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कोरोना इफेक्ट: पूरन धनी स्वामी जी की समाधि अनिश्चितकाल के लिए बंद

आगरा में कोरोना की दहशत के चलते राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामी जी महाराज की पवित्र समाधि को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. इस समाधि को देखने के लिए बीते दो माह में 4200 से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए, जिसमें दक्षिण कोरिया के सबसे ज्यादा पर्यटक रहे.

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रन धनी स्वामी जी की समाधि अनिश्चितकाल के लिए बंद
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Published : Mar 6, 2020, 8:54 PM IST

आगरा: ताजनगरी के दयालबाग में राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पवित्र समाधि है, जो 114 साल में बनकर तैयार हुई, जिसमें पांच तरह की मार्बल और 155 किलोग्राम सोना लगा है. शुक्रवार सुबह से इसे अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. यह फैसला राधा स्वामी सत्संग काउंसलिंग की गुरुवार देर शाम की बैठक में कोरोना के संक्रमण के चलते लिया गया है.

आगरा मेयर और मेयर काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि ताजमहल लाल किला सहित अन्य तमाम स्मारकों को कोरोना के चलते बंद कर दिया जाए. क्योंकि इन स्थानों पर ज्यादा भीड़ रहती है.

यह पवित्र समाधि 114 साल में बनकर तैयार हुई थी.

इससे पहले ही दयालबाग में स्थित राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामी जी महाराज की पवित्र समाधि को शुक्रवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया. राधास्वामी मत के अनुयायियों के साथ ही यहां पर इटली, ईरान, जापान, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, अमेरिका सहित अन्य तमाम देशों के पर्यटक भी पहुंचते हैं, इसलिए राधास्वामी सत्संग काउंसिल ने अपनी बैठक में यह फैसला लिया.

स्वामीबाग नगर पंचायत के अध्यक्ष संजय कपूर ने बताया कि राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामी जी महाराज की पवित्र समाधि को अनिश्चितकाल तक बंद करने के लिए राधास्वामी सत्संग काउंसिल की बैठक में फैसला लिया है. कोरोना के चलते काउंसिल ने यह फैसला लिया है. जब तक कोरोना का कहर कम नहीं होता है, तब तक स्वामी महाराज की पवित्र समाधि बंद रहेगी.

इसके साथ ही सत्संग में भी ऐसे लोगों को आने के लिए मना किया है, जो सर्दी जुकाम और बुखार से पीड़ित है. नगर पंचायत की ओर से साफ सफाई के साथ ही डीडीटी छिड़काव और फागिंग भी क्षेत्र में कराई जा रही है. राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पवित्र समाधि 114 साल में बनकर तैयार हुई. सन 1904 समाधि बनना शुरू हुआ था. समाधि पर काम करने वालों की कई पीढ़ी बीत गई. आस्था के चलते लोग दूसरी जगह काम करने भी नहीं गए. यहां पर 300 मजदूर लगातार हर दिन काम करते आ रहे हैं. मकराना संगमरमर सहित अन्य संगमरमर से यह समाधि सन 2018 में बनकर तैयार हुई. इस समाधि स्थल का धार्मिक महत्व है.

ये भी पढ़ें- कोरोना का खौफ: ताजमहल, लाल किला सहित अन्य स्मारक बंद करने की मांग

आगरा: ताजनगरी के दयालबाग में राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पवित्र समाधि है, जो 114 साल में बनकर तैयार हुई, जिसमें पांच तरह की मार्बल और 155 किलोग्राम सोना लगा है. शुक्रवार सुबह से इसे अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. यह फैसला राधा स्वामी सत्संग काउंसलिंग की गुरुवार देर शाम की बैठक में कोरोना के संक्रमण के चलते लिया गया है.

आगरा मेयर और मेयर काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि ताजमहल लाल किला सहित अन्य तमाम स्मारकों को कोरोना के चलते बंद कर दिया जाए. क्योंकि इन स्थानों पर ज्यादा भीड़ रहती है.

यह पवित्र समाधि 114 साल में बनकर तैयार हुई थी.

इससे पहले ही दयालबाग में स्थित राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामी जी महाराज की पवित्र समाधि को शुक्रवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया. राधास्वामी मत के अनुयायियों के साथ ही यहां पर इटली, ईरान, जापान, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, अमेरिका सहित अन्य तमाम देशों के पर्यटक भी पहुंचते हैं, इसलिए राधास्वामी सत्संग काउंसिल ने अपनी बैठक में यह फैसला लिया.

स्वामीबाग नगर पंचायत के अध्यक्ष संजय कपूर ने बताया कि राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामी जी महाराज की पवित्र समाधि को अनिश्चितकाल तक बंद करने के लिए राधास्वामी सत्संग काउंसिल की बैठक में फैसला लिया है. कोरोना के चलते काउंसिल ने यह फैसला लिया है. जब तक कोरोना का कहर कम नहीं होता है, तब तक स्वामी महाराज की पवित्र समाधि बंद रहेगी.

इसके साथ ही सत्संग में भी ऐसे लोगों को आने के लिए मना किया है, जो सर्दी जुकाम और बुखार से पीड़ित है. नगर पंचायत की ओर से साफ सफाई के साथ ही डीडीटी छिड़काव और फागिंग भी क्षेत्र में कराई जा रही है. राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पवित्र समाधि 114 साल में बनकर तैयार हुई. सन 1904 समाधि बनना शुरू हुआ था. समाधि पर काम करने वालों की कई पीढ़ी बीत गई. आस्था के चलते लोग दूसरी जगह काम करने भी नहीं गए. यहां पर 300 मजदूर लगातार हर दिन काम करते आ रहे हैं. मकराना संगमरमर सहित अन्य संगमरमर से यह समाधि सन 2018 में बनकर तैयार हुई. इस समाधि स्थल का धार्मिक महत्व है.

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