगों के माध्यम से प्राण वायु का संवाहक बताया. वहीं आध्यात्मिक पहलू के क्रम में धर्म को समाज के समन्वय का मूल आधार कहा.

हवन व सुंदरकांड से शुभारंभ
आठवें दिन का कार्यक्रम मां कैला देवी मंदिर में हवन और संगीतमय सुंदर काण्ड पाठ से शुरू हुआ. लोकेशानंद महाराज ने राम नाम के विभिन्न गुणों का वर्णन किया. उन्होंने राम नाम के वैज्ञानिक पहलू पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राम शब्द के उच्चारण में रा शब्द वातावरण से आक्सीजन को खींचता है जबकि म शब्द शरीर के अंदर गई आक्सीजन को बाहर निकलने से रोक देता है. यही आक्सीजन प्राण वायु के रूप में जीव को शक्ति प्रदान करती है. साथ ही कहा कि सत्य के प्रति राग एवं असत्य के प्रति वैराग पैदा करना ही सत्संग का मूल उद्देश्य है. साथ ही कहा कि सत्य के साथ जिस असत्य की कल्पना की गई है, वह भी पूर्ण रूपेण असत नहीं है, क्योंकि इसी के माध्यम से सत को परिलक्षित किया जा सकता है. कार्यक्रम में पहुंचे समाजसेवी शिशुपाल सिंह धाकरे ने लोकेशानंद महाराज का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत सम्मान किया. इस अवसर पर कुंज बिहारी अग्रवाल, शिशुपाल सिंह धाकरे, सुभाष चंद्र शर्मा, आशु पंडित, अजय दीक्षित, पवन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

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